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मुख्य न्यायमूर्ति जस्टिस दिवाकर की विदाई, बोले- यदि आपने इलाहाबाद हाईकोर्ट नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (High Court Bar Association) ने मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर (Chief Justice Pritinkar Diwakar) को भावपूर्ण विदाई दी. प्रीतिंकर दिवाकर ने कहा कि यदि आपने इलाहाबाद हाईकोर्ट नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 20, 2023, 10:28 PM IST

प्रयागराज: हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सोमवार को मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर को समारोहपूर्वक विदाई दी. हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुए समारोह में चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने कहा कि कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने न्यायिक कार्यों के सम्पादन के दौरान बहुत मदद की. बार एसोसिएशन के लिए कुछ और बेहतर कर सकें, यही उनसे अपेक्षा है.

उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानान्तरण के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति ने अवगत कराया कि वकालत और न्यायाधीश के तौर पर यदि आपने इलाहाबाद नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा. कार्यक्रम में उपस्थित अधिवक्ताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि न्याय के क्षेत्र में यहां जो कुछ मुझे मिला, उसे सम्भाल कर रखना मेरी नैतिक जिम्मेदारी होगी. न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट पूरे प्रदेश की जनता की आस्था और विश्वास का केंद्र है. यह भविष्य में इसी तरह कायम रहे. इसकी जिम्मेदारी हम सभी की है.

मुख्य न्यायमूर्ति ने कहा कि बार एसोसिएशन के लिए क्या कुछ कर सकें, यह हमेशा उनके मन में रहा है. न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने कहा कि अपनों के बीच आकर एक सुखद अनुभूति होती है. हम लोग तो मौका तलाशते रहते हैं अपनों के बीच आने का. उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायमूर्ति बार एसोसिएशन के हित में कार्य को पूर्ण करने में हमेशा आगे रहे हैं. कोविड 19 के दौरान भी किसी को भी निराश नहीं होने दिया और बिना समय व्यतीत किए न्यायिक कार्य शुरू किया. जिस जज्बे के साथ वह न्यायिक कार्यों के सम्पादन में आगे रहे, ठीक उसी प्रकार से एक कुशल खिलाड़ी के रूप में भी उनका जज्बा कायम रहा. न्यायमूर्ति अजय भनोट ने कहा कि किस प्रकार से हम एक दूसरे के दिल को छू जाएं, इस तरह का मौका तलाशते रहते हैं. हम लोगों का जो दृष्टिकोण रहा, उससे प्रेरित होना स्वाभाविक है. मुख्य न्यायमूर्ति से उन्हें बहुत कुछ सीखने का मौका मिला. जो उनके जीवन में चिर स्थायी रहेगा.

समारोह का संचालन महासचिव नितिन शर्मा और उपाध्यक्ष आशुतोष पांडेय ने संयुक्त रूप से किया. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र, न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी, न्यायमूर्ति वीके बिड़ला, न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र, न्यायमूर्ति अजय भनोट हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह व महासचिव नितिन शर्मा ने किया. अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह व महासचिव नितिन शर्मा ने मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर का माल्यार्पण किया और स्मृति चिह्न भेंटकर स्वागत किया. वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित कुमार श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण दिया.

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प्रयागराज: हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सोमवार को मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर को समारोहपूर्वक विदाई दी. हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुए समारोह में चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने कहा कि कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने न्यायिक कार्यों के सम्पादन के दौरान बहुत मदद की. बार एसोसिएशन के लिए कुछ और बेहतर कर सकें, यही उनसे अपेक्षा है.

उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानान्तरण के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति ने अवगत कराया कि वकालत और न्यायाधीश के तौर पर यदि आपने इलाहाबाद नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा. कार्यक्रम में उपस्थित अधिवक्ताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि न्याय के क्षेत्र में यहां जो कुछ मुझे मिला, उसे सम्भाल कर रखना मेरी नैतिक जिम्मेदारी होगी. न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट पूरे प्रदेश की जनता की आस्था और विश्वास का केंद्र है. यह भविष्य में इसी तरह कायम रहे. इसकी जिम्मेदारी हम सभी की है.

मुख्य न्यायमूर्ति ने कहा कि बार एसोसिएशन के लिए क्या कुछ कर सकें, यह हमेशा उनके मन में रहा है. न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने कहा कि अपनों के बीच आकर एक सुखद अनुभूति होती है. हम लोग तो मौका तलाशते रहते हैं अपनों के बीच आने का. उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायमूर्ति बार एसोसिएशन के हित में कार्य को पूर्ण करने में हमेशा आगे रहे हैं. कोविड 19 के दौरान भी किसी को भी निराश नहीं होने दिया और बिना समय व्यतीत किए न्यायिक कार्य शुरू किया. जिस जज्बे के साथ वह न्यायिक कार्यों के सम्पादन में आगे रहे, ठीक उसी प्रकार से एक कुशल खिलाड़ी के रूप में भी उनका जज्बा कायम रहा. न्यायमूर्ति अजय भनोट ने कहा कि किस प्रकार से हम एक दूसरे के दिल को छू जाएं, इस तरह का मौका तलाशते रहते हैं. हम लोगों का जो दृष्टिकोण रहा, उससे प्रेरित होना स्वाभाविक है. मुख्य न्यायमूर्ति से उन्हें बहुत कुछ सीखने का मौका मिला. जो उनके जीवन में चिर स्थायी रहेगा.

समारोह का संचालन महासचिव नितिन शर्मा और उपाध्यक्ष आशुतोष पांडेय ने संयुक्त रूप से किया. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र, न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी, न्यायमूर्ति वीके बिड़ला, न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र, न्यायमूर्ति अजय भनोट हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह व महासचिव नितिन शर्मा ने किया. अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह व महासचिव नितिन शर्मा ने मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर का माल्यार्पण किया और स्मृति चिह्न भेंटकर स्वागत किया. वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित कुमार श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण दिया.

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