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Allahabad High Court: स्टाफ नर्स और सिस्टर भर्ती को चुनौती - न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों में स्टाफ नर्स और सिस्टर भर्ती मामले में सफल अभ्यर्थियों से अधिक अंक पाने वालों के चयन में विचार न करने के खिलाफ याचिका पर लोक सेवा आयोग व राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

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Allahabad High Cour
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Published : Apr 7, 2022, 6:00 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों स्टाफ नर्स, सिस्टर भर्ती मामले में लोक सेवा आयोग और सरकार से जवाब मांगा है. कुछ अभ्यर्थियों को दिए गए अंक से अधिक अंक प्राप्त होने के बावजूद चयन में शामिल नहीं किया गया. इसलिए याची ने इलाहाबाद हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी.

कोर्ट ने फिलहाल अंतरिम राहत नहीं दी है. कहा है कि घोषित परिणाम याचिका के निर्णय पर निर्भर करेगा. याचिका की सुनवाई 19 अप्रैल को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने प्रीति पटेल व अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता अजय त्रिपाठी व सुनील कुमार शुक्ल व आयोग के अधिवक्ता बी.के एस रघुवंशी ने पक्ष रखा.

पढ़ेंः हाईकोर्ट ने झाझर गांव में अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण पर लगाई रोक..पढ़िए पूरी खबर

तीन अक्टूबर 2021 को परिणाम घोषित किया गया और 28 मार्च 2022 को वेबसाइट पर उत्तर कुंजी अपलोड की गई. आपत्ति नहीं मांगी गई. कुछ अभ्यर्थियों को दिए गए अंक से अधिक अंक प्राप्त होने के बावजूद चयन में शामिल नहीं किया गया. कुछ को चयनित से अधिक अंक प्राप्त हुए हैं. फिर भी चयन में शामिल नहीं किया गया. अनुभव योग्यता किस आधार पर स्वीकार या अस्वीकार की गई. इस बात का खुलासा नहीं किया गया है. याची का कहना है कि प्रक्रियात्मक खामियां हैं. ऑनलाइन आवेदन दिया गया जिसमें प्रक्रियात्मक कमी रह गई. वहीं, आयोग के अधिवक्ता ने 10 दिन का समय मांगा है.

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प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों स्टाफ नर्स, सिस्टर भर्ती मामले में लोक सेवा आयोग और सरकार से जवाब मांगा है. कुछ अभ्यर्थियों को दिए गए अंक से अधिक अंक प्राप्त होने के बावजूद चयन में शामिल नहीं किया गया. इसलिए याची ने इलाहाबाद हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी.

कोर्ट ने फिलहाल अंतरिम राहत नहीं दी है. कहा है कि घोषित परिणाम याचिका के निर्णय पर निर्भर करेगा. याचिका की सुनवाई 19 अप्रैल को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने प्रीति पटेल व अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता अजय त्रिपाठी व सुनील कुमार शुक्ल व आयोग के अधिवक्ता बी.के एस रघुवंशी ने पक्ष रखा.

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तीन अक्टूबर 2021 को परिणाम घोषित किया गया और 28 मार्च 2022 को वेबसाइट पर उत्तर कुंजी अपलोड की गई. आपत्ति नहीं मांगी गई. कुछ अभ्यर्थियों को दिए गए अंक से अधिक अंक प्राप्त होने के बावजूद चयन में शामिल नहीं किया गया. कुछ को चयनित से अधिक अंक प्राप्त हुए हैं. फिर भी चयन में शामिल नहीं किया गया. अनुभव योग्यता किस आधार पर स्वीकार या अस्वीकार की गई. इस बात का खुलासा नहीं किया गया है. याची का कहना है कि प्रक्रियात्मक खामियां हैं. ऑनलाइन आवेदन दिया गया जिसमें प्रक्रियात्मक कमी रह गई. वहीं, आयोग के अधिवक्ता ने 10 दिन का समय मांगा है.

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