प्रतापगढ़ : जिले के बाघराय थाने के पुरवा पुवासी गांव की एक दिव्यांग महिला दबंगों के आगे बेबस होकर आमरण अनशन पर बैठ गई. महिला के पास अपना घर नहीं है. वह पॉलीथीन के सहारे गुजर बसर कर रही थी. स्थानीय लोगों की मदद से उसने एक कमरे की छत डालने का निर्णय लिया. लेकिन पड़ोसी दबंगों ने उसे रोकते हुए जान से मारने की धमकी दी है. कुंडा तहसील परिसर में बैठी महिला तीन महीने से पुलिस और प्रशासन के आगे फरियाद करती रही, लेकिन उसे इंसाफ नहीं मिल सका. जिसके बाद वह आमरण अनशन पर बैठ गई है.
तीन महीने से न्याय के लिए भटक रही दिव्यांग महिला
कुंडा तहसील परिसर में आमरण अनशन पर बैठी दिव्यांग महिला का नाम अर्चना पाण्डेय है. यह महिला कई दिनों से खुले आसमान के नीचे दो अबोध बच्चों के साथ पॉलीथीन तानकर रह रही थी. कुछ दिन पूर्व उसके लिए स्थानीय लोगों ने चंदा लगाकर एक कमरे का पक्का मकान बनवाने का निर्णय लिया था. दिव्यांग के पुश्तैनी गिरे हुए घर पर पिलर भी बनवा दिया गया था, लेकिन पड़ोसी दबंगों ने बलपूर्वक जान से मारने की धमकी देकर निर्माण कार्य रुकवा दिया. दबंगों ने पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी है. पीड़िता ने पूरी घटना के बारे में पत्र के माध्यम से सभी उच्चाधिकारियों को जानकारी दी, लेकिन तत्कालीन थानाध्यक्ष की मिलीभगत से दबंगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. उल्टा पीड़िता के लिए पाबंदियां लगा दी गईं. पीड़िता ने सैकड़ों प्रार्थना पत्र दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. थक-हार कर मंगलवार को महिला कुण्डा तहसील परिसर में आमरण अनशन पर बैठ गई है.
पीड़िता ने फरियाद की है कि उसके परिवार को न्याय दिलाया जाए, दबंगों पर कठोर कार्रवाई हो और जनसहयोग से बनने वाले उसके मकान को पुलिस सुरक्षा प्रदान करके बनवाया जाए. वो तीन महीने से एक छत के लिए लड़ाई लड़ रही है. उसके के दो अबोध बच्चे हैं. जिनकी जिम्मेदारी भी उसी के पास है. पीड़ित अर्चना का कहना है कि जब तक उसे इंसाफ नहीं मिलता वह अनशन पर बैठी रहेगी.
इस मामले में एसडीएम कुंडा से फोन पर बात की गई तो उन्होंने मामले की जांच की बात कही है. हालांकि उन्होंने तहसील दिवस का हवाला देते हुए फोन काट दिया.