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आदेश का पालन करें या अवमानना आरोप के लिए तैयार रहें सचिव आराधना शुक्ला: हाईकोर्ट

प्रयागराज में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला को आदेश का पालन करने या अवमानना आरोप के लिए तैयार रहने को कहा है.

हाईकोर्ट
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Published : Jan 7, 2021, 10:54 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला को 20 जनवरी 2021 तक आदेश का पालन करने या अवमानना आरोप के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने अध्यापक कमलेश प्रसाद तिवारी की अवमानना याचिका पर दिया है.

वेतन भुगतान के आदेश का नहीं हुआ पालन

याची के अधिवक्ता लोकेश द्विवेदी ने सुनवाई के दौरान कहा कि याची पेशे से अध्यापक है और सेवानिवृत्ति के करीब है. उनके बकाया वेतन के भुगतान के आदेश की खंडपीठ से पुष्टि के बावजूद पालन नहीं किया जा रहा है. न ही याची के वेतन का आंकलन किया है और न ही बकाया वेतन के भुगतान की मंशा है.

खंडपीठ के आदेश को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

वहीं इस याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कहा गया कि खंडपीठ के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, इसलिए सुनवाई टाली जाय. कोर्ट ने सरकार की इस दलील को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि एसएलपी दाखिल होने मात्र से आदेश पर रोक नहीं लग जाती.

हलफनामा दाखिल करने का आदेश

कोर्ट ने आदेश की अवहेलना करने पर विपक्षियों को तलब किया था. इस दौरान तीन अधिकारी पेश हुए. सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने पेशी से छूट मांगी. उनके द्वारा आदेश का पालन नहीं किया गया. कोर्ट ने अधिकारियों की हाजिरी माफ करते हुए आदेश का अनुपालन कर हलफनामा दाखिल करने का समय दिया है. और कहा कि यदि पालन नही किया तो कोर्ट सचिव के खिलाफ अवमानना आरोप निर्मित करेगी. इस मामले में अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला को 20 जनवरी 2021 तक आदेश का पालन करने या अवमानना आरोप के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने अध्यापक कमलेश प्रसाद तिवारी की अवमानना याचिका पर दिया है.

वेतन भुगतान के आदेश का नहीं हुआ पालन

याची के अधिवक्ता लोकेश द्विवेदी ने सुनवाई के दौरान कहा कि याची पेशे से अध्यापक है और सेवानिवृत्ति के करीब है. उनके बकाया वेतन के भुगतान के आदेश की खंडपीठ से पुष्टि के बावजूद पालन नहीं किया जा रहा है. न ही याची के वेतन का आंकलन किया है और न ही बकाया वेतन के भुगतान की मंशा है.

खंडपीठ के आदेश को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

वहीं इस याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कहा गया कि खंडपीठ के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, इसलिए सुनवाई टाली जाय. कोर्ट ने सरकार की इस दलील को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि एसएलपी दाखिल होने मात्र से आदेश पर रोक नहीं लग जाती.

हलफनामा दाखिल करने का आदेश

कोर्ट ने आदेश की अवहेलना करने पर विपक्षियों को तलब किया था. इस दौरान तीन अधिकारी पेश हुए. सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने पेशी से छूट मांगी. उनके द्वारा आदेश का पालन नहीं किया गया. कोर्ट ने अधिकारियों की हाजिरी माफ करते हुए आदेश का अनुपालन कर हलफनामा दाखिल करने का समय दिया है. और कहा कि यदि पालन नही किया तो कोर्ट सचिव के खिलाफ अवमानना आरोप निर्मित करेगी. इस मामले में अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी.

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