प्रतापगढ़: आईएएस अधिकारी (IAS) राकेश शुक्ल के भाई अश्वनी शुक्ला की उधार के रुपये तकादा करने को लेकर सोमवार को लाठी पीटकर हत्या कर दी गई थी. मंगलवार को हत्या से आक्रोशित परिजनों ने मृतक अश्वनी शुक्ला का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है. परिजन आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता समेत अन्य मांगों पर अड़ गए. हालांकि, डीएम डॉ. नितिन बंसल और एसपी सतपाल अंतिल ने परिजनों को मांगे पूरी करने का आश्वासन देकर अंतिम संस्कार के लिए तैयार कर लिया.
अश्वनी शुक्ला की हत्या से नाखुश समर्थक और परिजन अंतिम संस्कार करने से इनकार कर हंगामा करने लगे. पीड़ित परिवार ने 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और शस्त्र लाइसेंस की मांग कर रहे थे. जिस पर डीएम डॉ. नितिन बंसल और एसपी सतपाल अंतिल ने मौके पर पहुंच कर परिजनों को शासन के अनुरूप आर्थिक सहायता, शस्त्र लाइसेंस, और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया, जिसके बाद परिजन अन्तिम संस्कार करने के लिए राजी हो गए.
बकाए के रुपये मांगने पर की गई थी हत्या
दरअसल, महेशगंज थाना क्षेत्र स्थित हरिकेश में समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव राकेश शुक्ल का परिवार रहता है. बताया जाता है उनके छोटे भाई अश्वनी कुमार शुक्ल (48) की राजापुर बाजार में सीमेंट-सरिया की दुकान थी. हमलावर हृदय लाल उर्फ दुम्मा पुत्र कल्लू बनवासी बकाएदार था. रविवार को बकाए के रुपये लेनदेन की बात अश्वनी कुमार शुक्ल और हृदय लाल के बीच हुई थी. कहा जा रहा है कि हृदयलाल ने सोमवार की सुबह नौ बजे इसके लिए उन्हें अपने घर बुलाया था. लिहाजा, अश्वनी सोमवार की सुबह छह बजे (तय समय से पहले) ही उधार का तगादा करने हृदयलाल के घर पहुंच गए. इस बात हृदयलाल नाराज हो गया और दोनों के बीच कहासुनी हो गई.
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एसपी सतपाल अंतिल ने बताया कि दोनों के बीच कहासुनी के बाद हृदयलाल ने लाठी से अश्वनी पर हमला कर दिया. जिससे उनके सिर पर गंभीर चोट आई थी. परिजन उन्हें घायल अवस्था में रायबरेली लेकर पहुंचे थे. प्राथमिक उपचार के बाद भी हालत नाजुक देख डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ के केजीएमयू रेफर कर दिया. केजीएमयू में इलाज के दौरान शाम को उनकी मौत हो गई. हालांकि, परिजनों की तहरीर पर नामजद रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस का कहना है कि मृतक के भाई की तहरीर पर जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज की गई है, उसी में गैर इरादतन हत्या की धारा बढ़ाई गई है. राकेश शुक्ल के भाई अश्वनी ने सीमेंट-सरिया की दुकान खोली थी. हमलावर बकाएदार था. बकाए के रुपये मांगने पर हुए हमले में उनकी मौत हो गई.