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प्रयागराज: हाईकोर्ट ने तालाब से अतिक्रमण हटाने का दिया आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज की मेजा तहसील के उरूवा ग्रामसभा में स्थित तालाब पर अवैध कब्जे के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Feb 29, 2020, 11:49 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज की मेजा तहसील के उरूवा ग्रामसभा में स्थित तालाब पर अवैध कब्जे के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार से 2 सप्ताह में हलफनामा मांगा है. याचिका की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने जय नारायण और 18 अन्य लोगों की जनहित याचिका पर दिया है.

इससे पूर्व कोर्ट ने राजस्व संहिता की धारा 67 के अंतर्गत कार्यवाही करने का निर्देश दिया था और जिलाधिकारी को तलब किया था. सरकारी अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन कर दिया गया है और एसडीएम द्वारा उचित कार्रवाई की जा रही है.

याची अधिवक्ता बृजराज सिंह का कहना है कि तालाब पर हुए अतिक्रमण के चलते गांव में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है. जब तक इस तालाब का अतिक्रमण हटाकर तालाब बहाल नहीं किया जाएगा, तब तक इस समस्या का समाधान नहीं होगा.

इसको लेकर कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया और गाटा संख्या 182 और 183 पर हुए अतिक्रमण के संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया. कोर्ट ने क कहा कि जिन लोगों ने अवैध कब्जा किया है, उन्हें वहां से कानूनी कार्रवाई कर हटाया जाए. मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी.

ये भी पढ़ें- कड़ी सुरक्षा के बीच कल प्रयागराज पहुंचेंगे पीएम मोदी, दिव्यांगों और बुजुर्गों का बढ़ाएंगे मान

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज की मेजा तहसील के उरूवा ग्रामसभा में स्थित तालाब पर अवैध कब्जे के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार से 2 सप्ताह में हलफनामा मांगा है. याचिका की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने जय नारायण और 18 अन्य लोगों की जनहित याचिका पर दिया है.

इससे पूर्व कोर्ट ने राजस्व संहिता की धारा 67 के अंतर्गत कार्यवाही करने का निर्देश दिया था और जिलाधिकारी को तलब किया था. सरकारी अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन कर दिया गया है और एसडीएम द्वारा उचित कार्रवाई की जा रही है.

याची अधिवक्ता बृजराज सिंह का कहना है कि तालाब पर हुए अतिक्रमण के चलते गांव में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है. जब तक इस तालाब का अतिक्रमण हटाकर तालाब बहाल नहीं किया जाएगा, तब तक इस समस्या का समाधान नहीं होगा.

इसको लेकर कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया और गाटा संख्या 182 और 183 पर हुए अतिक्रमण के संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया. कोर्ट ने क कहा कि जिन लोगों ने अवैध कब्जा किया है, उन्हें वहां से कानूनी कार्रवाई कर हटाया जाए. मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी.

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