ETV Bharat / state

UP Election 2022: देखें पीलीभीत की बरखेड़ा विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट, यहां नहीं है कोई तहसील - पीलीभीत खबर

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election) को लेकर यूपी में सियासी पारा चढ़ने लगा है. राजनीतिक पार्टियां पूरी तरह तैयारियों में जुट गई है. पीलीभीत जिले की शहर 128 बरखेड़ा विधानसभा की सीट पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है. जानिए आगामी विधानसभा चुनाव में यहां का चुनावी समीकरण क्या होगा?

बरखेड़ा विधानसभा के डेमोग्राफिक रिपोर्ट
बरखेड़ा विधानसभा के डेमोग्राफिक रिपोर्ट
author img

By

Published : Oct 15, 2021, 7:47 AM IST

Updated : Oct 15, 2021, 10:01 AM IST

पीलीभीत: उत्तर प्रदेश का पीलीभीत जिला वैसे तो गोमती उद्गम स्थल के लिए देश भर में प्रसिद्ध है. लखनऊ की गोमती नदी पीलीभीत के माधोटांडा थाना क्षेत्र से ही निकली है. जिले के अंतर्गत आने वाली बरखेड़ा विधानसभा का एक अलग ही दिलचस्प अंदाज है, यहां विधानसभा पर भले ही अपनी कोई तहसील न हो, लेकिन यहां की जनता जिले भर की अन्य तहसीलों के चक्कर लगाती है.

शहर विधानसभा की सीट का भूगोल
उत्तर प्रदेश की 128 बरखेड़ा विधानसभा की सीट की बात करें, तो इस सीट का अपना ही एक भौगोलिक इतिहास है. बरखेड़ा विधानसभा पर भले ही अपनी कोई तहसील न हो, लेकिन यहां तहसील का मुद्दा बीते कई दशकों से जनता के बीच मौजूद है. हर बार विधायक यहां तहसील बनवाने का दावा करते हैं, और जनता के वोट को लेकर विधायक बन जाते हैं, पर लंबे समय से जनता के लिए तहसील की मांग यहां की प्रमुख समस्या है. वर्तमान स्थिति की बात करें तो बीजेपी के टिकट पर किशन लाल राजपूत यहां के मौजूदा विधायक हैं.

राजनीतिक पृष्ठभूमि
उत्तर प्रदेश की 128 बरखेड़ा विधानसभा की सीट पर भारतीय जनसंघ के टिकट पर किशनलाल पहली बार विधायक बने थे. 1967 से लेकर 1980 तक किशनलाल ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाए रखा. 1980 में हुए चुनाव के दौरान इंडियन नेशनल कांग्रेस के टिकट पर बाबूराम यहां के विधायक चुने गए, जिसके बाद एक बार फिर 1985 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े किशनलाल को विधायक बना कर जनता ने विधानसभा भेजने का काम किया.

किशन लाल राजपूत
किशन लाल राजपूत

1989 में हुए चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार सन्नूलाल बरखेड़ा विधानसभा सीट का विधायक चुना गया. 1991 में हुए चुनाव के दौरान किशनलाल को एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधायक चुन लिया गया. सन 1996 में हुए चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार पीतम राम को जनता ने अपना विधायक बनाया, पीतम राम सपा के टिकट पर 2007 के चुनाव से पहले तक इस सीट पर काबिज रहे.

भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुखलाल को 2007 में जनता ने अपना नेता चुन कर विधायक बनाया. 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता और सरकार के दौर में राज्य मंत्री रहे हेमराज वर्मा इसी सीट से विधायक बन विधानसभा पहुंचे और अखिलेश के करीबी होने का लाभ उठाकर हेमराज वर्मा राज्य मंत्री भी बने. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार किशन लाल राजपूत ने हेमराज वर्मा को करारी मात देकर बरखेड़ा विधानसभा की सीट पर कब्जा जमा लिया.

2012 के चुनाव से पहले आरक्षित सीट थी बरखेड़ा विधानसभा
पीलीभीत जिले की बरखेड़ा विधानसभा सीट 2012 के चुनाव से पहले आरक्षित सीट हुआ करती थी, पर 2012 में आए परिसीमन के बाद यह सीट सामान्य घोषित कर दी गई और 2012 के परिसीमन के बाद सपा के नेता हेमराज वर्मा यहां पहली बार लोध किसान जाति के विधायक बने. 2017 के चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार और लोध राजपूत जाति से आने वाले किशन लाल राजपूत को जनता ने अपना विधायक बनाया.

इसे भी पढ़ें-जानिए 'पूरनपुर विधानसभा सीट' का खेल, क्या इस बार भी होगा उलटफेर

लोध किसान वोट पर रहती है नजर
128 बरखेड़ा विधानसभा की सीट पर लगभग 3 लाख 11 हजार मतदाता है. बरखेड़ा विधानसभा सीट पर मतदाताओं में सबसे अधिक वोट बैंक लोध राजपूत जाति का है. जातिगत आंकड़ों की मानें तो यहां करीब 1 लाख 12 हजार लोध राजपूत जाति के मतदाता है. इस विधानसभा में बंगाली समाज के वोटों की संख्या करीब 35 हजार है.

विधानसभा सीट पर 28 हजार मुस्लिम समाज के भी मतदाता हैं जो अपना नेता चुनते हैं. इसके अलावा 10 हजार सिख, निषाद समाज के 15 हजार वोट, ब्राह्मण वोट बैंक की संख्या 8 हजार, कुर्मी समाज के वोट की संख्या 18000 व दलित समाज के करीब 40,000 वोटर हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस सीट पर विधायक बनने के लिए लोध किसान जाति का वोट बैंक सबसे महत्वपूर्ण होता है, जिस प्रत्याशी के खाते में यह वोट बैंक जाता है. वही यहां का विधायक चुना जाता है.

इसे भी पढ़ें-UP Election 2022: पीलीभीत शहर विधानसभा सीट पर कांटे की टक्कर के आसार, जानिए चुनावी समीकरण

कौन है विधायक किशन लाल राजपूत
2017 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर विधायक बने किशन लाल राजपूत की उम्र करीब 61 वर्ष है. विधायक किशन लाल राजपूत स्थानीय रूप से जहानाबाद क्षेत्र के रहने वाले हैं. किशन लाल राजपूत बीजेपी में शामिल होने और विधायक बनने से पहले ग्राम विकास अधिकारी हुआ करते थे.

चुनाव से पहले बीजेपी विधायक किशनलाल राजपूत ने अपनी नौकरी से वॉलंटरी रिटायरमेंट ले लिया था और जनता की सेवा में जुट गए थे. बीजेपी विधायक किशन लाल के पुत्र नमन राजपूत अपने विधायक पिता के साथ रहकर जनता की सेवा करते हैं और उनकी समस्याओं को सुनकर निस्तारण के लिए अधिकारियों से बातचीत करते रहते हैं.

सपा बीजेपी की कांटे की टक्कर
128 बरखेड़ा विधानसभा की सीट पर समाजवादी पार्टी और बीजेपी कि कांटे की टक्कर है. एक तरफ जहां बीजेपी से टिकट की दावेदारी में मौजूदा विधायक किशन लाल राजपूत कद्दावर नेता स्वामी प्रवक्ता नंद भाजपा नेता कमलेश गंगवार समेत तमाम प्रत्याशी मैदान में है. तो वहीं समाजवादी पार्टी से भी टिकट के दावेदारों की एक लंबी लिस्ट है.

सपा सरकार में पूर्व राज्य मंत्री रहे और बरखेड़ा विधानसभा की सीट से विधायक रहे हेमराज वर्मा इस सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बुद्धसेन वर्मा भी टिकट के दावेदारों की लिस्ट में शुमार हैं. इसके अलावा सपा नेता पिंटू यादव भी जनता के बीच जाकर प्रचार प्रसार कर टिकट की दावेदारी कर रहे हैं.

पीलीभीत: उत्तर प्रदेश का पीलीभीत जिला वैसे तो गोमती उद्गम स्थल के लिए देश भर में प्रसिद्ध है. लखनऊ की गोमती नदी पीलीभीत के माधोटांडा थाना क्षेत्र से ही निकली है. जिले के अंतर्गत आने वाली बरखेड़ा विधानसभा का एक अलग ही दिलचस्प अंदाज है, यहां विधानसभा पर भले ही अपनी कोई तहसील न हो, लेकिन यहां की जनता जिले भर की अन्य तहसीलों के चक्कर लगाती है.

शहर विधानसभा की सीट का भूगोल
उत्तर प्रदेश की 128 बरखेड़ा विधानसभा की सीट की बात करें, तो इस सीट का अपना ही एक भौगोलिक इतिहास है. बरखेड़ा विधानसभा पर भले ही अपनी कोई तहसील न हो, लेकिन यहां तहसील का मुद्दा बीते कई दशकों से जनता के बीच मौजूद है. हर बार विधायक यहां तहसील बनवाने का दावा करते हैं, और जनता के वोट को लेकर विधायक बन जाते हैं, पर लंबे समय से जनता के लिए तहसील की मांग यहां की प्रमुख समस्या है. वर्तमान स्थिति की बात करें तो बीजेपी के टिकट पर किशन लाल राजपूत यहां के मौजूदा विधायक हैं.

राजनीतिक पृष्ठभूमि
उत्तर प्रदेश की 128 बरखेड़ा विधानसभा की सीट पर भारतीय जनसंघ के टिकट पर किशनलाल पहली बार विधायक बने थे. 1967 से लेकर 1980 तक किशनलाल ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाए रखा. 1980 में हुए चुनाव के दौरान इंडियन नेशनल कांग्रेस के टिकट पर बाबूराम यहां के विधायक चुने गए, जिसके बाद एक बार फिर 1985 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े किशनलाल को विधायक बना कर जनता ने विधानसभा भेजने का काम किया.

किशन लाल राजपूत
किशन लाल राजपूत

1989 में हुए चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार सन्नूलाल बरखेड़ा विधानसभा सीट का विधायक चुना गया. 1991 में हुए चुनाव के दौरान किशनलाल को एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधायक चुन लिया गया. सन 1996 में हुए चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार पीतम राम को जनता ने अपना विधायक बनाया, पीतम राम सपा के टिकट पर 2007 के चुनाव से पहले तक इस सीट पर काबिज रहे.

भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुखलाल को 2007 में जनता ने अपना नेता चुन कर विधायक बनाया. 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता और सरकार के दौर में राज्य मंत्री रहे हेमराज वर्मा इसी सीट से विधायक बन विधानसभा पहुंचे और अखिलेश के करीबी होने का लाभ उठाकर हेमराज वर्मा राज्य मंत्री भी बने. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार किशन लाल राजपूत ने हेमराज वर्मा को करारी मात देकर बरखेड़ा विधानसभा की सीट पर कब्जा जमा लिया.

2012 के चुनाव से पहले आरक्षित सीट थी बरखेड़ा विधानसभा
पीलीभीत जिले की बरखेड़ा विधानसभा सीट 2012 के चुनाव से पहले आरक्षित सीट हुआ करती थी, पर 2012 में आए परिसीमन के बाद यह सीट सामान्य घोषित कर दी गई और 2012 के परिसीमन के बाद सपा के नेता हेमराज वर्मा यहां पहली बार लोध किसान जाति के विधायक बने. 2017 के चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार और लोध राजपूत जाति से आने वाले किशन लाल राजपूत को जनता ने अपना विधायक बनाया.

इसे भी पढ़ें-जानिए 'पूरनपुर विधानसभा सीट' का खेल, क्या इस बार भी होगा उलटफेर

लोध किसान वोट पर रहती है नजर
128 बरखेड़ा विधानसभा की सीट पर लगभग 3 लाख 11 हजार मतदाता है. बरखेड़ा विधानसभा सीट पर मतदाताओं में सबसे अधिक वोट बैंक लोध राजपूत जाति का है. जातिगत आंकड़ों की मानें तो यहां करीब 1 लाख 12 हजार लोध राजपूत जाति के मतदाता है. इस विधानसभा में बंगाली समाज के वोटों की संख्या करीब 35 हजार है.

विधानसभा सीट पर 28 हजार मुस्लिम समाज के भी मतदाता हैं जो अपना नेता चुनते हैं. इसके अलावा 10 हजार सिख, निषाद समाज के 15 हजार वोट, ब्राह्मण वोट बैंक की संख्या 8 हजार, कुर्मी समाज के वोट की संख्या 18000 व दलित समाज के करीब 40,000 वोटर हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस सीट पर विधायक बनने के लिए लोध किसान जाति का वोट बैंक सबसे महत्वपूर्ण होता है, जिस प्रत्याशी के खाते में यह वोट बैंक जाता है. वही यहां का विधायक चुना जाता है.

इसे भी पढ़ें-UP Election 2022: पीलीभीत शहर विधानसभा सीट पर कांटे की टक्कर के आसार, जानिए चुनावी समीकरण

कौन है विधायक किशन लाल राजपूत
2017 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर विधायक बने किशन लाल राजपूत की उम्र करीब 61 वर्ष है. विधायक किशन लाल राजपूत स्थानीय रूप से जहानाबाद क्षेत्र के रहने वाले हैं. किशन लाल राजपूत बीजेपी में शामिल होने और विधायक बनने से पहले ग्राम विकास अधिकारी हुआ करते थे.

चुनाव से पहले बीजेपी विधायक किशनलाल राजपूत ने अपनी नौकरी से वॉलंटरी रिटायरमेंट ले लिया था और जनता की सेवा में जुट गए थे. बीजेपी विधायक किशन लाल के पुत्र नमन राजपूत अपने विधायक पिता के साथ रहकर जनता की सेवा करते हैं और उनकी समस्याओं को सुनकर निस्तारण के लिए अधिकारियों से बातचीत करते रहते हैं.

सपा बीजेपी की कांटे की टक्कर
128 बरखेड़ा विधानसभा की सीट पर समाजवादी पार्टी और बीजेपी कि कांटे की टक्कर है. एक तरफ जहां बीजेपी से टिकट की दावेदारी में मौजूदा विधायक किशन लाल राजपूत कद्दावर नेता स्वामी प्रवक्ता नंद भाजपा नेता कमलेश गंगवार समेत तमाम प्रत्याशी मैदान में है. तो वहीं समाजवादी पार्टी से भी टिकट के दावेदारों की एक लंबी लिस्ट है.

सपा सरकार में पूर्व राज्य मंत्री रहे और बरखेड़ा विधानसभा की सीट से विधायक रहे हेमराज वर्मा इस सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बुद्धसेन वर्मा भी टिकट के दावेदारों की लिस्ट में शुमार हैं. इसके अलावा सपा नेता पिंटू यादव भी जनता के बीच जाकर प्रचार प्रसार कर टिकट की दावेदारी कर रहे हैं.

Last Updated : Oct 15, 2021, 10:01 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.