प्रतापगढ़: वर्षों से प्रदूषण की मार झेल रहा प्रतापगढ़ जिला आज 90 प्रतिशत प्रदूषण मुक्त हो गया है. 47 दिनों के लॉकडाउन के चलते यह परिवर्तन देखने को मिल रहा है. वन्य जीव हो या आम इंसान सभी को शुद्ध हवा और प्रकृति का एहसास हो रहा है. ऐसे ही वन्य जीव और शुद्ध प्रकृति में रहने वाली तितलियों को लेकर वन विभाग ने एक रिपोर्ट बनाई है. जिले के वन विभाग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ध्वनि प्रदूषण कम होने के साथ ही जलवायु में भी शुद्धता आई है.
जिले में वन विभाग के सात रेंजर जोन हैं. संडवा चंद्रिका, पट्टी, कुंडा, कालाकांकर, सदर, रानीगंज और लालगंज. सभी ज़ोन में अलग-अलग वन्यजीवों का ठिकाना है. जिले में शेर, चीते,और हाथी को छोड़कर सभी प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं. यहां खरगोश, सियार, लोमड़ी, जंगली बिल्ली, अजगर आदि सभी जोन में हैं. शहर से सटे चिलबिला जंगल मे भी वन्य जीव हैं. हिरण, तेंदुआ कुंडा और कालाकांकर रेंज में हैं.
वन विभाग की मानें तो जिले का वातावरण प्रदूषित होने से वन्यजीवों और कीट पतंगों का स्वभाव बदल गया था. वर्तमान स्थिति में लॉकडाउन के चलते बड़ा बदलाव आया है. जिला वन अधिकारी बीआर अहिरवार का कहना है कि लॉकडाउन से पर्यावरण में काफी सुधार हुआ है. वातावरण 90 प्रतिशत शुद्ध हुआ है. इसका बड़ा कारण वायु और ध्वनि प्रदूषण का कम होना है.
ये भी पढ़ें- प्रतापगढ़: सड़क किनारे मिला वृद्ध महिला का शव, पुलिस जता रही हत्या की आशंका