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हाईकोर्ट बार के महासचिव ने चीफ जस्टिस से प्रदेश की फेल कानून व्यवस्था पर हस्तक्षेप की मांग की

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के निर्वाचित महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने एक बार फिर से चीफ जस्टिस को अनुस्मारक पत्र भेजकर प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर हस्तक्षेप करने की मांग की है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jul 11, 2020, 12:02 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के निर्वाचित महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने एक बार फिर से चीफ जस्टिस को अनुस्मारक पत्र भेजकर प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर हस्तक्षेप करने की मांग की है.

महासचिव ने आज भेजे अपने पत्र में कहा है कि यूपी में कानून व्यवस्था फेल हो गयी है. इसके अलावा पत्र में कहा गया है कि संविधान में प्रदत्त नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा के लिए कोर्ट आगे आए और हस्तक्षेप करे.

बार महासचिव ने चीफ जस्टिस को आज दोबारा भेजे अपने पत्र में कहा कि लोकतंत्र के तीसरे स्तम्भ का मुखिया होने के नाते आपसे विनम्र विनती है कि आप प्रदेश के हालात पर हस्तक्षेप करें, और एक उचित व कठोर दिशा निर्देश जारी करें. जिससे प्रदेश की जनता के मन में कानून का शासन होने का एहसास हो और वे अपने को सुरक्षित महसूस करें.

मालूम हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने 9 जुलाई को भी एक पत्र चीफ जस्टिस के नाम उन्हें सम्बोधित करते हुए भेजा था. जिसमे कानपुर के विकास दुबे के करीबी अमर दुबे को हमीरपुर से पकड़ कर एनकाउंटर में मारे जाने पर सवाल उठाते हुए संज्ञान लेने की प्रार्थना की थी. पत्र का संज्ञान न लिए जाने पर एक बार फिर एक पत्र चीफ जस्टिस को अनुस्मारक के रूप में लिखा गया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के निर्वाचित महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने एक बार फिर से चीफ जस्टिस को अनुस्मारक पत्र भेजकर प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर हस्तक्षेप करने की मांग की है.

महासचिव ने आज भेजे अपने पत्र में कहा है कि यूपी में कानून व्यवस्था फेल हो गयी है. इसके अलावा पत्र में कहा गया है कि संविधान में प्रदत्त नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा के लिए कोर्ट आगे आए और हस्तक्षेप करे.

बार महासचिव ने चीफ जस्टिस को आज दोबारा भेजे अपने पत्र में कहा कि लोकतंत्र के तीसरे स्तम्भ का मुखिया होने के नाते आपसे विनम्र विनती है कि आप प्रदेश के हालात पर हस्तक्षेप करें, और एक उचित व कठोर दिशा निर्देश जारी करें. जिससे प्रदेश की जनता के मन में कानून का शासन होने का एहसास हो और वे अपने को सुरक्षित महसूस करें.

मालूम हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने 9 जुलाई को भी एक पत्र चीफ जस्टिस के नाम उन्हें सम्बोधित करते हुए भेजा था. जिसमे कानपुर के विकास दुबे के करीबी अमर दुबे को हमीरपुर से पकड़ कर एनकाउंटर में मारे जाने पर सवाल उठाते हुए संज्ञान लेने की प्रार्थना की थी. पत्र का संज्ञान न लिए जाने पर एक बार फिर एक पत्र चीफ जस्टिस को अनुस्मारक के रूप में लिखा गया है.

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