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शहीद योगेश त्रिपाठी को परिजनों और ग्रामीणों ने नम आंखों से दी विदाई

प्रतापगढ़ के लालगंज तहसील इलाके के शदीद योगेश त्रिपाठी का पार्थिव शरीर उनके घर लाया गया. असम राइफल्स के जवान तिरंगे में लिपटा हुआ शहीद का शव उनके गांव बलीपुर पठरस लेकर आए.

शहीद को परिजनों और ग्रामीणों ने नम आंखों से दी विदाई
शहीद को परिजनों और ग्रामीणों ने नम आंखों से दी विदाई
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Published : Oct 4, 2021, 5:00 PM IST

प्रतापगढ़ः शहीद योगेश त्रिपाठी का पार्थिव शरीर उनके घर बलीपुर पठरस लेकर आया गया. परिजनों और गांव में बड़ी संख्या में जमा हुए ग्रामीणों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी. प्रशासन की ओर थाना जेठवारा एसओ ने पहुंचकर पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर राजकीय सम्मान के साथ उन्हें विदा किया. वे साल 2001 में सेना में भर्ती हुए थे. तभी से वे देश की सेवा में अनवरत तैयार रहे. वर्तमान समय में उत्तराखंड के चमोली जिले में तैनात थे.

दरअसल नौसेना के दस सदस्यीय दल को 15 हजार फीट माउंट चढना था. पर्वतारोहण के दौरान अचानक योगेश अपनी टीम से बिछड़ गए. सेना के साथ स्थानीय प्रशासन की मदद से उनकी तलाश की जा रही थी. शनिवार की देर शाम उनका भूस्खलन के मलबे से उनका शव मिला. जिसके बाद शहीद के शव को उनके घर लाया गया. असम राइफल्स के जवानों ने पार्थिव शरीर को लेकर उनके परिजनों को अंतिम दर्शन के लिए घर के पास रखा. अंतिम दर्शन के बाद जवान के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया.

शहीद को परिजनों और ग्रामीणों ने नम आंखों से दी विदाई

इसे भी पढ़ें- लखीमपुर हिंसा LIVE UPDATES: अखिलेश को हिरासत में लेने के बाद पूरे प्रदेश में प्रदर्शन शुरू, योगी सरकार देगी मृतक के परिजनों को 45 लाख

बताया जा रहा है कि परिवार के लोग दिसंबर में योगेश त्रिपाठी की शादी के लिए तैयारी कर रहे थे. शहीद के आखिरी दर्शन करने के लिए प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी और प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता समेत कई नेता शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचे थे.

इसे भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी मामला: मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी व 45 लाख रुपए की आर्थिक मदद देगी योगी सरकार

प्रतापगढ़ः शहीद योगेश त्रिपाठी का पार्थिव शरीर उनके घर बलीपुर पठरस लेकर आया गया. परिजनों और गांव में बड़ी संख्या में जमा हुए ग्रामीणों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी. प्रशासन की ओर थाना जेठवारा एसओ ने पहुंचकर पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर राजकीय सम्मान के साथ उन्हें विदा किया. वे साल 2001 में सेना में भर्ती हुए थे. तभी से वे देश की सेवा में अनवरत तैयार रहे. वर्तमान समय में उत्तराखंड के चमोली जिले में तैनात थे.

दरअसल नौसेना के दस सदस्यीय दल को 15 हजार फीट माउंट चढना था. पर्वतारोहण के दौरान अचानक योगेश अपनी टीम से बिछड़ गए. सेना के साथ स्थानीय प्रशासन की मदद से उनकी तलाश की जा रही थी. शनिवार की देर शाम उनका भूस्खलन के मलबे से उनका शव मिला. जिसके बाद शहीद के शव को उनके घर लाया गया. असम राइफल्स के जवानों ने पार्थिव शरीर को लेकर उनके परिजनों को अंतिम दर्शन के लिए घर के पास रखा. अंतिम दर्शन के बाद जवान के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया.

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बताया जा रहा है कि परिवार के लोग दिसंबर में योगेश त्रिपाठी की शादी के लिए तैयारी कर रहे थे. शहीद के आखिरी दर्शन करने के लिए प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी और प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता समेत कई नेता शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचे थे.

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