प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने एक्सिस बैंक सिविल लाइंस में 22.39 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने व मनी लांड्रिंग (Money Laundering Case) के आरोपी शुआट्स नैनी के पूर्व जनसंपर्क प्रबंधक कमाल अहसान की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने कहा है कि याची लगभग सवा दो साल तक जेल में रहा है और कैंसर सहित कई जानलेवा बीमारी से ग्रस्त है. ऐसे में जमानत पर रिहा होने का हकदार है. कोर्ट ने 25 लाख के मुचलके व दो प्रतिभूति पर रिहा करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने दिया है.
इससे पहले कोर्ट ने कमला नेहरू अस्पताल प्रयागराज (Kamala Nehru Hospital Prayagraj) से याची की स्कैनिंग कर कैंसर की स्थिति की रिपोर्ट मांगी थी. केंद्रीय कारागार नैनी के वरिष्ठ अधीक्षक ने अस्पताल की रिपोर्ट दाखिल की है. याची का जनवरी 20 में आपरेशन हुआ था. रूटीन चेकअप किया जा रहा है.
मालूम हो कि याची के खिलाफ बैंक की तरफ से 1 मार्च 13 को घटना की शिकायत की गई थी. एकाउंटेंट राजेश कुमार की मिलीभगत से घपला करने का आरोप लगाया गया था. मामले में जांच के बाद एफआईआर दर्ज कराई गई. इस मामले में 13 अगस्त 18 को याची जमानत पर रिहा हुआ. 11 सितंबर 17 को मनी लांड्रिंग केस की एफआईआर पर 10 नवंबर 20 को दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया, तब से जेल में बंद है. ईडी ने याची सहित सैयद यावर हुसैन, जमाल अशरफ व राजेश कुमार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.
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याची के वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी का कहना था कि मामले में तीन से सात साल की सजा हो सकती है. आरोपी जानलेवा बीमारी कैंसर से पीड़ित है. मामले में 6 करोड़ बरामद हो चुके हैं. दूसरी तरफ, ईडी के अधिवक्ता बाल मुकुंद सिंह व सीबीआई के अधिवक्ता संजय यादव का कहना था कि जेल में अच्छी देखभाल हो रही है. आरोपी ने करोड़ों रुपए का घपला किया है. जमानत पाने का हकदार नहीं हैं. हालांकि, कोर्ट ने शर्तों के साथ जमानत मंजूर कर ली है.
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