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प्रयागराज: सत्याग्रह कर रहे किसानों को मनाने पहुंचे एडीएम प्रशासन

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में किसान पिछले 13 दिनों से जल सत्याग्रह कर रहे है, लेकिन प्रशासन अब जाकर किसानों से जल सत्याग्रह समाप्त करने गुहार लगाई है. किसानों ने प्रशासन से कुछ प्रस्ताव रखें हैं जिसके पूरा होने पर ही यह सत्याग्रह समाप्त करने की बात कही है.

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Published : Aug 22, 2019, 12:45 PM IST

मामले की जानकारी देते एडीएम


प्रयागराज: किसानों ने जल सत्याग्रह 9 अगस्त से शुरू की थी, लेकिन प्रशासन और अधिकारी 13 वें दिन नींद खुली है. प्रशासन अपने लाव लश्कर के साथ 13 दिनों से टोंस नदी में जल सत्याग्रह कर रहे किसानों के समक्ष पहुंचकर समाप्त करने की गुजारिश करने लगे. जल सत्याग्रह कर रहे किसानों ने आला अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्याएं रखी.

मामले की जानकारी देता किसान.

इसे भी पढ़ें:- प्रयागराज: गंगा-यमुना का बढ़ा जलस्तर, नाव बना जीने का सहारा

किसानों को मनाने पहुंचे एडीएम-

  • जल सत्याग्रह के 13 वें दिन किसानों को मनाने एडीएम प्रशासन पहुंचे.
  • किसानों ने अधिकारियों के समक्ष अपनी-अपनी समस्याएं रखी.
  • क्रिया योग संस्थान ने पीपरहटा और खपटिहां के किसानों की जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा करने की बात कहीं गई.
  • किसानों ने कहा कि उनकी जमीनों को अवैध कब्जे से मुक्त करा दिया जाए.
  • उस जमीन पर जब तक किसानों को कब्जा नहीं करने दिया जाएगा जब तक जल सत्याग्रह समाप्त नहीं किया जाएगा.
  • एडीएम प्रशासन प्रयागराज बीके दुबे ने किसानों से यह अनुरोध किया है कि सभी समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा.

किसानों ने रखे अपने प्रस्ताव-

  • किसानों ने एडीएम प्रशासन से पूछा कि समस्याओं का निस्तारण कितने दिनों में किया जा सकता है.
  • एडीएम प्रशासन ने कहा कि 45 दिनों के अंदर जमीन अवैध कब्जे से मुक्त करा दी जाएगी.
  • सत्याग्रह समाप्त करवाने के लिए प्रशासन झुकना पड़ा और किसानों को लिखित तौर पर आश्वासन दिया गया.
  • एसपी जमुनापार दीपेंद्र नाथ चौधरी ने भी उस पर हस्ताक्षर किए.
  • वहीं एसपी ने थाना प्रभारी कौंधियारा को यह निर्देशित किया कि एक दरोगा और दो सिपाहियों की ड्यूटी लगाई जाए.


प्रयागराज: किसानों ने जल सत्याग्रह 9 अगस्त से शुरू की थी, लेकिन प्रशासन और अधिकारी 13 वें दिन नींद खुली है. प्रशासन अपने लाव लश्कर के साथ 13 दिनों से टोंस नदी में जल सत्याग्रह कर रहे किसानों के समक्ष पहुंचकर समाप्त करने की गुजारिश करने लगे. जल सत्याग्रह कर रहे किसानों ने आला अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्याएं रखी.

मामले की जानकारी देता किसान.

इसे भी पढ़ें:- प्रयागराज: गंगा-यमुना का बढ़ा जलस्तर, नाव बना जीने का सहारा

किसानों को मनाने पहुंचे एडीएम-

  • जल सत्याग्रह के 13 वें दिन किसानों को मनाने एडीएम प्रशासन पहुंचे.
  • किसानों ने अधिकारियों के समक्ष अपनी-अपनी समस्याएं रखी.
  • क्रिया योग संस्थान ने पीपरहटा और खपटिहां के किसानों की जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा करने की बात कहीं गई.
  • किसानों ने कहा कि उनकी जमीनों को अवैध कब्जे से मुक्त करा दिया जाए.
  • उस जमीन पर जब तक किसानों को कब्जा नहीं करने दिया जाएगा जब तक जल सत्याग्रह समाप्त नहीं किया जाएगा.
  • एडीएम प्रशासन प्रयागराज बीके दुबे ने किसानों से यह अनुरोध किया है कि सभी समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा.

किसानों ने रखे अपने प्रस्ताव-

  • किसानों ने एडीएम प्रशासन से पूछा कि समस्याओं का निस्तारण कितने दिनों में किया जा सकता है.
  • एडीएम प्रशासन ने कहा कि 45 दिनों के अंदर जमीन अवैध कब्जे से मुक्त करा दी जाएगी.
  • सत्याग्रह समाप्त करवाने के लिए प्रशासन झुकना पड़ा और किसानों को लिखित तौर पर आश्वासन दिया गया.
  • एसपी जमुनापार दीपेंद्र नाथ चौधरी ने भी उस पर हस्ताक्षर किए.
  • वहीं एसपी ने थाना प्रभारी कौंधियारा को यह निर्देशित किया कि एक दरोगा और दो सिपाहियों की ड्यूटी लगाई जाए.
Intro:जल सत्याग्रह के 13 वें दिन किसानों को मनाने पहुंचे एडीएम प्रशासन बी के दुबे साथ में एसपी जमुनापार दीपेंद्र ना चौधरी उप जिलाधिकारी करछना रत्नप्रिया |Body:रिपोर्ट .....राजेन्द्र प्रताप सिंह
मो..9935048507
बाईट ...जल सत्याग्रह कर रहे किसान
कृष्ण कुमार मिश्र
व एडीएम प्रशासन बीके दुबे

किसानों के द्वारा निरंतर किए जा रहे जल सत्याग्रह के 13 वें दिन प्रयागराज जिले के आला अधिकारियों की नींद खुली | तो वे अपने लाव लश्कर के साथ 13 दिनों से टोंस नदी में जल सत्याग्रह कर रहे किसानों के समक्ष पहुंचकर उनसे जल सत्याग्रह समाप्त करने की गुजारिश की जाने लगी | जिस पर जल सत्याग्रह कर रहे किसानों के द्वारा आला अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्याएं रखी गई | जिसमें क्रिया योग संस्थान के द्वारा पीपरहटा व खपटिहाँ के किसानों की जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा करने की बात कहीं गई | जिस पर किसानों के द्वारा यह भी कहा गया कि उनकी जमीनों को अवैध कब्जे से मुक्त कराकर के किसानों को उस जमीन पर कब्जा करा दिया जाए उसके बाद ही यह जल सत्याग्रह समाप्त किया जाएगा | लेकिन एडीएम प्रशासन प्रयागराज बीके दुबे के द्वारा किसानों से यह अनुरोध किया गया कि उनकी सभी समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा | लेकिन वह भी पूरे कानूनी प्रक्रिया के साथ जिसको पूरा करने के लिए उन्हें कुछ समय मिलना चाहिए | जिस पर किसानों के द्वारा एडीएम प्रशासन से पूछा गया कि किसानों की समस्याओं का निस्तारण उनके द्वारा कितने दिनों में किया जा सकता है | जिस पर एडीएम प्रशासन के द्वारा यह कहा गया कि 45 दिनों के अंदर उन किसानों की जमीन अवैध कब्जे से मुक्त करा दी जाएगी | जिनकी जमीन पर क्रिया योग संस्थान के संचालक द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया गया है | जिस पर किसानों ने एडीएम प्रशासन से मौखिक बात न मानकर लिखित रूप से देने के लिए आग्रह किया | जिस पर एडीएम प्रशासन के द्वारा किसानों का जल सत्याग्रह समाप्त करवाने के लिए उनके आगे झुकना पड़ा और किसानों को एडीएम प्रशासन व उपजिलाधिकारी करछना के द्वारा लिखित तौर पर यह आश्वासन दिया गया | कि 45 दिनों के अंदर उनकी समस्याओं का निस्तारण कर दिया जाएगा | जब कि मौके पर उपस्थित एसपी जमुनापार दीपेंद्र नाथ चौधरी के द्वारा भी उस पर हस्ताक्षर किए गए | किसानों ने जल सत्याग्रह स्थल पर पहुंचे अधिकारियों से यह भी बात कही गई की जब तक किसानों की जमीनों का निस्तारण नहीं किया जाता | तब तक क्रिया योग संस्थान के द्वारा किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा | जिस पर एसपी जमुनापार दीपेंद्र नाथ चौधरी के द्वारा थाना प्रभारी कौंधियारा को यह निर्देशित किया गया कि मौके पर एक दरोगा व दो सिपाहियों की ड्यूटी लगाई जाए | वही एहतियात के तौर पर एक प्लाटून पीएसी भी लगाई गई |तब कहीं जाकर के किसानों के द्वारा जल सत्याग्रह समाप्त करने की बात कही गई | वहीं किसानों ने यह भी चेताया कि यदि उनकी समस्याओं का निस्तारण 45 दिन में नहीं किया जाता तो उनके द्वारा 2 अक्टूबर के दिन पुन: टोंस नदी में सुबह 10:00 बजे से जल सत्याग्रह आंदोलन किया जाएगा | जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन व तहसील प्रशासन की होगी ना कि किसानों की |Conclusion:9 अगस्त से शुरू किया गया किसानों के द्वारा जल सत्याग्रह के 13 वे दिन एडीएम प्रशासन प्रयागराज के आश्वासन पर किसानों के द्वारा किया गया जल सत्याग्रह समाप्त|
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