प्रयागराज: किसानों ने जल सत्याग्रह 9 अगस्त से शुरू की थी, लेकिन प्रशासन और अधिकारी 13 वें दिन नींद खुली है. प्रशासन अपने लाव लश्कर के साथ 13 दिनों से टोंस नदी में जल सत्याग्रह कर रहे किसानों के समक्ष पहुंचकर समाप्त करने की गुजारिश करने लगे. जल सत्याग्रह कर रहे किसानों ने आला अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्याएं रखी.
इसे भी पढ़ें:- प्रयागराज: गंगा-यमुना का बढ़ा जलस्तर, नाव बना जीने का सहारा
किसानों को मनाने पहुंचे एडीएम-
- जल सत्याग्रह के 13 वें दिन किसानों को मनाने एडीएम प्रशासन पहुंचे.
- किसानों ने अधिकारियों के समक्ष अपनी-अपनी समस्याएं रखी.
- क्रिया योग संस्थान ने पीपरहटा और खपटिहां के किसानों की जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा करने की बात कहीं गई.
- किसानों ने कहा कि उनकी जमीनों को अवैध कब्जे से मुक्त करा दिया जाए.
- उस जमीन पर जब तक किसानों को कब्जा नहीं करने दिया जाएगा जब तक जल सत्याग्रह समाप्त नहीं किया जाएगा.
- एडीएम प्रशासन प्रयागराज बीके दुबे ने किसानों से यह अनुरोध किया है कि सभी समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा.
किसानों ने रखे अपने प्रस्ताव-
- किसानों ने एडीएम प्रशासन से पूछा कि समस्याओं का निस्तारण कितने दिनों में किया जा सकता है.
- एडीएम प्रशासन ने कहा कि 45 दिनों के अंदर जमीन अवैध कब्जे से मुक्त करा दी जाएगी.
- सत्याग्रह समाप्त करवाने के लिए प्रशासन झुकना पड़ा और किसानों को लिखित तौर पर आश्वासन दिया गया.
- एसपी जमुनापार दीपेंद्र नाथ चौधरी ने भी उस पर हस्ताक्षर किए.
- वहीं एसपी ने थाना प्रभारी कौंधियारा को यह निर्देशित किया कि एक दरोगा और दो सिपाहियों की ड्यूटी लगाई जाए.