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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में मुख्तार अंसारी की अर्जी खारिज की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली मुख्तार अंसारी की गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे की कार्यवाही पर रोक की अर्जी खारिज कर दी है. गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गुरुवार को मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई है.

मुख्तार अंसारी
मुख्तार अंसारी
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Published : Dec 16, 2022, 10:20 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली मुख्तार अंसारी की गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे की कार्यवाही पर रोक की मांग में दाखिल अर्जी औचित्यहीन होने के कारण खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने दिया है.

मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने बताया कि सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अर्जी में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गई थी. उन्होंने बताया कि गैंग चार्ट डीएम से अप्रूव्ड न होने को आधार बनाया गया था. अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई होनी थी लेकिन गाजीपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने गुरुवार को ही सजा सुना दी. जिससे 482 की अर्जी औचित्यहीन हो गई. औचित्यहीन होने के कारण उसे खारिज कर दिया गया.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली मुख्तार अंसारी की गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे की कार्यवाही पर रोक की मांग में दाखिल अर्जी औचित्यहीन होने के कारण खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने दिया है.

मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने बताया कि सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अर्जी में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गई थी. उन्होंने बताया कि गैंग चार्ट डीएम से अप्रूव्ड न होने को आधार बनाया गया था. अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई होनी थी लेकिन गाजीपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने गुरुवार को ही सजा सुना दी. जिससे 482 की अर्जी औचित्यहीन हो गई. औचित्यहीन होने के कारण उसे खारिज कर दिया गया.

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