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बीटेक डिग्री वाले नहीं बन सकते गणित के शिक्षक, टीजीटी परीक्षा में नहीं हो सकेंगे शामिल - इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गणित विषय के साथ बीटेक और बीएड धारक को टीजीटी अध्यापक भर्ती में शामिल होने का हकदार नहीं माना है. साथ ही इसके लिए दाखिल याचिका को खारिज कर दी है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Aug 18, 2021, 9:48 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गणित विषय के साथ बीटेक और बीएड डिग्री धारक को टीजीटी अध्यापक भर्ती में शामिल होने का हकदार नहीं माना और याचिका खारिज कर दी है. सरकारी वकील का कहना था कि टीजीटी अध्यापक भर्ती योग्यता गणित विषय से बीए या बीएससी डिग्री निर्धारित की गई है. इसमें समकक्ष डिग्री को मान्यता नहीं दी गई है. साथ ही आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 15 अप्रैल 21 समाप्त हो चुकी है. ऐसे में याची कोई अनुतोष पाने का हकदार नहीं हैं.

याचिका पर अधिवक्ता वीके चंदेल व मयंक चंदेल ने बहस की. इनका कहना था कि याची की नियुक्ति सर्वोदय विद्यापीठ इंटर कॉलेज मीरगंज, जौनपुर में तदर्थ रुप में प्रबंध समिति ने की है. अनुमोदन और वेतन के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्रावली भेजी गई है. कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक को इस पर निर्णय लेने का निर्देश भी दिया था. किन्तु कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

इसे भी पढ़ें- काशी विश्वेश्वर नाथ मंदिर-मस्जिद विवाद: ASI और राज्य सरकार से कोर्ट ने मांगा जवाब

सरकार की तरफ से बताया गया कि प्रदेश में कुल 1585 तदर्थ अध्यापक कार्यरत हैं. जिसमें से 1311 अध्यापकों को कोर्ट के आदेश से वेतन दिया जा रहा है. अभी भी 274अध्यापकों को वेतन नहीं दिया जा रहा है. याची का कहना था कि नियमानुसार वह तदर्थ अध्यापक के रूप में नियुक्त किया गया है और कॉलेज में कार्यरत हैं. यह नियुक्ति पद पर नियमित नियुक्ति होने तक ही की गई है और गणित विषय के साथ बीटेक और बीएड डिग्री धारक याची को भर्ती में शामिल होने योग्य नहीं माना गया.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गणित विषय के साथ बीटेक और बीएड डिग्री धारक को टीजीटी अध्यापक भर्ती में शामिल होने का हकदार नहीं माना और याचिका खारिज कर दी है. सरकारी वकील का कहना था कि टीजीटी अध्यापक भर्ती योग्यता गणित विषय से बीए या बीएससी डिग्री निर्धारित की गई है. इसमें समकक्ष डिग्री को मान्यता नहीं दी गई है. साथ ही आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 15 अप्रैल 21 समाप्त हो चुकी है. ऐसे में याची कोई अनुतोष पाने का हकदार नहीं हैं.

याचिका पर अधिवक्ता वीके चंदेल व मयंक चंदेल ने बहस की. इनका कहना था कि याची की नियुक्ति सर्वोदय विद्यापीठ इंटर कॉलेज मीरगंज, जौनपुर में तदर्थ रुप में प्रबंध समिति ने की है. अनुमोदन और वेतन के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्रावली भेजी गई है. कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक को इस पर निर्णय लेने का निर्देश भी दिया था. किन्तु कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

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सरकार की तरफ से बताया गया कि प्रदेश में कुल 1585 तदर्थ अध्यापक कार्यरत हैं. जिसमें से 1311 अध्यापकों को कोर्ट के आदेश से वेतन दिया जा रहा है. अभी भी 274अध्यापकों को वेतन नहीं दिया जा रहा है. याची का कहना था कि नियमानुसार वह तदर्थ अध्यापक के रूप में नियुक्त किया गया है और कॉलेज में कार्यरत हैं. यह नियुक्ति पद पर नियमित नियुक्ति होने तक ही की गई है और गणित विषय के साथ बीटेक और बीएड डिग्री धारक याची को भर्ती में शामिल होने योग्य नहीं माना गया.

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