ETV Bharat / state

लैटिन भाषा में लिखा इलाहाबाद विवि का ध्येय वाक्य 136 साल बाद बदला, संस्कृत में लिखकर शिलापट्ट पर लगवाया

इलाहाबाद सेंट्रल विश्वविद्यालय (Allahabad Central University) के ध्येय वाक्य की 136 साल बाद भाषा बदल दी गई है. जिसे बड़े-बड़े अक्षरों में शिलापट्ट पर लिख कर कैंपस में लगाया गया है.

इलाहाबाद विवि का ध्येय वक्या बदला
इलाहाबाद विवि का ध्येय वक्या बदला
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 18, 2023, 8:04 PM IST

136 साल बाद लैटिन से बदल संस्कृत में लिखा गया ध्येय वाक्य

प्रयागराज: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के ध्येय वाक्य का उद्देश्य और अर्थ सभी छात्रों को बताने के लिए विवि के कैम्पस में शिलापट्ट पर लिखकर लगाया गया है. जिसको कैम्पस में आने जाने के दौरान छात्र-छात्राएं देखे और प्रेरणा ले. विवि के 136 साल पुराने ध्येय वाक्य (Quot Rami Tot Arbores) को छात्रों तक पहुंचाने के लिए यह पहल की गई है. यूनिवर्सिटी की पीआरओ. प्रो जया कपूर ने बताया कि वीसी संगीता श्रीवास्तव की पहल पर लैटिन भाषा में लिखे इलाहाबाद विवि के ध्येय वाक्य को संस्कृत में शिलापट्ट पर लिखवाया गया है.

बता दें कि इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्थापना 136 साल पहले की गई थी. उस वक्त विश्वविद्यालय का ध्येय वाक्य लैटिन भाषा में लिखा गया था, वहीं बरगद के पेड़ को विवि के लोगो में शामिल किया गया था. तब से लैटिन भाषा में ही ध्येय वाक्य को विश्वविद्यालय के लोगो में लिखा जा रहा था. इस साथ ही विवि में अन्य स्थानों पर भी ध्येय वाक्य (Quot Rami Tot Arbores) को लैटिन भाषा में ही लिखा गया है. जिसका अर्थ है "जितनी शाखाएं उतने पेड़".

शिलापट्ट लाइब्रेरी गेट के सामने लगाया : इलाहाबाद सेंट्रल विश्वविद्यालय के ध्येय वाक्य को अब लैटिन से संस्कृत भाषा में कन्वर्ट करके लिखा गया है. नए ध्येय वाक्य को शिलापट्टे के ऊपर संस्कृत भाषा में लिखकर विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी गेट के सामने लगाया गया है. शिलापट्ट पर चमकते हुए अक्षरों में यावत्या: शाखास्तावंतो वृक्षाः लिखा गया है. अब विश्वविद्यालय में आने जाने वाले छात्र इस ध्येय वाक्य को न सिर्फ रोज देखते हैं, बल्कि उसका अर्थ भी अब छात्रों को आसानी से समझ आ रहा है.

छात्रों ने की विश्वविद्यालय के पहल की सराहना: विश्वविद्यालय के ध्येय वाक्य को संस्कृत में लिखे जाने की पहल की विद्यार्थी सराहना कर रहे हैं. विद्यार्थियों का कहना है कि पहले लैटिन में लिखे ध्येय वाक्य का अर्थ सभी को समझ नहीं आता था. उसका उच्चारण भी आसानी से नहीं होता था. लेकिन, अब ध्येय वाक्य संस्कृत में लिखे जाने से आसानी से विद्यार्थियों को समझा में आ रहा है.वहीं, जानकारी भी आसानी से मिल रही है.


वीसी की पहल पर लगवाया गया शिलापट्ट: इलाहाबाद विवि की पीआरओ प्रो. जया कपूर ने बताया कि विश्वविद्यालय का ध्येय वाक्य 136 साल पुराना है. वर्तमान वीसी प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने इस वाक्य का संस्कृत में अनुवाद करवाया और उसको शिलापट्ट पर चमकते हुए अक्षरों में लिखवाकर लगवा दिया गया है. पीआरओ ने बताया कि वीसी चाहती हैं कि छात्र ध्येय वाक्य को पढ़े और उसके अर्थ समझकर उससे कुछ सीखें और प्रेरणा ले.

यह भी पढ़ें: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में मिले बम और कारतूस, जानिए किसने रखे थे

यह भी पढ़ें: अब इस यूनिवर्सिटी के छात्रों को मिलेगा भोजन का ज्ञान, पढ़ाई जाएगी श्रीमद्भागवत गीता

136 साल बाद लैटिन से बदल संस्कृत में लिखा गया ध्येय वाक्य

प्रयागराज: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के ध्येय वाक्य का उद्देश्य और अर्थ सभी छात्रों को बताने के लिए विवि के कैम्पस में शिलापट्ट पर लिखकर लगाया गया है. जिसको कैम्पस में आने जाने के दौरान छात्र-छात्राएं देखे और प्रेरणा ले. विवि के 136 साल पुराने ध्येय वाक्य (Quot Rami Tot Arbores) को छात्रों तक पहुंचाने के लिए यह पहल की गई है. यूनिवर्सिटी की पीआरओ. प्रो जया कपूर ने बताया कि वीसी संगीता श्रीवास्तव की पहल पर लैटिन भाषा में लिखे इलाहाबाद विवि के ध्येय वाक्य को संस्कृत में शिलापट्ट पर लिखवाया गया है.

बता दें कि इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्थापना 136 साल पहले की गई थी. उस वक्त विश्वविद्यालय का ध्येय वाक्य लैटिन भाषा में लिखा गया था, वहीं बरगद के पेड़ को विवि के लोगो में शामिल किया गया था. तब से लैटिन भाषा में ही ध्येय वाक्य को विश्वविद्यालय के लोगो में लिखा जा रहा था. इस साथ ही विवि में अन्य स्थानों पर भी ध्येय वाक्य (Quot Rami Tot Arbores) को लैटिन भाषा में ही लिखा गया है. जिसका अर्थ है "जितनी शाखाएं उतने पेड़".

शिलापट्ट लाइब्रेरी गेट के सामने लगाया : इलाहाबाद सेंट्रल विश्वविद्यालय के ध्येय वाक्य को अब लैटिन से संस्कृत भाषा में कन्वर्ट करके लिखा गया है. नए ध्येय वाक्य को शिलापट्टे के ऊपर संस्कृत भाषा में लिखकर विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी गेट के सामने लगाया गया है. शिलापट्ट पर चमकते हुए अक्षरों में यावत्या: शाखास्तावंतो वृक्षाः लिखा गया है. अब विश्वविद्यालय में आने जाने वाले छात्र इस ध्येय वाक्य को न सिर्फ रोज देखते हैं, बल्कि उसका अर्थ भी अब छात्रों को आसानी से समझ आ रहा है.

छात्रों ने की विश्वविद्यालय के पहल की सराहना: विश्वविद्यालय के ध्येय वाक्य को संस्कृत में लिखे जाने की पहल की विद्यार्थी सराहना कर रहे हैं. विद्यार्थियों का कहना है कि पहले लैटिन में लिखे ध्येय वाक्य का अर्थ सभी को समझ नहीं आता था. उसका उच्चारण भी आसानी से नहीं होता था. लेकिन, अब ध्येय वाक्य संस्कृत में लिखे जाने से आसानी से विद्यार्थियों को समझा में आ रहा है.वहीं, जानकारी भी आसानी से मिल रही है.


वीसी की पहल पर लगवाया गया शिलापट्ट: इलाहाबाद विवि की पीआरओ प्रो. जया कपूर ने बताया कि विश्वविद्यालय का ध्येय वाक्य 136 साल पुराना है. वर्तमान वीसी प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने इस वाक्य का संस्कृत में अनुवाद करवाया और उसको शिलापट्ट पर चमकते हुए अक्षरों में लिखवाकर लगवा दिया गया है. पीआरओ ने बताया कि वीसी चाहती हैं कि छात्र ध्येय वाक्य को पढ़े और उसके अर्थ समझकर उससे कुछ सीखें और प्रेरणा ले.

यह भी पढ़ें: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में मिले बम और कारतूस, जानिए किसने रखे थे

यह भी पढ़ें: अब इस यूनिवर्सिटी के छात्रों को मिलेगा भोजन का ज्ञान, पढ़ाई जाएगी श्रीमद्भागवत गीता

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.