प्रतापगढ़: जिले में हर वर्ष एक हजार से अधिक दुर्गा पूजा पंडाल स्थापित होते हैं. शहर से गांव तक दुर्गा पूजा का उल्लास देखने को मिलता है. रंग बिरंगी लाइटों से सजे पंडालों में एक से बढ़कर एक आकर्षक प्रतिमाएं स्थापित होती हैं. शहर में लाखों रुपये की मूर्तियों और पंडाल सजते हैं. वहीं अब नवरात्रि में दुर्गा पूजा पंडाल और राम लीला मंचन को लेकर गाइडलाइन जारी हुई है. गाइडलाइन जारी होने के बाद समितियों ने मूर्तिकारों के शिविरों में संपर्क शुरू कर दिया है. इससे शिविरों में मूर्ति निर्माण का कार्य शुरू हो गया है. इस बार हर बार की तरह भव्यता का अभाव तो रहेगा. साथ ही साथ करीब 30 से 40 प्रतिशत मूर्तियां ही लग सकेंगी.
कोरोना संकट को देखते हुए पंडित, पुरोहित भी निराश थे कि इस बार देवी की स्थापना नहीं हो सकेगी. वहीं मूर्तिकारों ने भी उम्मीद छोड़ दी थी. लेकिन सरकार के आदेश के बाद रामलीला समितियों और दुर्गा पूजा समितियों में तैयारियां तेज हो गई हैं. इस बार कम ही मूर्तिकार लौटे हैं, जिससे मूर्तियों का निर्माण भी कम हो गया. इनका मूल्य भी अधिक हो गया. जिन मूर्तियों की कीमत दस हजार रुपये थी, वे अब 15 हजार में मिल रहे हैं.