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Allahabad High Court ने निदेशक के पद पर आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर सरकार को किया तलब - न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अभियोजन निदेशक की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.

Allahabad High Court
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Published : Feb 2, 2023, 11:01 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अभियोजन निदेशालय लखनऊ में अभियोजन निदेशक के पद पर आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार व अन्य पक्षों से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को नोटिस जारी कर 48 घंटे के भीतर जवाब देने के लिए कहा है. इसके साथ ही नोटिस सीजीएम लखनऊ के मार्फत तामील कराने का निर्देश दिया है.

कृष्ण कुमार पाठक की याचिका पर न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ सुनवाई कर रही है. याची का कहना है की दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 25ए में राज्य सरकार को एक अभियोजन निदेशालय गठित करने की व्यवस्था दी गई है. इसका एक निदेशक होगा तथा कई उपनिदेशक हो सकते हैं.

याची के अधिवक्ता का कहना है कि निदेशक पद के लिए अनिवार्य अहर्ता है कि आवेदक को वकालत में 10 वर्ष का अनुभव होना चाहिए. मगर सरकार ने इस पद पर आशुतोष पांडे की नियुक्ति की है. जो कि आईपीएस अधिकारी हैं तथा निदेशक होने की बेसिक अहर्ता नहीं रखते हैं. याचिका में मांग की गई है कि आशुतोष पांडे को निदेशक के पद से हटाया जाए. उनसे यह पूछा जाए कि वह किस हैसियत से इस पद पर काम कर रहे हैं. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार सहित सभी पक्षों को 48 घंटे के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ेंः High court news: जन्मभूमि से जुड़े सभी मुकदमों की एक साथ सुनवाई के लिए 'श्री कृष्ण' पहुंचे हाईकोर्ट

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अभियोजन निदेशालय लखनऊ में अभियोजन निदेशक के पद पर आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार व अन्य पक्षों से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को नोटिस जारी कर 48 घंटे के भीतर जवाब देने के लिए कहा है. इसके साथ ही नोटिस सीजीएम लखनऊ के मार्फत तामील कराने का निर्देश दिया है.

कृष्ण कुमार पाठक की याचिका पर न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ सुनवाई कर रही है. याची का कहना है की दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 25ए में राज्य सरकार को एक अभियोजन निदेशालय गठित करने की व्यवस्था दी गई है. इसका एक निदेशक होगा तथा कई उपनिदेशक हो सकते हैं.

याची के अधिवक्ता का कहना है कि निदेशक पद के लिए अनिवार्य अहर्ता है कि आवेदक को वकालत में 10 वर्ष का अनुभव होना चाहिए. मगर सरकार ने इस पद पर आशुतोष पांडे की नियुक्ति की है. जो कि आईपीएस अधिकारी हैं तथा निदेशक होने की बेसिक अहर्ता नहीं रखते हैं. याचिका में मांग की गई है कि आशुतोष पांडे को निदेशक के पद से हटाया जाए. उनसे यह पूछा जाए कि वह किस हैसियत से इस पद पर काम कर रहे हैं. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार सहित सभी पक्षों को 48 घंटे के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

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