लखनऊ. जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के नेता व निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह को प्रतापगढ़ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया. मंगलवार को आए इस आदेश के बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और प्रतापगढ़ जिला जेल भेज दिया. रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के बेहद करीबी माने जाने वाले अक्षय प्रताप की हिरासत की खबर सुनते ही कोर्ट के बाहर उनके समर्थकों की भीड़ जुट गई.
ये है मामला
दरअसल, अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल ने साल 1997 में रोडवेज बस स्टेशन प्रतापगढ़ के पते पर शस्त्र लाइलेंस लिया था. उसी साल तत्कालीन नगर कोतवाल डीपी शुक्ल ने जांच कर फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में अक्षय के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था.
इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट व सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायाधीश बलरामदास जायसवाल के यहां हुई. न्यायाधीश बलरामदास जायसवाल ने 15 मार्च को अक्षय प्रताप को इस मामले में दोषी करार दिया था. इसी मामले की सुनवाई आज मंगलवार यानी 22 मार्च साढ़े 10 बजे हुई.
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अदालत कल सुनाएगी फैसला
अक्षय मंगलवार को 11 बजे कोर्ट में पेश हुए जहां उनकी तरफ से अधिवक्ता शचींद्र प्रताप सिंह ने पक्ष रखा. सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने अक्षय प्रताप सिंह को न्यायायिक हिरासत में लेकर जेल भेजने का निर्देश दे दिया और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. अब कोर्ट कल अपना फैसला सुनाएगी.
सजा हुई तो दरकेगा राजा का किला
विधानसभा चुनाव में कुंडा सीट से जो रघुराज प्रताप सिंह कभी प्रचंड वोट पाकर जीत हासिल करते थे, इस बार उन्हें जीतने से लिए एड़ी चोटी की ताकत लगानी पड़ी. ऐसे में अब एमलसी का चुनाव भी राजा भैया के माथे पर शिकन को बढ़ा रहा है. साल 2016 में सपा के टिकट पर अक्षय प्रताप को निर्विरोध एमएलसी निर्वाचित करवाने वाले राजा भैया के सामने इस बार तो अक्षय प्रताप को चुनाव लड़ाना ही मुश्किल दिख रहा है.
जनसत्ता पार्टी से अक्षय प्रताप सिंह ने विधान परिषद के लिए नामांकन दाखिल कर रखा है. अब ऐसे में कल अदालत अक्षय के खिलाफ आरोपों पर सजा का एलान करती है तो अक्षय चुनावी रेस से बाहर हो जाएंगे.
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