प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2020 में पांचवीं कक्षा पास बच्चे को एक साल गैप के कारण छठी कक्षा में प्रवेश देने से इनकार करने के खिलाफ याचिका पर चेयरमैन नवोदय विद्यालय समिति से जवाब मांगा है. कोर्ट ने समिति से पूछा है क्या 2020 के छात्र एक साल गैप के बाद 2022 में अगली कक्षा में प्रवेश नहीं ले सकते. यदि आवेदन भरने में गलती हुई है तो इसका क्या प्रभाव होगा.
न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने छात्र अंकित कुमार की विशेष अपील पर आदेश दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राॅस्पेक्टस, प्रवेश संबंधी रूल रेग्यूलेशन और आवेदन की योग्यता के दस्तावेज के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. याचिका की सुनवाई 8 मार्च को होगी.
याचिका पर अधिवक्ता घनश्याम मौर्य व नवोदय विद्यालय के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी ने बहस की. याची का कहना है कि 2019-20 सत्र में उसने पांचवीं कक्षा पास की. एक साल बाद सत्र 2021-22 में झांसी के बरूआ सागर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में छठी कक्षा में प्रवेश लेने का आवेदन दिया. उसका टेस्ट लिया गया जिसमें सफल घोषित किया गया और उसे 22वी रैंक मिली.
नवोदय विद्यालय समिति ने यह कहते हुए उसे प्रवेश देने से इंकार कर दिया कि नीति के तहत उसमें प्रवेश पाने की योग्यता नहीं है. सत्र 2020-21 के छात्र ही प्रवेश पाने के हकदार हैं. इस पर छात्र ने विद्यालय समिति को कोर्ट में चुनौती दी. एकल पीठ ने विद्यालय समिति की याचिका खारिज कर दी. इस पर यह विशेष अपील दाखिल की गई है.
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