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कॉन्स्टेबल भर्ती मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से किया जवाब-तलब

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Published : Dec 17, 2019, 3:17 AM IST

यूपी के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2013 के कॉन्स्टेबल भर्ती मामले में प्रदेश सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब-तलब किया है. इस मामले में न्यायमूर्ति जे.जे. मुनीर सुनवाई कर रहे हैं.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से किया जवाब-तलब.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2013 की सिविल पुलिस और पीएसी कॉन्स्टेबल भर्ती में बचे हुए 3,295 पदों पर कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को चयनित करने के मामले में प्रदेश सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब-तलब किया है. सुधीर शर्मा और 33 अन्य पीएसी कॉन्स्टेबलों की याचिका पर न्यायमूर्ति जे.जे. मुनीर सुनवाई कर रहे हैं.

याची के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि 2013 नागरिक पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती में 3,295 पद रिक्त रह गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने इन पदों पर नियुक्ति करने का आदेश दिया है. पुलिस विभाग 24 जुलाई 2019 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत पुलिस विभाग इन पदों पर उन अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर रहा है, जिन्होंने लिखित परीक्षा में व्हाइटनर और ब्लेड का प्रयोग किया था और उनके प्राप्तांक याचीगण से कम है.

यह भी पढ़ें: यूपी में धारा 144 लागू, सीएम योगी ने पुलिस को दिए सख्त निर्देश

याची का कहना है कि अधिक प्राप्तांक होने के बावजूद उनको पीएसी में नियुक्ति दी गई, जबकि उनसे कम अंक पाने वालों को सिविल पुलिस में नियुक्ति दिया जाना भेदभाव पूर्ण है। कोर्ट ने इस मामले में सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई के लिए जनवरी 2020 की तिथि नियत की है।

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2013 की सिविल पुलिस और पीएसी कॉन्स्टेबल भर्ती में बचे हुए 3,295 पदों पर कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को चयनित करने के मामले में प्रदेश सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब-तलब किया है. सुधीर शर्मा और 33 अन्य पीएसी कॉन्स्टेबलों की याचिका पर न्यायमूर्ति जे.जे. मुनीर सुनवाई कर रहे हैं.

याची के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि 2013 नागरिक पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती में 3,295 पद रिक्त रह गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने इन पदों पर नियुक्ति करने का आदेश दिया है. पुलिस विभाग 24 जुलाई 2019 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत पुलिस विभाग इन पदों पर उन अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर रहा है, जिन्होंने लिखित परीक्षा में व्हाइटनर और ब्लेड का प्रयोग किया था और उनके प्राप्तांक याचीगण से कम है.

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याची का कहना है कि अधिक प्राप्तांक होने के बावजूद उनको पीएसी में नियुक्ति दी गई, जबकि उनसे कम अंक पाने वालों को सिविल पुलिस में नियुक्ति दिया जाना भेदभाव पूर्ण है। कोर्ट ने इस मामले में सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई के लिए जनवरी 2020 की तिथि नियत की है।

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2013 कीसिविल पुलिस व पी ए सी कांस्टेबल भर्ती में  बचे हुए 3295 पदों पर कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को चयनित करने के मामले में प्रदेश सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब तलब किया है। सुधीर शर्मा और 33 अन्य पीएसी कांस्टेबलों की याचिका पर न्यायमूर्ति जे जे मुनीर सुनवाई कर रहे हैं। 
याची के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था की 2013 नागरिक पुलिस कांस्टेबल भर्ती में 3295 पद रिक्त रह गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने इन पदों पर नियुक्ति करने का आदेश दिया। पुलिस विभाग 24 जुलाई 2019 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत पुलिस विभाग इन पदों पर उन अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर रहा है जिन्होंने लिखित परीक्षा में व्हाइटनर और ब्लेड का प्रयोग किया था तथा उनके प्राप्तांक याची गण से कम है। याची का कहना है कि अधिक प्राप्तांक होने के बावजूद उनको पीएसी में नियुक्ति दी गई जबकि उनसे कम अंक पाने वालों को सिविल पुलिस में नियुक्ति दिया जाना मनमाना पूर्ण एवं भेदभाव पूर्ण है। कोर्ट ने इस मामले में सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई के लिए जनवरी 2020 की तिथि नियत की है।
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