प्रयागराज: सीएए और एनआरसी के खिलाफ पिछले दो महीने से मंसूर अली पार्क में आंदोलन कर रही बुर्कानशी महिलाओं का आंदोलन जारी रहेगा. मीडिया से बात करते हुए आंदोलनकारियों ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए वह प्रशासन की एडवाइजरी का पालन भी करेंगी, लेकिन उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा.
कोरोना के मद्देनजर मंसूर अली पार्क में आंदोलन कर रही महिलाएं भी फिक्रमंद हैं. यही वजह है कि आंदोलनकारियों की सुरक्षा के देखते हुए पूरे क्षेत्र में कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है. महिलाओं और पुरुषों द्वारा सेनिटाइजर का भी उपयोग हो रहा है. आंदोलन नेतृत्व का कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा 22 मार्च को किए गए जनता कर्फ्यू के आह्वान को देखते हुए यह फैसला लिया गया है कि प्रदर्शनकारी अपने घर से ही प्रदर्शन का समर्थन करेंगे.
घर में रहकर करेंगे आंदोलन
रविवार को जनता कर्फ्यू के दिन 85 फीसदी आंदोलनकारी महिलाएं अपने-अपने घरों में रह कर सीएए का विरोध करेंगी. वहीं बुजुर्ग और बच्चों को भी जनता कर्फ्यू के दिन सुरक्षा को देखते हुए आंदोलन से दूर रखा जाएगा. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि देश हित से बढ़ कर कुछ भी नहीं है, लेकिन सीएए के खिलाफ आंदोलन से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.
आंदोलनकारी छात्र निशु सिंह ने कहा कि मंसूर अली पार्क में जितनी भी महिलाएं आंदोलन में शामिल हैं उन महिलाओं की सुरक्षा के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जा रहा है. सभी महिलाओं को एक मीटर की दूरी पर बैठाया गया है और सेनिटाइजर से उनका हाथ भी साफ किया जाता है.साफ-सफाई का रखा जा रहा है विशेष ध्यान
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