प्रतापगढ़ : सपा नेता और पूर्व ब्लॉक प्रमुख सभापति यादव, उसके भाई सुभाष यादव को एसआरपी ने पश्चिम बंगाल के सियालदह से गिरफ्तार किया है. सपा नेता सभापति यादव व उसके भाई सुभाष यादव पर प्रतापगढ़ पुलिस ने 5-5 लाख का इनाम घोषित कर रखा था. दोनों भाइयों को ट्रांजिंट रिमांड पर लाने के लिए प्रतापगढ़ से एक पुलिस टीम कोलकाता रवाना हो गई है.
थाना क्षेत्र आसपुर देवसरा के बनौका निवासी दोनों सगे भाइयों सभापति यादव और सुभाष यादव पर क्रमशः 45 और 28 मुकदमे दर्ज हैं. दोनों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को भी लगाया गया था लेकिन वे लगातार चकमा देकर फरार थे. सभापति यादव राजनीति में भी काफी समय से सक्रिय रहा है. सभापति यादव बसपा, निषादराज पार्टी से होते हुए अब समाजवादी पार्टी का सक्रिय सदस्य है. सभापति और उसकी पत्नी आसपुर देवसरा ब्लॉक की प्रमुख रह चुके हैं तो सभापति व सुभाष यादव जिला पंचायत का सदस्य भी रह चुका है.
गौरतलब है कि अगस्त 2021 में पुलिस ने दावा किया कि सभापति यादव व सुभाष यादव ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया है. इसी के बाद से दोनों भाई फरार चल रहे थे. अब उनके सियालदह से गिरफ्तार होने की बात सामने आई है. गत सप्ताह कोलकाता के सियालदह जंक्शन से लेनदेन के विवाद में जीआरपी ने दोनों को गिरफ्तार किया. दोनों भाई आसपुर देवसरा के विनैका गांव के रहने वाले हैं. प्रतापगढ़ पुलिस को गैंगस्टर बंधुओं की दर्जनों मुकदमों में लगभग दो साल से तलाश थी. उन्हें पकड़ पाने में जिले की पुलिस नाकाम थी. पुलिस सुबह में यादव बंधुओं को लेकर प्रतापगढ़ पहुंची. दोनों को अज्ञात स्थान पर रखकर पूछताछ की जा रही है.
सूत्रों की माने तो अंतू थाने में बेहद गोपनीय तरीके से दोनों को रखा गया है. पूछताछ पूरी होने के बाद मेडिकल कराकर पुलिस रिमांड ऑफिसर से रिमांड हासिल करने का प्रयास करेगी. सभापति का छोटा भाई सुभाष यादव भी जिलापंचायत सदस्य रह चुका है. इस पर कुल 29 मुकदमे दर्ज हैं. उस पर भी 5 लाख का इनाम सरकार ने घोषित कर रखा है. सभापति के यदुवंशी किले पर योगी का बुलडोजर पुलिस पहले ही चला चुकी है. सुभाष यादव को आसपुर देवसरा थाना क्षेत्र के पट्टी थाने में रखा गया. इसके बाद पुलिस महकमे के अफसरों उससे कई मामले में पूछताछ कर रहे है.
सभापति को लाने के लिए प्रतापगढ़ पुलिस की दो टीमें बंगाल के सियालदाह रवाना हुईं थीं. टीम दोनों को आज सुबह 4 बजे पट्टी कोतवाल नंद लाल के नेतृत्व में तीन गाड़ियों से लेकर प्रतापगढ़ पहुंची. बंगाल में रिमांड की कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रतापगढ़ पुलिस सभापति को प्रतापगढ़ लाने में कामयाब रही. वहीं, बंगाल की सियालदाह जीआरपी ने सभापति यादव और उसके भाई सुभाष यादव को धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया था. इन दोनों भाइयों पर प्रतापगढ़ पुलिस ने 5-5 लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था.
दोनों भाइयों पर प्रतापगढ़, जौनपुर, बंगाल में हत्या, लूट, रंगदारी, जानलेवा हमला, धोखाधड़ी, चोरी की संगीन धाराओं में केस दर्ज हैं. वही, एसपी सतपाल अंतिल ने बताया कि सभापति और उसका भाई 5-5 लाख का इनामी बदमाश हैं. बंगाल में कोयला व्यापारी धोखाधड़ी के मामले में जीआरपी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दोनों भाइयों को गिरफ्तार किया था. सूचना पर प्रतापगढ़ ट्रांजिस्ट रिमांड की प्रक्रिया पूरा करते हुए प्रतापगढ़ लेकर आई है. पूछताछ की जा रही है. कई अहम खुलासे सामने आए है.
पुलिस ने आज भेजा जेल : पुलिस दोनों यादव बंधुओ को आज जेल भेज दिया है. इस दौरान सभापति यादव ने पूर्व कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं. कहा कि फर्जी मुकदमें में फंसाया गया है. न्यायपालिका पर भी सभापति ने सवाल उठाया है. दोनों यादव बंधुओं ने रविवार को जेल जाने के दौरान मीडिया से बातचीत में बताया कि इलाके के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह के दबाव के चलते पुलिस ने दोनों पर मनगढ़ंत फर्जी मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने का काम किया है. यह भी आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री के दबाव के चलते पुलिस ने अपनी नौकरी बचाने के लिए उस पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की है. फरार होने के प्रश्न पर उसने कहा कि फरारी के दौरान उसने मंदिर और मस्जिद के दर्शन किए.
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