प्रतापगढ़: कानपुर मुठभेड़ में शहीद हुए जिले के बेलखारी गांव निवासी दारोगा अनूप सिंह को श्रद्धांजलि देने शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी शहीद के घर पहुंचे. शहीद को श्रद्धांजलि देने के बाद उन्होंने परिजनों से भी मुलाकात की. इस दौरान कांग्रेस नेता ने शहीद के दो पारिवारिक सदस्यों को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की.
प्रदेश के सीएम योगी को लिखे पत्र का हवाला देते हुए प्रमोद तिवारी ने कहा कि शहीद के एक ही परिवार में दो लोगों को नौकरी दिए जाने का प्रतापगढ़ जिले में उदाहरण मौजूद है. उन्होंने कहा कि कुंडा के सीओ जियाउल हक की शहादत पर तत्कालीन राज्य सरकार ने शहीद की पत्नी और शहीद के भाई को सरकारी नौकरी दी थी.
वहीं शहीद के पिता को भी तत्कालीन सरकार की ओर से शासकीय सहायता मुहैया कराई गई थी. शहीद के पिता रमेश बहादुर सिंह से मिलकर कांग्रेस नेता ने संवेदना व्यक्त की और कहा कि शहीद के परिवार के साथ इंसाफ की आवाज को वह हमेशा उठाते रहेंगे. इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर भी जमकर निशाना साधा.
सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग
वहीं पूर्व राज्यसभा सांसद ने कानपुर मुठभेड़ प्रकरण की जांच सर्वाेच्च न्यायालय की निगरानी में कराए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जो राजनीतिक गठजोड़ पर्दे के पीछे उभर रहा है. उसे देखते हुए घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में होनी चाहिए. वहीं विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने पर प्रमोद तिवारी ने कहा कि एनकाउंटर में अपराधी मारे गए हैं लेकिन अपराध, खाकी और खादी का नापाक गठजोड़ अभी खत्म नहीं हुआ है.
वहीं उन्होंने सीएम से शहीद के परिजनों को एक करोड़ रुपये आर्थिक सहायता राशि को बढ़ाकर दो करोड़ रुपये करने की भी मांग की है. इस अवसर पर पं. श्याम किशोर शुक्ल , डॉ. नीरज त्रिपाठी, ज्ञान प्रकाश शुक्ल, कपिल द्विवेदी, नरसिंह प्रकाश मिश्र और डॉ. प्रशांत देव शुक्ल आदि मौजूद रहे.