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8 महीने में 15 फीसदी बढ़ी महंगाई, घर चलाना हुआ मुश्किल

कोरोना काल के 8 महीनों में महंगाई 15 फीसदी बढ़ गई है. बढ़ती महंगाई की वजह से घर का खर्च चलाना लगातार मुश्किल होता जा रहा है. राशन के दाम तो पहले से ही बढ़ रहे थे, अब सब्जियों के रेट बढ़ने से उपभोक्ता और व्यापारी दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ी हैं. दालों के भाव भी लगातार बढ़ रहे हैं.

महंगाई ने तोड़ी ग्राहकों की कमर
महंगाई ने तोड़ी ग्राहकों की कमर
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Published : Nov 3, 2020, 7:30 PM IST

प्रयागराज: कोरोना के बाद त्योहारों ने सब्जियों के नखरों को और बढ़ा दिया है. त्योहारों के मौसम में आलू, प्याज, टमाटर के रेट में लगी आग से लोगों को बुखारे चढ़ने लगा है. वहीं लौकी-पालक भी लोगों को रोज नए-नए दामों का झटका दे रहे हैं. सब्जी के साथ दालों के दाम भी लोगों के हाथ नहीं आ रहे हैं. सब्जियों के साथ दालों के बढ़ते दामों ने दाल-रोटी खाना भी मुश्किल कर दिया है. ग्राहकों के साथ-साथ अब व्यापारी भी इस महंगाई से पार नहीं पा पा रहे हैं. कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच लॉकडाउन 1 से अनलॉक के 8 महीने में आम आदमी का घर का खर्चा 15 फ़ीसदी तक बढ़ चुका है.

घर चलाना हुआ मुश्किल
लॉकडाउन से अनलॉक तक इन 8 महीनों ने लोगों की जेबों पर बहुत असर डाला है. प्रयागराज में आम लोगों के लिए घर चलाना इन 8 महीनों में 15 फ़ीसदी महंगा हुआ है. पहले जहां सर्दियों के दिनों में खाने-पीने के चीजें सस्ती हो जाती थीं, वहीं इस बार सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. सीजनल सब्जियां भी लोगों के बजट से बाहर होती नजर आ रही हैं. इतना ही नहीं गल्ला मंडियों में दालों के तेवर भी तेज हो गए हैं, जिसकी वजह से लोगों की जेब पूरी खाली हो गई है.

आलू के दामों ने ढाया कहर
लॉकडाउन के दौरान 7 से 8 रुपये प्रति किलो बिकने वाला आलू लॉकडाउन में 40 से 60 रुपये तक बिका है. 10 रुपये किलो की प्याज भी इस वक्त 70 रुपये किलो तक बिक रही है. हरी मिर्च हो या फिर खीरा सभी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. इसके अलावा राशन ने भी लोगों की जेब पर असर डाला है. मार्च में जहां अरहर दाल की कीमत 70 से 75 रुपये प्रति किलो थी. वहीं अब 110 से 125 रुपये प्रति किलो तक हो गई है. 22 से 24 रुपये प्रति किलो वाला आटा इस वक्त 30 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. सरसों का तेल 110 रुपये से 140 हो गया है.

प्रयागराज: कोरोना के बाद त्योहारों ने सब्जियों के नखरों को और बढ़ा दिया है. त्योहारों के मौसम में आलू, प्याज, टमाटर के रेट में लगी आग से लोगों को बुखारे चढ़ने लगा है. वहीं लौकी-पालक भी लोगों को रोज नए-नए दामों का झटका दे रहे हैं. सब्जी के साथ दालों के दाम भी लोगों के हाथ नहीं आ रहे हैं. सब्जियों के साथ दालों के बढ़ते दामों ने दाल-रोटी खाना भी मुश्किल कर दिया है. ग्राहकों के साथ-साथ अब व्यापारी भी इस महंगाई से पार नहीं पा पा रहे हैं. कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच लॉकडाउन 1 से अनलॉक के 8 महीने में आम आदमी का घर का खर्चा 15 फ़ीसदी तक बढ़ चुका है.

घर चलाना हुआ मुश्किल
लॉकडाउन से अनलॉक तक इन 8 महीनों ने लोगों की जेबों पर बहुत असर डाला है. प्रयागराज में आम लोगों के लिए घर चलाना इन 8 महीनों में 15 फ़ीसदी महंगा हुआ है. पहले जहां सर्दियों के दिनों में खाने-पीने के चीजें सस्ती हो जाती थीं, वहीं इस बार सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. सीजनल सब्जियां भी लोगों के बजट से बाहर होती नजर आ रही हैं. इतना ही नहीं गल्ला मंडियों में दालों के तेवर भी तेज हो गए हैं, जिसकी वजह से लोगों की जेब पूरी खाली हो गई है.

आलू के दामों ने ढाया कहर
लॉकडाउन के दौरान 7 से 8 रुपये प्रति किलो बिकने वाला आलू लॉकडाउन में 40 से 60 रुपये तक बिका है. 10 रुपये किलो की प्याज भी इस वक्त 70 रुपये किलो तक बिक रही है. हरी मिर्च हो या फिर खीरा सभी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. इसके अलावा राशन ने भी लोगों की जेब पर असर डाला है. मार्च में जहां अरहर दाल की कीमत 70 से 75 रुपये प्रति किलो थी. वहीं अब 110 से 125 रुपये प्रति किलो तक हो गई है. 22 से 24 रुपये प्रति किलो वाला आटा इस वक्त 30 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. सरसों का तेल 110 रुपये से 140 हो गया है.

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