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HC में 50 फीसदी स्टाफ से काम लेने का निर्देश, परिसर में पान, तंबाकू और गुटखा खाने पर प्रतिबंध

इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने बढ़ते कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए सभी अनुभाग अधिकारियों/ सुपरवाइजिंग अधिकारियों को निर्देश दिया है कि एक दिन के गैप पर 50 फीसदी स्टाफ से इस तरह कार्य लें कि किसी भी सीट का काम रुकने न पाये.

HC में 50 फीसदी स्टाफ से काम लेने का निर्देश
HC में 50 फीसदी स्टाफ से काम लेने का निर्देश
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Published : Jan 16, 2022, 8:48 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी 50 फीसदी स्टाफ से काम लेने का निर्देश दिया है. ऐसा इसलिए किया गया है कि किसी भी सीट का काम रुकने न पाये. परिसर में पान, तंबाकू, गुटखा, शराब पर प्रतिबंध लगा दिया है.

निबंधक न्यायिक द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जिस किसी अधिकारी को बुखार हो तो फौरन कोविड जांच करायें. हाईकोर्ट प्रयागराज और लखनऊ कोर्ट परिसर में शराब, पान, गुटखा और तंबाकू खाकर आने पर पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसके साथ ही गंभीर बीमारी से पीड़ित अधिकारियों को इसकी जानकारी न्यायालय प्रशासन को देने को कहा गया है. ताकि ऐसे लोगों को ड्यूटी पर तैनाती से छूट दी जा सके. ये सूचना लखनऊ पीठ के सीनियर रजिस्ट्रार और इलाहाबाद के रजिस्ट्रार न्यायिक को दी जाये.

इसमें कहा गया है कि 50फीसदी अधिकारियों और स्टाफ से काम लेने में सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखी जाये. अनुभाग अधिकारी को यह छूट दी गई है कि अतिआवश्यक होने पर घर पर बैठे स्टाफ को काम के लिए बुला सकते हैं.

इसे भी पढ़ें- Corona Cases in UP: 15 जनवरी को बंद रहेगा इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ पीठ

कोर्ट ने कहा है कि सभी स्टाफ टेलीफोन या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जरिए अपने अनुभाग से संपर्क बनाये रखें. इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है. मुख्य न्यायाधीश ने यह आदेश प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के 10 जनवरी 22 के अनुरोध पत्र पर दिया है. जिसमें कोरोना संक्रमण की चेन ब्रेक करने के लिए 50 फीसदी स्टाफ से काम लेने का अनुरोध किया गया है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी 50 फीसदी स्टाफ से काम लेने का निर्देश दिया है. ऐसा इसलिए किया गया है कि किसी भी सीट का काम रुकने न पाये. परिसर में पान, तंबाकू, गुटखा, शराब पर प्रतिबंध लगा दिया है.

निबंधक न्यायिक द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जिस किसी अधिकारी को बुखार हो तो फौरन कोविड जांच करायें. हाईकोर्ट प्रयागराज और लखनऊ कोर्ट परिसर में शराब, पान, गुटखा और तंबाकू खाकर आने पर पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसके साथ ही गंभीर बीमारी से पीड़ित अधिकारियों को इसकी जानकारी न्यायालय प्रशासन को देने को कहा गया है. ताकि ऐसे लोगों को ड्यूटी पर तैनाती से छूट दी जा सके. ये सूचना लखनऊ पीठ के सीनियर रजिस्ट्रार और इलाहाबाद के रजिस्ट्रार न्यायिक को दी जाये.

इसमें कहा गया है कि 50फीसदी अधिकारियों और स्टाफ से काम लेने में सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखी जाये. अनुभाग अधिकारी को यह छूट दी गई है कि अतिआवश्यक होने पर घर पर बैठे स्टाफ को काम के लिए बुला सकते हैं.

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कोर्ट ने कहा है कि सभी स्टाफ टेलीफोन या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जरिए अपने अनुभाग से संपर्क बनाये रखें. इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है. मुख्य न्यायाधीश ने यह आदेश प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के 10 जनवरी 22 के अनुरोध पत्र पर दिया है. जिसमें कोरोना संक्रमण की चेन ब्रेक करने के लिए 50 फीसदी स्टाफ से काम लेने का अनुरोध किया गया है.

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