प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लड़की के अपहरण के आरोप में दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि याचीगण अदालत से जमानत प्राप्त करने का प्रयास कर सकते हैं. अदालत उस पर विचार कर नियमानुसार निर्णय लेगी.
ये आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति अजय त्यागी की खंडपीठ ने फिरोजाबाद, मक्खनपुर की पूनम देवी और चार अन्य की याचिका पर दिया है. याचियों का कहना था कि उन पर जुलाई 21 में लगाया गया लड़की के अपहरण का आरोप झूठा है. क्योंकि लड़की ने खुद ही कोर्ट में 26 अक्टूबर 21 को हाजिर होकर अपने पिता पर उसे सलमान के हाथ बेचने का आरोप लगाया है और पिता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अर्जी दी है. मजिस्ट्रेट के सामने धारा 200 का बयान भी दर्ज कराया है.
पिता की ओर से कहा गया है कि लड़की का अभी अता-पता नहीं है. वाहन पर जबरन बैठाकर अपहरण करने का याचियों पर आरोप है. जिस लड़की ने अदालत में पेश होकर बयान दर्ज कराया है और पिता के खिलाफ उसे बेचने की शिकायत की है, उसकी पहचान नहीं हो सकी है कि वह वही लड़की है.
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इस पर कोर्ट ने कहा कि अपहरण के आरोप में दर्ज एफआईआर से संज्ञेय अपराध का खुलासा होता है. जिसे रद्द नहीं किया जा सकता. कोर्ट में हाजिर लड़की वही है या दूसरी इसकी पहचान विवेचना के द्वारा की जा सकती हैं. कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकती. कोर्ट ने कहा कि अगर अपराध का खुलासा होता है तो एफआईआर रद्द नहीं की जा सकती.