प्रतापगढ़: एक तरफ जहां कोरोना महामारी ने आम लोगों का जीना मुश्किल किया है, वहीं अब सब्जियों और खाद्य पदार्थों की महंगाई ने लोगों की कमर तोड़कर रख दी है. इन दिनों बाजार में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, तो वहीं खाद्य पदार्थों के दामों में भी काफी इजाफा हुआ है. खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने के कारण मध्यम वर्ग से लेकर मेहनत मजदूरी करने वाले गरीब लोगों पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ है.
मुख्य बिंदु
- सब्जियों और खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी.
- बारिश के चलते सब्जियों की खेती में हुआ नुकसान
- मध्यम वर्ग और मेहनत मजदूरी करने वाले परेशान.
बढ़े सब्जियों के दाम
दरअसल, जिले में भारी बारिश के चलते सब्जियों की खेती में काफी नुकसान हुआ है. इसका असर यह हुआ कि इन दिनों बाजार में सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे. पहले जहां सबसे सस्ता आलू हुआ करता था, वह भी इन दिनों बाजार में 35 रुपये किलो बिक रहा है. सब्जी मंडी में हरी सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं. परवल 80 रुपये किलो बिक रहा है. टमाटर 60 रुपये किलो और मिर्च 100 रुपये किलो बिक रहा है. वहीं सबसे महंगा धनिया 300 रुपये किलो बिक रहा है.
वहीं अरहर की दाल 90 रुपये किलो तक पहुंच गई है, तो सरसों का तेल 120 रुपये प्रति किलो है. महंगाई की वजह से लोगों की रसोई का बजट बिगड़ गया है, क्योंकि कोरोना लॉकडाउन के कारण जनपद में करीब दो लाख प्रवासी मजदूर अपनी नौकरी छोड़कर घर लौटे हैं, तो वहीं बहुत से जनपद निवासी लोगों की नौकरी भी जा चुकी है. ऐसे हालात में अब महंगाई के इस दौर में उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वह अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करें.
सब्जी खरीदने आए विनोद कुमार बताते हैं कि सब्जियों के दाम इतने महंगे हैं कि उनकी हिम्मत नहीं हुई खरीदने की. उन्होंने केवल मिर्चा खरीदा है और आगे कुछ समझ में नहीं आ रहा है.
पढ़ाई करने वाले राजू का कहना है कि इन दिनों वह काफी परेशान हैं. वे सब्जी खरीदने आए हैं, लेकिन उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या खरीदें, क्योंकि सब्जियों के दाम काफी महंगे हो चुके हैं. राजू का कहना है कि पहले सबसे सस्ता आलू हुआ करता था, लेकिन अब वह भी इन दिनों 35 रुपये किलो तक पहुंच गया है.