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मुजफ्फरनगर के भाजपा जिलाध्यक्ष सहित 4 के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी

मुजफ्फरनगर की फास्ट ट्रैक कोर्ट (Muzaffarnagar fast track court) ने भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला और पूर्व विधायक उमेश मलिक सहित चार आरोपियों के गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं.

मुजफ्फरनगर के भाजपा जिलाध्यक्ष सहित 4 के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी
मुजफ्फरनगर के भाजपा जिलाध्यक्ष सहित 4 के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी
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Published : Oct 19, 2022, 10:10 PM IST

मुजफ्फरनगरः जनपद की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला (BJP District President Vijay Shukla) और पूर्व विधायक उमेश मलिक सहित चार आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किये हैं. 2012 में रेल रोकने के मामले में सभी आरोपियों के विरुद्ध कोर्ट में बुधवार को आरोप तय होने थे. कोर्ट ने चारों का हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र खारिज कर सभी को हाजिर होने की 21 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है. हालांकि इस मामले में आरोपी राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल और पूर्व विधायक अशोक कंसल सहित चार आरोपी कोर्ट में पेश हुए.

बता दें कि 2012 में केन्द्र सरकार पर किसान विरोधी नीतियों को अपनाने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने रेल रोकने की घोषणा की थी. भाजपा नेताओं ने प्रदर्शन करते हुए रेलवे स्टेशन पर जाकर ट्रेन रोकी थी. इसके बाद आरपीएफ ने रेलवे एक्ट की विभिन्न धाराओं में मौजूदा राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, मौजूदा भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, पूर्व विधायक उमेश मलिक, पवन तरार, सुनील मित्तल, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष यशपाल पंवार, पूर्व विधायक अशोक कंसल और वैभव त्यागी सहित दस आरोपियों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था.

घटना के मुकदमे की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या एक के जज मयंक जायसवाल कर रहे हैं. बुधवार को उक्त मुकदमे में कोर्ट में आरोप तय होने थे. कोर्ट ने सभी आरोपियों को तलब किया था. वर्ष 2012 में रेल रोकने के मुकदमे के मामले में आरोपी राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल बुधवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में पेश हुए. उनके साथ पूर्व विधायक अशोक कंसल, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष यशपाल पंवार और भाजपा युवा नेता वैभव त्यागी भी रहे. इसके बाद रेल रोकने के मुकदमे में नामजद चार आरोपियों के विरुद्ध पेश न होने पर कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिए.

इनमें भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, पूर्व विधायक उमेश मलिक और पवन तरार तथा सुनील तायल शामिल हैं. इन चारों की ओर से कोर्ट में पेश न होते हुए हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज करते हुए चारों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर 21 अक्टूबर को पेश होने का आदेश जारी किया.


यह भी पढ़ें- फारूक अब्दुल्ला का पुतला फूंककर जताया विरोध, ये थी वजह

मुजफ्फरनगरः जनपद की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला (BJP District President Vijay Shukla) और पूर्व विधायक उमेश मलिक सहित चार आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किये हैं. 2012 में रेल रोकने के मामले में सभी आरोपियों के विरुद्ध कोर्ट में बुधवार को आरोप तय होने थे. कोर्ट ने चारों का हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र खारिज कर सभी को हाजिर होने की 21 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है. हालांकि इस मामले में आरोपी राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल और पूर्व विधायक अशोक कंसल सहित चार आरोपी कोर्ट में पेश हुए.

बता दें कि 2012 में केन्द्र सरकार पर किसान विरोधी नीतियों को अपनाने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने रेल रोकने की घोषणा की थी. भाजपा नेताओं ने प्रदर्शन करते हुए रेलवे स्टेशन पर जाकर ट्रेन रोकी थी. इसके बाद आरपीएफ ने रेलवे एक्ट की विभिन्न धाराओं में मौजूदा राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, मौजूदा भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, पूर्व विधायक उमेश मलिक, पवन तरार, सुनील मित्तल, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष यशपाल पंवार, पूर्व विधायक अशोक कंसल और वैभव त्यागी सहित दस आरोपियों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था.

घटना के मुकदमे की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या एक के जज मयंक जायसवाल कर रहे हैं. बुधवार को उक्त मुकदमे में कोर्ट में आरोप तय होने थे. कोर्ट ने सभी आरोपियों को तलब किया था. वर्ष 2012 में रेल रोकने के मुकदमे के मामले में आरोपी राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल बुधवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में पेश हुए. उनके साथ पूर्व विधायक अशोक कंसल, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष यशपाल पंवार और भाजपा युवा नेता वैभव त्यागी भी रहे. इसके बाद रेल रोकने के मुकदमे में नामजद चार आरोपियों के विरुद्ध पेश न होने पर कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिए.

इनमें भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, पूर्व विधायक उमेश मलिक और पवन तरार तथा सुनील तायल शामिल हैं. इन चारों की ओर से कोर्ट में पेश न होते हुए हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज करते हुए चारों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर 21 अक्टूबर को पेश होने का आदेश जारी किया.


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