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बालाजी हाईटेक कांस्ट्रक्शन के डायरेक्टर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी जमानत - इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने करोड़ों के बैंक लोन फ्रॉड के आरोपी मेसर्स बालाजी हाईटेक कांस्ट्रक्शन्स प्रा.लि. के डायरेक्टर सचिन दत्ता की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने कहा कि समान आरोप के तीन मामलों में याची को जमानत मिल चुकी है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Feb 22, 2022, 8:04 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने करोड़ों के बैंक लोन फ्रॉड के आरोपी मेसर्स बालाजी हाई टेक कांस्ट्रक्शन्स प्रा.लि. के डायरेक्टर सचिन दत्ता की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने कहा कि समान आरोप के तीन मामलों में याची को जमानत मिल चुकी है. इस लोन घोटाले केस में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. ट्रायल शीघ्र पूरा होने की संभावना नहीं है. याची 17 मार्च 2020 से जेल में बंद हैं. हाईकोर्ट ने शर्तों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है और कहा है कि उल्लंघन करने पर जमानत निरस्त की जा सकती है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने दिया.

बालाजी गाजियाबाद में बहुमंजिली रिहायशी इमारत का निर्माण कर रही है. उसने खरीदारों, आवंटियों की मिलीभगत से पंजाब नेशनल बैंक गाजियाबाद से बालाजी फास्टर हाई राइज निर्माण के लिए फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों का लोन लिया. एक फ्लैट पर कई आवंटियों के नाम सुरक्षा गारंटी लोन लिया गया, जिससे फ्लैट खरीदा जाना था.

यह भी पढ़ें: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर 20 माह बाद कब्र खोदकर निकाला गया शव

घोटाले का पता लगा तो 32 एफआईआर दर्ज कराई गईं. इसमें डायरेक्टर याची, बैंक अधिकारियों व अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. 30 दिसंबर 2020 को सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की. 17 मार्च 2020 को गिरफ्तार कर याची को जेल भेज दिया गया. केस की सीबीआई कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई, लेकिन अभी कोई गवाह नहीं आया है. समान आरोप वाले मामलों में जमानत मंजूर होने के आधार पर कोर्ट ने जमानत मंजूर कर ली है.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने करोड़ों के बैंक लोन फ्रॉड के आरोपी मेसर्स बालाजी हाई टेक कांस्ट्रक्शन्स प्रा.लि. के डायरेक्टर सचिन दत्ता की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने कहा कि समान आरोप के तीन मामलों में याची को जमानत मिल चुकी है. इस लोन घोटाले केस में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. ट्रायल शीघ्र पूरा होने की संभावना नहीं है. याची 17 मार्च 2020 से जेल में बंद हैं. हाईकोर्ट ने शर्तों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है और कहा है कि उल्लंघन करने पर जमानत निरस्त की जा सकती है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने दिया.

बालाजी गाजियाबाद में बहुमंजिली रिहायशी इमारत का निर्माण कर रही है. उसने खरीदारों, आवंटियों की मिलीभगत से पंजाब नेशनल बैंक गाजियाबाद से बालाजी फास्टर हाई राइज निर्माण के लिए फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों का लोन लिया. एक फ्लैट पर कई आवंटियों के नाम सुरक्षा गारंटी लोन लिया गया, जिससे फ्लैट खरीदा जाना था.

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घोटाले का पता लगा तो 32 एफआईआर दर्ज कराई गईं. इसमें डायरेक्टर याची, बैंक अधिकारियों व अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. 30 दिसंबर 2020 को सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की. 17 मार्च 2020 को गिरफ्तार कर याची को जेल भेज दिया गया. केस की सीबीआई कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई, लेकिन अभी कोई गवाह नहीं आया है. समान आरोप वाले मामलों में जमानत मंजूर होने के आधार पर कोर्ट ने जमानत मंजूर कर ली है.

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