प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने जज द्वारा एक अधिवक्ता से व्यवहार पर नाराज होकर उक्त न्यायाधीश की कोर्ट का बुधवार से बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. यह निर्णय एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा की अध्यक्षता में मंगलवार को नवीन पदाधिकारी कक्ष में हुई आपातकालीन बैठक में लिया गया. बैठक में कार्यकारिणी के समक्ष अधिवक्ता के प्रार्थना पत्र पर विचार किया गया. अध्यक्ष, महासचिव व कोषाध्यक्ष ने कार्यकारिणी को घटना के सम्बन्ध में अवगत कराया.
अधिवक्ता का पत्र बार एसोसिएशन में प्राप्त होने के बाद अध्यक्ष, महासचिव व कोषाध्यक्ष ने न्यायाधीश से पूर्व अनुमति लेकर उनके कक्ष में मुलाकात की. तीनों पदाधिकारियों ने न्यायालय और न्यायाधीश की गरिमा का सम्मान रखते हुए आग्रह किया कि अधिवक्ता से न्यायालय के सम्मान में कोई बात हुई है तो उसके लिए बार एसोसिएशन क्षमा मांगता है. एवं आश्वस्त किया कि उक्त अधिवक्ता न्यायालय में जाकर न्यायाधीश से बिना शर्त क्षमा मांगेंगे. न्यायालय का सम्मान सर्वोपरि है. लेकिन बहस में कभी कभी थोड़ी बहुत गलतफहमी हो जाती है. तो भी हम सब का दायित्व है. कि न्यायालय का सम्मान किया जाए लेकिन बार भी उसी प्रकार के स्नेह व सम्मान की अपेक्षा करती है.
इस घटना के अतिरिक्त पूर्व में भी कई वकीलों ने न्यायाधीश के व्यवहार की शिकायत बार एसोसिएशन से की. बार के पदाधिकारियों ने अदालत में जाकर प्रकरण को समाप्त कराया. न्यायाधीश ने प्रकरण पर विचार करने को कहा लेकिन 10 दिन बाद हाईकोर्ट की वेबसाइट पर आदेश अपलोड होने पर प्रकरण की जानकारी हुई. सम्पूर्ण परिस्थितियों को देखने के बाद बार एसोसिएशन ने निर्णय लिया कि सभी अधिवक्ता दो नवंबर से उक्त न्यायाधीश की कोर्ट का बहिष्कार करेंगे. महासचिव सत्यधीर सिंह जादौन ने बैठक का संचालन किया. बैठक में उपाध्यक्ष नीरज कुमार त्रिपाठी व सत्यम पांडेय, संयुक्त सचिव संजय सिंह सोमवंशी व ऊष्मा मिश्रा, कोषाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह,कार्यकारिणी सदस्य राखी कुमारी, अनुज सिंह, जितेंद्र सिंह, अभिषेक तिवारी, हरिमोहन केसरवानी व मानव चौरसिया उपस्थित रहे.
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