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कांस्टेबल भर्ती 2018: हाईकोर्ट ने पांच कैंडिडेट्स की याचिका पर सुनाया फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती 2018 में अलग मेडिकल बोर्ड से लंबाई की जांच कराने पर जिन अभ्यर्थियों की लंबाई मानक के अनुरूप पाई गई है, उनको भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का आदेश दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती 2018 के लिए दिया बड़ा आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती 2018 के लिए दिया बड़ा आदेश
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Published : Jun 10, 2020, 10:09 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती 2018 में अलग मेडिकल बोर्ड से लंबाई की जांच कराने पर जिन अभ्यर्थियों की लंबाई मानक के अनुरूप पाई गई है. उनको भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का आदेश दिया है. अमन कुमार और चार अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी ने दिया.

याची के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी के अनुसार याचीगण कांस्टेबल भर्ती 2018 की लिखित परीक्षा में सफल हुए थे. शारीरिक मानक परीक्षण के दौरान उनको यह कहकर बाहर कर दिया गया कि उनकी लंबाई निर्धारित मानक 168 सेंटीमीटर से कम है, जबकि उन्होंने स्वतंत्र मेडिकल बोर्ड से जांच कराई है, जिसमें उनकी लंबाई मानक के अनुरूप पाई गई. हाईकोर्ट ने याचीगण को पांच हजार रुपये प्रति व्यक्ति जमा करने की शर्त के साथ सीएमओ जौनपुर को एक मेडिकल बोर्ड गठित कर लंबाई की जांच करने का निर्देश दिया था. मेडिकल बोर्ड में प्रोफसर और एसोसिएट प्रोफेसर स्तर के तीन डॉक्टर और एक डिप्टी एसपी रैंक का अधिकारी मौजूद होना अनिवार्य था.

कोर्ट के आदेश पर सीएमओ ने मेडिकल बोर्ड गठित कर सभी की लंबाई की जांच कराई. याची संख्या एक, तीन और चार की लंबाई मानक के अनुरूप पाई गई, जबकि याची संख्या दो और पांच की लंबाई मानक से कम थी. कोर्ट ने याची एक, तीन और चार को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का निर्देश दिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती 2018 में अलग मेडिकल बोर्ड से लंबाई की जांच कराने पर जिन अभ्यर्थियों की लंबाई मानक के अनुरूप पाई गई है. उनको भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का आदेश दिया है. अमन कुमार और चार अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी ने दिया.

याची के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी के अनुसार याचीगण कांस्टेबल भर्ती 2018 की लिखित परीक्षा में सफल हुए थे. शारीरिक मानक परीक्षण के दौरान उनको यह कहकर बाहर कर दिया गया कि उनकी लंबाई निर्धारित मानक 168 सेंटीमीटर से कम है, जबकि उन्होंने स्वतंत्र मेडिकल बोर्ड से जांच कराई है, जिसमें उनकी लंबाई मानक के अनुरूप पाई गई. हाईकोर्ट ने याचीगण को पांच हजार रुपये प्रति व्यक्ति जमा करने की शर्त के साथ सीएमओ जौनपुर को एक मेडिकल बोर्ड गठित कर लंबाई की जांच करने का निर्देश दिया था. मेडिकल बोर्ड में प्रोफसर और एसोसिएट प्रोफेसर स्तर के तीन डॉक्टर और एक डिप्टी एसपी रैंक का अधिकारी मौजूद होना अनिवार्य था.

कोर्ट के आदेश पर सीएमओ ने मेडिकल बोर्ड गठित कर सभी की लंबाई की जांच कराई. याची संख्या एक, तीन और चार की लंबाई मानक के अनुरूप पाई गई, जबकि याची संख्या दो और पांच की लंबाई मानक से कम थी. कोर्ट ने याची एक, तीन और चार को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का निर्देश दिया है.

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