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प्रतापगढ़ में कोरोना से व्यापारी की मौत, सीएमओ पर लापरवाही का आरोप

यूपी के प्रतापगढ़ में बुधवार को कोरोना से व्यापारी की मौत हो गई. भाजयुमो जिलाध्यक्ष ने सीएमओ पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

अस्पताल के बाहर खड़े मृतक के परिजन.
अस्पताल के बाहर खड़े मृतक के परिजन.
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Published : Aug 13, 2020, 12:55 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 3:07 PM IST

प्रतापगढ़: जिले में कोरोना पॉजिटिव चिलबिला के व्यापारी के इलाज में स्वास्थ्य महकमे की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिसको लेकर जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है. मृतक व्यापारी की एंटीजन किट से जांच में उसे निगेटिव बताया गया था. तीन दिनों तक अस्पताल में रखने के बाद उसकी आरटी-पीसीआर जांच नहीं कराई गई. जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई, प्रयागराज में उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. भाजयुमों जिलाध्यक्ष ने मामले की शिकायत सीएम से करने को कहा है.

आरटी-पीसीआर जांच के लिए नहीं भेजा सैंपल

नगर कोतवाली के चिलबिला के रहने वाले व्यापारी मनोज कुमार की तबीयत 3 अगस्त को खराब हुई. कोरोना को देखते हुए परिवार के लोग उन्हें जिला अस्पताल ले गए. यहां डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू किया. हालात में सुधार न होता देख करीबी लोगों ने सीएमओ से बात की. जिसके बाद पांच अगस्त को कोरोना की जांच कराई गई. एंटीजन जांच में उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई. मनोज की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी. आरोप है कि फिजीशियन द्वारा उनका उपचार किया जा रहा था. लेकिन आरटी-पीसीआर जांच के लिए उनका सैंपल नहीं भेजा गया. जबकि परिवार के लोग बराबर सीएमओ व डॉक्टर से गुहार लगाते रहे.

इलाज के दौरान संक्रमित की हुई मौत

डॉक्टरों ने 7 अगस्त को उसे प्रयागराज रेफर कर दिया. अस्पताल के पर्चे पर ही कोविड जांच निगेटिव दर्शा दी गई थी. जिसे एसआरएन में डॉक्टरों ने मानने से इनकार कर दिया. वहां जांच में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. वहीं दूसरी तरफ मनोज की तबीयत बिगड़ती जा रही थी. बुधवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. आनन फानन में प्रयागराज में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. पत्नी और मां ही पीपीई किट पहनकर अंतिम दर्शन कर सकीं. भाजयुमो जिलाध्यक्ष रवि गुप्ता ने आरोप लगाया कि सीएमओ व जिला अस्पताल के चिकित्सकों की लापरवाही से मनोज की मौत हुई है. इस मामले को लेकर वह सीएम से मिलेंगे. यदि समय पर जांच की गई होती तो आज वह जिंदा होता.

एंटीजन जांच में 63 फीसदी ही रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी

मामले में प्रभारी सीएमएस जिला अस्पताल डॉ. अनिल गुप्ता ने बताया कि मनोज की जांच कराई गई थी. उपचार भी सही चल रहा था. जनरल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन का दावा है कि एंटीजन जांच में भले ही सभी को कोरोना वायरस के लक्षण हो, लेकिन 63 फीसदी लोगों की ही रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी.

जिले में कोरोना संक्रमण और जांच को लेकर स्वास्थ्य विभाग पर इससे पहले भी आरोप लगते रहे हैं. बुधवार देर रात तक आई रिपोर्ट में कोरोना से दो व्यापारियों समेत चार लोगों की मौत हो गई. जबकि डॉक्टर दंपत्ति समेत 36 नए केस सामने आए हैं. अब जिले में संक्रमितों की संख्या 1000 पार कर गई है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच में लापरवाही संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है.

प्रतापगढ़: जिले में कोरोना पॉजिटिव चिलबिला के व्यापारी के इलाज में स्वास्थ्य महकमे की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिसको लेकर जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है. मृतक व्यापारी की एंटीजन किट से जांच में उसे निगेटिव बताया गया था. तीन दिनों तक अस्पताल में रखने के बाद उसकी आरटी-पीसीआर जांच नहीं कराई गई. जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई, प्रयागराज में उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. भाजयुमों जिलाध्यक्ष ने मामले की शिकायत सीएम से करने को कहा है.

आरटी-पीसीआर जांच के लिए नहीं भेजा सैंपल

नगर कोतवाली के चिलबिला के रहने वाले व्यापारी मनोज कुमार की तबीयत 3 अगस्त को खराब हुई. कोरोना को देखते हुए परिवार के लोग उन्हें जिला अस्पताल ले गए. यहां डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू किया. हालात में सुधार न होता देख करीबी लोगों ने सीएमओ से बात की. जिसके बाद पांच अगस्त को कोरोना की जांच कराई गई. एंटीजन जांच में उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई. मनोज की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी. आरोप है कि फिजीशियन द्वारा उनका उपचार किया जा रहा था. लेकिन आरटी-पीसीआर जांच के लिए उनका सैंपल नहीं भेजा गया. जबकि परिवार के लोग बराबर सीएमओ व डॉक्टर से गुहार लगाते रहे.

इलाज के दौरान संक्रमित की हुई मौत

डॉक्टरों ने 7 अगस्त को उसे प्रयागराज रेफर कर दिया. अस्पताल के पर्चे पर ही कोविड जांच निगेटिव दर्शा दी गई थी. जिसे एसआरएन में डॉक्टरों ने मानने से इनकार कर दिया. वहां जांच में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. वहीं दूसरी तरफ मनोज की तबीयत बिगड़ती जा रही थी. बुधवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. आनन फानन में प्रयागराज में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. पत्नी और मां ही पीपीई किट पहनकर अंतिम दर्शन कर सकीं. भाजयुमो जिलाध्यक्ष रवि गुप्ता ने आरोप लगाया कि सीएमओ व जिला अस्पताल के चिकित्सकों की लापरवाही से मनोज की मौत हुई है. इस मामले को लेकर वह सीएम से मिलेंगे. यदि समय पर जांच की गई होती तो आज वह जिंदा होता.

एंटीजन जांच में 63 फीसदी ही रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी

मामले में प्रभारी सीएमएस जिला अस्पताल डॉ. अनिल गुप्ता ने बताया कि मनोज की जांच कराई गई थी. उपचार भी सही चल रहा था. जनरल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन का दावा है कि एंटीजन जांच में भले ही सभी को कोरोना वायरस के लक्षण हो, लेकिन 63 फीसदी लोगों की ही रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी.

जिले में कोरोना संक्रमण और जांच को लेकर स्वास्थ्य विभाग पर इससे पहले भी आरोप लगते रहे हैं. बुधवार देर रात तक आई रिपोर्ट में कोरोना से दो व्यापारियों समेत चार लोगों की मौत हो गई. जबकि डॉक्टर दंपत्ति समेत 36 नए केस सामने आए हैं. अब जिले में संक्रमितों की संख्या 1000 पार कर गई है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच में लापरवाही संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है.

Last Updated : Sep 4, 2020, 3:07 PM IST
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