प्रयागराजः ग्राम सभा में केंद्र और राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में कराए गए कार्यों के भुगतान और मिशन कायाकल्प के तहत परिषदीय विद्यालयों में रुके हुए कार्यों के भुगतान को लेकर अखिल भारतीय पंचायत परिषद के सदस्यों ने प्रदर्शन किया. इसमें प्रयागराज जनपद सहित उत्तर प्रदेश के अखिल भारतीय पंचायत परिषद से जुड़े पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया.
धरने पर बैठे पंचायत परिषद के प्रदेश अध्यक्ष राम सेवक यादव ने कहा कि सरकार की तानाशाही रवैया के चलते ग्राम प्रधानों को जलालत झेलनी पड़ रही है. वे अपना कार्य सुचारू रूप से संचालित नहीं करा पा रहे हैं. बहुत से कार्यों के भुगतान रोक दिए गए हैं, जिसके चलते विकास कार्य बाधित हो रहा है. ग्रामीण विकास के लिए ग्राम पंचायत में होने वाली खुली बैठकों के दौरान प्रस्तावित और स्वीकृत कार्यों, जोकि ग्राम पंचायतों की कार्य योजनाओं में प्राथमिकता पर शामिल है. उस पर भी रोक लगा दी गई है. सदस्यों ने मांग की कि सरकार इस पर लगी रोक को तुरंत हटाए, जिससे ग्राम पंचायत की स्वायत्तता पर प्रश्न चिन्ह न लगे.
संगठन के प्रदेश सचिव सत्येंद्र त्रिपाठी ने बताया कि वर्तमान वर्ष में ग्राम सभाओं का कार्यकाल 25 दिसंबर 2020 तक है. प्रयागराज में वर्तमान समय में ऐसी कई ग्राम सभाएं हैं, जिन्हें नगर निगम में शामिल किया गया है. ऐसी ग्राम सभाओं में विकास के लिए किसी भी तरह का धन आवंटित नहीं किया जा रहा है. हम लोगों की यह मांग है कि ऐसी सभी ग्राम पंचायतों में दिसंबर माह तक आने वाले राज्य वित्त 14वां वित्त व 15वें वित्त का पैसा आवंटित किया जाए, जिससे बंद हुए कार्यों को पूर्ण किया जा सके. संगठन का कहना है कि अगर हम लोगों की मांगों को नहीं माना जाता है, तो वह केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन व धरना देंगे.