ETV Bharat / state

परवेज परवाज की सजा निलंबित, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी जमानत को मंजूरी

author img

By

Published : Jun 3, 2023, 6:37 AM IST

गोरखपुर के सामाजिक कार्यकर्ता परवेज परवाज को गैंग रैप के आरोप में मिली कैद और जुर्माने की सजा को शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सस्पेंड कर दिया. साथ ही उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश (Allahabad High Court granted bail to Social worker Parvez Parvaz) दिया.

Etv Bharat
सामाजिक कार्यकर्ता परवेज परवाज Social worker Parvez Parvaz Allahabad High Court granted bail Allahabad High Court Order इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी जमानत

प्रयागराज: शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोरखपुर के सामाजिक कार्यकर्ता परवेज परवाज को गैंग रैप के आरोप में मिली कैद व जुर्माने की सजा निलंबित करते हुए उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. साथ ही अपील को अंतिम सुनवाई के लिए 28 जुलाई को पेश करने का निर्देश दिया है.

यह आदेश (Allahabad High Court granted bail to Social worker Parvez Parvaz) न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद फरमान अहमद नकवी और सरकारी वकील को सुनकर दिया है. याची का कहना था कि राजघाट थानाक्षेत्र के इस मामले में उसे झूठा फंसाया गया है. उसके खिलाफ ठोस सबूत नहीं है. दो विवेचकों के साइट प्लान में अंतर है और उन्होंने पीड़िता की उम्र दर्ज करने में गलती की है. मेडिकल जांच में चोटें नहीं पाई गई हैं.

याची 68 वर्षीय वृद्ध है और घटना के समय उसकी आयु 63 वर्ष थी. इससे पहले उसके विरुद्ध एक ही आपराधिक मुकदमा है और उस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है. सरकारी वकील ने जमानत का विरोध किया लेकिन याचिका के तथ्यों का खंडन नहीं किया. गौरतलब है कि परवेज परवाज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ वर्ष 2007 में उनके विवादित बयान को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी.

परवेज परवाज ने 2007 में गोरखपुर के तत्कालीन सांसद एवं वर्तमान में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ हेटस्पीच की शिकायत दर्ज करायी थी. उन्होंने इस संबंध में हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी और कहा था कि योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पास दिए भाषण के कारण गोरखपुर सहित आसपास के इलाकों में दंगा भड़का था. वे इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे. (Allahabad High Court Order )

ये भी पढ़ें- ओडिशा रेल हादसाः 233 पहुंची मरने वालों की संख्या, मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने की पुष्टि

प्रयागराज: शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोरखपुर के सामाजिक कार्यकर्ता परवेज परवाज को गैंग रैप के आरोप में मिली कैद व जुर्माने की सजा निलंबित करते हुए उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. साथ ही अपील को अंतिम सुनवाई के लिए 28 जुलाई को पेश करने का निर्देश दिया है.

यह आदेश (Allahabad High Court granted bail to Social worker Parvez Parvaz) न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद फरमान अहमद नकवी और सरकारी वकील को सुनकर दिया है. याची का कहना था कि राजघाट थानाक्षेत्र के इस मामले में उसे झूठा फंसाया गया है. उसके खिलाफ ठोस सबूत नहीं है. दो विवेचकों के साइट प्लान में अंतर है और उन्होंने पीड़िता की उम्र दर्ज करने में गलती की है. मेडिकल जांच में चोटें नहीं पाई गई हैं.

याची 68 वर्षीय वृद्ध है और घटना के समय उसकी आयु 63 वर्ष थी. इससे पहले उसके विरुद्ध एक ही आपराधिक मुकदमा है और उस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है. सरकारी वकील ने जमानत का विरोध किया लेकिन याचिका के तथ्यों का खंडन नहीं किया. गौरतलब है कि परवेज परवाज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ वर्ष 2007 में उनके विवादित बयान को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी.

परवेज परवाज ने 2007 में गोरखपुर के तत्कालीन सांसद एवं वर्तमान में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ हेटस्पीच की शिकायत दर्ज करायी थी. उन्होंने इस संबंध में हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी और कहा था कि योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पास दिए भाषण के कारण गोरखपुर सहित आसपास के इलाकों में दंगा भड़का था. वे इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे. (Allahabad High Court Order )

ये भी पढ़ें- ओडिशा रेल हादसाः 233 पहुंची मरने वालों की संख्या, मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने की पुष्टि

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.