मेरठ: जिले के सरधना क्षेत्र के गांव बहादरपुर के किसान की बेटी अन्नू रानी को अर्जुन अवार्ड दिया जाएगा. इसकी घोषणा के बाद परिवार में खुशी का माहौल है. लोग परिवार को और अन्नू रानी को बधाइयां दे रहे हैं. वहीं, अन्नू रानी के भाई ने सरकार का आभार जताते हुए कहा है कि यह सम्मान तो बहन को पहले ही मिल जाना चाहिए था, लेकिन देर आए दुरुस्त आए आखिर मिल गया. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है आगे भी उनकी बहन देश के लिए मेडल लाएगी.
बता दें कि युवा मामले और खेल मंत्रालय की ओर से बीते दिन यानी गुरुवार को राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की घोषणा की गई थी. जिसमें मेरठ की दो बेटियों अन्नू रानी और प्रीति पाल को अर्जुन पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. वहीं, मेरठ जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूर स्थित बहादुर पुर गांव में अन्नू रानी के घर पर पहुंचकर लोग बधाइयां दे रहे हैं. अन्नू रानी, क्योंकि इस वक्त पठानकोट में हैं. फोन पर लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं. अन्नू रानी देश की एकमात्र ऐसी एथलीट हैं, जिन्होंने जेवलिन थ्रो में 63.82 मीटर है और 60 मीटर की दूरी पार करके रिकॉर्ड बनाया हुआ है. जबकि एक समय था, जब वह खेत में गन्ने को ही फेंककर अभ्यास किया करती थी.
अन्नू रानी के भाई उपेंद्र ने बताया कि अन्नू वर्तमान में पठानकोट में हैं, उन्होंने बताया कि सभी अन्नू के अर्जुन अवार्ड के लिए चयनित होने पर बधाई दे रहे हैं, लोग लगातार कॉल करके बधाई दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज उनकी बहन को खेलते हुए लगभग 14-15 वर्ष हो चुके हैं, उनकी बहन की तपस्या सफल हुई है.
अन्नू रानी के पिता अमरपाल सिंह ने कहा कि यह बात सही है कि घर से बाहर जाकर खेलने का उन्होंने शुरुआत में विरोध किया था, लेकिन ज़ब उनकी बेटी ने अपनी मेहनत से हमेशा बेहतर प्रदर्शन किया तो फिर वह विरोध नहीं कर पाए. उन्होंने कहा कि वह तो अब यही कहेंगे कि बेटियां किसी से कम नहीं होती हैं, उन्हें अवसर मिलने चाहिएं अपनी बेटी पर गर्व है. वहकहते हैं कि आज जहां जाते हैं लोग उन्हें अन्नू रानी के पिता के तौर पर जानकर सम्मान देते हैं.
पूर्व में दिए एक साक्षात्कार में अन्नू रानी ने बताया था एक दिन किसी ने उन्हें खेलते हुए देखा था तो उनके पिता को फोन करके बता दिया था, जिस पर उनके पिता वहां पहुंचे थे और बहुत फटकार लगाई थी. तब अन्नू की उम्र महज 14 या 15 साल की थी. लेकिन बाद में पिता मान गये और उनका हौसलाऔर आत्मविश्वास बढ़ता गया. शुरुआत में परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने की वजह से प्रेक्टिस के लिए जरूरी सामान तक नहीं होता था, लेकिन कुछ करने के जूनून की बदौलत उन्होंने आगे बढ़ने का प्रण लिया और यही वजह है कि वह देश की झोली में एक के बाद एक कई पदक अब तक डाल चुकी हैं.
अन्नू रानी ने 3 अक्टूबर 2023 को चाइना में हुए 19वें एशियन गेम्स भाला फेंक प्रतियोगिता में 62.92 मीटर भाला फेंककर भारत को गोल्ड दिलाया था. ऐसा अवसर देश को 72 साल बाद मिला, जब भारत को यह मेडल मिला था. उससे पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीता था.
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