प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केडीए (कानपुर विकास प्राधिकरण) को जमीन का भुगतान लेने के बाद भी बैनामा नहीं करने के मामले में 13 दिसंबर 2019 को फैसला सुनाया है. उन्होंने इस मामले में केडीए उपाध्यक्ष को आदेश दिया है कि वे जांच करें और दोषी पाए जाने पर अधिकारियों पर कार्यवाही करें. कोर्ट ने याची से भी कहा है कि उनके पास धन उगाही के सबूत है, तो केडीए उपाध्यक्ष के समक्ष में पेश करें.
याची महेश बाबू को पनकी स्थित रतनपुर कॉलोनी में फ्लैट आवंटित हुआ था. महेश बाबू ने तय भुगतान की राशि जमा कर दी. उसके बाद भी केडीए ने बैनामा नहीं किया. इस मामले को लेकर महेश बाबू ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि याची महेश बाबू नए सिरे से अपना प्रत्यावेदन 2 हफ्ते में दें. इसे केडीए उपाध्यक्ष छह हफ्ते में पूरा करें.
कोर्ट ने दिया आदेश
- कोर्ट ने कानपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को भी आदेश दिया है.
- कोर्ट ने कहा कि प्राधिकरण अधिकारियों पर याची से अवैध धन की मांग की शिकायत की जांच करके कार्रवाई करें.
- कोर्ट ने याची से भी कहा है कि उसके पास अवैध पैसा मांगने का कोई सबूत है, तो वह भी उपाध्यक्ष के समक्ष पेश करें.
- यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकान्त गुप्ता तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने महेश बाबू की याचिका पर सुनाया है.
- याची ने प्राधिकरण के अधिकारियों पर अवैध रूप से धन की मांग करने का भी आरोप लगाया है.
- इस मामले पर कोर्ट ने उपाध्यक्ष को निर्णय देने का आदेश दिया है.
20 फरवरी 2019 को प्राधिकरण ने 80340 रुपए जमा करने की नोटिस दी है जबकि 1999 में ही पूरी लागत 80,340 रुपए का भुगतान कर दिया था. इसके बावजूद बैनामा नहीं किया जा रहा है. अवैध रूप से मकान की कीमत की दोबारा वसूली की जा रही है.
-महेश बाबू ,याची