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31 मई तक नहीं हो सकेगी ध्वस्तीकरण और बेदखली की कार्रवाई

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Published : Apr 24, 2021, 4:18 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्यायिक, अर्द्धन्यायिक संस्थाओं के सभी अंतरिम आदेश 31 मई तक बढ़ा दिए हैं. साथ ही तमाम कार्रवाईयों पर भी 31 मई तक रोक लगाई है.

हाईकोर्ट
हाईकोर्ट

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट व प्रदेश की जिला अदालतों, परिवार न्यायालयों, श्रम अदालतों, औद्योगिक अधिकरणों, सभी न्यायिक, अर्द्धन्यायिक संस्थाओं के सभी अंतरिम आदेश 31 मई तक बढ़ा दिए हैं. अग्रिम जमानत, जमानत के जो आदेश समाप्त हो रहे हैं, वो भी 31 मई तक जारी रहेंगे.

यही नहीं प्रदेश सरकार, नगर निकाय, स्थानीय निकाय, सरकारी एजेंसी, विभाग आदि की ओर से बेदखली, खाली कराने और ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर भी 31 मई तक रोक लगा दी है. कोर्ट ने सभी बैंकों, वित्तीय संस्थाओं को संपत्ति या व्यक्ति के खिलाफ 31 मई तक उत्पीड़नात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया है.

दे सकते हैं अर्जी
कोर्ट ने कहा है कि यदि किसी को दिक्कत हो तो वह सक्षम अदालत, अधिकरण में अर्जी दे सकता है, जिसका निस्तारण किया जाएगा. यह आदेश अर्जी निस्तारण में बाधक नहीं होगा. यह सामान्य समादेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने स्वतः कायम जनहित याचिका पर दिया है.

इसे भी पढ़ेंः अगले कुछ हफ्तों में कोरोना के मामलों में आएगी गिरावट : एक्सपर्ट

कोर्ट ने 5 जनवरी 21 को निस्तारित हो चुकी जनहित याचिका को पुनर्स्थापित करते हुए यह सामान्य समादेश जारी किया है. कोर्ट ने यह आदेश अपनी अनुच्छेद 226, अनुच्छेद 227, धारा-482 दंड प्रक्रिया संहिता, धारा-151 सिविल संहिता के अन्तर्गत प्राप्त अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट व प्रदेश की जिला अदालतों, परिवार न्यायालयों, श्रम अदालतों, औद्योगिक अधिकरणों, सभी न्यायिक, अर्द्धन्यायिक संस्थाओं के सभी अंतरिम आदेश 31 मई तक बढ़ा दिए हैं. अग्रिम जमानत, जमानत के जो आदेश समाप्त हो रहे हैं, वो भी 31 मई तक जारी रहेंगे.

यही नहीं प्रदेश सरकार, नगर निकाय, स्थानीय निकाय, सरकारी एजेंसी, विभाग आदि की ओर से बेदखली, खाली कराने और ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर भी 31 मई तक रोक लगा दी है. कोर्ट ने सभी बैंकों, वित्तीय संस्थाओं को संपत्ति या व्यक्ति के खिलाफ 31 मई तक उत्पीड़नात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया है.

दे सकते हैं अर्जी
कोर्ट ने कहा है कि यदि किसी को दिक्कत हो तो वह सक्षम अदालत, अधिकरण में अर्जी दे सकता है, जिसका निस्तारण किया जाएगा. यह आदेश अर्जी निस्तारण में बाधक नहीं होगा. यह सामान्य समादेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने स्वतः कायम जनहित याचिका पर दिया है.

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कोर्ट ने 5 जनवरी 21 को निस्तारित हो चुकी जनहित याचिका को पुनर्स्थापित करते हुए यह सामान्य समादेश जारी किया है. कोर्ट ने यह आदेश अपनी अनुच्छेद 226, अनुच्छेद 227, धारा-482 दंड प्रक्रिया संहिता, धारा-151 सिविल संहिता के अन्तर्गत प्राप्त अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया है.

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