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यहां के हम टाइगर! किसान के घर की दीवार पर 8 घंटे बैठा रहा बाघ, धूप में आराम फरमाया; VIDEO

पीलीभीत में एक बाघ सोमवार की देर रात जंगल से निकलकर एक किसान के घर के पास पहुंच गया. वह किसान के घर की दीवार पर कई घंटे तक बैठा ( Pilibhit tiger sitting wall Video ) रहा. वह विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ लिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 26, 2023, 10:53 AM IST

Updated : Dec 26, 2023, 1:52 PM IST

पीलीभीत में दीवार पर बैठे बाघ का वीडियो.

पीलीभीत : कलीनगर इलाके में सोमवार की रात एक बाघ जंगल से निकलकर किसान के घर की दीवार पर जाकर बैठ गया. उसे देखकर कुत्तों ने भौंकना शुरू कर दिया. इस पर किसान उठकर बाहर आया तो बाघ को देखकर वह सहम गया. जानकारी मिलने पर ग्रामीण किसान के घर पहुंच गए. बाघ से बचने के लिए आग जलाई गई, कुछ लोग छत से टॉर्च की रोशनी बाघ की आंखों पर करते रहे, लेकिन वह भागा नहीं. कभी वह दीवार पर ही खड़ा हो जाता तो कभी आराम करने लगता. रात से शुरू हुआ यह सिलसिला मंगलवार की सुबह तक चलता रहा. वक्त के साथ भीड़ बढ़ती रही लेकिन बाघ मौके से कहीं नहीं गया. बाघ को रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग की टीम पहुंची. करीब 10 घंटे के बाद बाघ पकड़ा जा सका.

बाघ रात से सुबह तक दीवार पर ही बैठा रहा.

कुत्तों के भौंकने पर किसान को हुई जानकारी : कलीनगर तहसील क्षेत्र के तमाम गांवों के लोग बाघ की वजह से दहशत में रहते है. अक्सर बाघ जंगल से निकलकर आबादी की ओर चला आता है. कई बार लोगों को रातभर पालतू पशुओं की रखवाली भी करनी पड़ती है. सोमवार की रात करीब दो बजे एक बाघ अटकोना गांव के रहने वाले किसान शिंदू सिंह के घर की दीवार (चारदीवारी) पर जाकर बैठ गया. इस बीच गांव के कुत्तों ने उसे देखकर भौंकना शुरू कर दिया. इस पर शिंदू सिंह की नींद खुल गई. वह घर से बाहर निकले तो बाघ को देखकर सहम गए. उन्होंने गांव के अन्य लोगों को इसकी जानकारी दी. कुछ ही देर में कुछ लोग किसान के घर पहुंच गए, जबकि कुछ लोग अपने-अपने घरों की छतों पर चढ़कर बाघ को देखने लगे.

बाघ रात से सुबह तक दीवार पर ही बैठा रहा.
बाघ रात से सुबह तक दीवार पर ही बैठा रहा.
भीड़ बढ़ने पर भी बाघ टस से मस नहीं हुआ.
भीड़ बढ़ने पर भी बाघ टस से मस नहीं हुआ.

भीड़ बड़ने पर भी नहीं भागा बाघ : लोग बाघ को भगाने के लिए उसकी आंखों पर टॉर्च से रोशनी कर रहे थे, कुछ लोगों ने आग का भी सहारा लिया, लेकिन बाघ वहां से खिसका नहीं. कभी वह दीवार पर बैठ जाता तो कभी अपने पैर लटकाकर आराम की मुद्रा में आ जाता. जैसे-जैसे रात गुजरती गई लोगों की भीड़ भी बाघ के आसपास बढ़ने लगी, लेकिन इसके बावजूद सुबह तक वह दीवार से नहीं हटा. ग्रामीणों ने बाघ का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वहीं ग्रामीणों ने मामले की सूचना वन विभाग को दी. टीम बाघ को पकड़ने के लिए गांव में पहुंच गई. वह विभाग की टीम गांल पहुंची. विभाग के डॉक्टरों ने बाघ को ट्रेंकुलाइज कर उसे पकड़ लिया. इसके बाद पिंजरे में कैद कर लिया. पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि बाघ का मेडिकल कराकर उसे जंगल में छोड़ा जाएगा.

बाघ दीवार पर आराम करता रहा.
बाघ दीवार पर आराम करता रहा.
टॉर्च से रोशनी करने पर भी बाघ टस से मस नहीं हुआ.
टॉर्च से रोशनी करने पर भी बाघ टस से मस नहीं हुआ.

इलाके के कई गांवों में है बाघ की दहशत : कलीनगर तहसील क्षेत्र के जमुनिया खास, वीरखेड़ा, पिपरिया संतोष अटकोना समेत कई गांवों में लगातार बाघ की दहशत बनी रहती है. ग्रामीण खेतों में काम करने से भी डरते हैं. झुंड बनाकर ग्रामीण खेतों की तरफ जाते हैं ताकि बाघ उन पर हमला न कर दे. बीते दिनों पिपरिया संतोष गांव के पास दहशत फैलाने वाले बाघ को पकड़ने के लिए शासन से मंजूरी मिली थी लेकिन वन विभाग ढीला डाला रवैया अपनाता रहा. बाघ की निगरानी करने की बात लगातार सामाजिक वानिकी के अधिकारियों द्वारा की जाती है लेकिन कलीनगर तहसील क्षेत्र में बाघ की दहशत बरकरार है.

यह भी पढ़ें : गुटखा खाकर पीक मारती है पत्नी, अब नहीं रहना साथ, खुद खरीद कर लाती है, घर के हर कोने में थूकती है

पीलीभीत में दीवार पर बैठे बाघ का वीडियो.

पीलीभीत : कलीनगर इलाके में सोमवार की रात एक बाघ जंगल से निकलकर किसान के घर की दीवार पर जाकर बैठ गया. उसे देखकर कुत्तों ने भौंकना शुरू कर दिया. इस पर किसान उठकर बाहर आया तो बाघ को देखकर वह सहम गया. जानकारी मिलने पर ग्रामीण किसान के घर पहुंच गए. बाघ से बचने के लिए आग जलाई गई, कुछ लोग छत से टॉर्च की रोशनी बाघ की आंखों पर करते रहे, लेकिन वह भागा नहीं. कभी वह दीवार पर ही खड़ा हो जाता तो कभी आराम करने लगता. रात से शुरू हुआ यह सिलसिला मंगलवार की सुबह तक चलता रहा. वक्त के साथ भीड़ बढ़ती रही लेकिन बाघ मौके से कहीं नहीं गया. बाघ को रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग की टीम पहुंची. करीब 10 घंटे के बाद बाघ पकड़ा जा सका.

बाघ रात से सुबह तक दीवार पर ही बैठा रहा.

कुत्तों के भौंकने पर किसान को हुई जानकारी : कलीनगर तहसील क्षेत्र के तमाम गांवों के लोग बाघ की वजह से दहशत में रहते है. अक्सर बाघ जंगल से निकलकर आबादी की ओर चला आता है. कई बार लोगों को रातभर पालतू पशुओं की रखवाली भी करनी पड़ती है. सोमवार की रात करीब दो बजे एक बाघ अटकोना गांव के रहने वाले किसान शिंदू सिंह के घर की दीवार (चारदीवारी) पर जाकर बैठ गया. इस बीच गांव के कुत्तों ने उसे देखकर भौंकना शुरू कर दिया. इस पर शिंदू सिंह की नींद खुल गई. वह घर से बाहर निकले तो बाघ को देखकर सहम गए. उन्होंने गांव के अन्य लोगों को इसकी जानकारी दी. कुछ ही देर में कुछ लोग किसान के घर पहुंच गए, जबकि कुछ लोग अपने-अपने घरों की छतों पर चढ़कर बाघ को देखने लगे.

बाघ रात से सुबह तक दीवार पर ही बैठा रहा.
बाघ रात से सुबह तक दीवार पर ही बैठा रहा.
भीड़ बढ़ने पर भी बाघ टस से मस नहीं हुआ.
भीड़ बढ़ने पर भी बाघ टस से मस नहीं हुआ.

भीड़ बड़ने पर भी नहीं भागा बाघ : लोग बाघ को भगाने के लिए उसकी आंखों पर टॉर्च से रोशनी कर रहे थे, कुछ लोगों ने आग का भी सहारा लिया, लेकिन बाघ वहां से खिसका नहीं. कभी वह दीवार पर बैठ जाता तो कभी अपने पैर लटकाकर आराम की मुद्रा में आ जाता. जैसे-जैसे रात गुजरती गई लोगों की भीड़ भी बाघ के आसपास बढ़ने लगी, लेकिन इसके बावजूद सुबह तक वह दीवार से नहीं हटा. ग्रामीणों ने बाघ का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वहीं ग्रामीणों ने मामले की सूचना वन विभाग को दी. टीम बाघ को पकड़ने के लिए गांव में पहुंच गई. वह विभाग की टीम गांल पहुंची. विभाग के डॉक्टरों ने बाघ को ट्रेंकुलाइज कर उसे पकड़ लिया. इसके बाद पिंजरे में कैद कर लिया. पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि बाघ का मेडिकल कराकर उसे जंगल में छोड़ा जाएगा.

बाघ दीवार पर आराम करता रहा.
बाघ दीवार पर आराम करता रहा.
टॉर्च से रोशनी करने पर भी बाघ टस से मस नहीं हुआ.
टॉर्च से रोशनी करने पर भी बाघ टस से मस नहीं हुआ.

इलाके के कई गांवों में है बाघ की दहशत : कलीनगर तहसील क्षेत्र के जमुनिया खास, वीरखेड़ा, पिपरिया संतोष अटकोना समेत कई गांवों में लगातार बाघ की दहशत बनी रहती है. ग्रामीण खेतों में काम करने से भी डरते हैं. झुंड बनाकर ग्रामीण खेतों की तरफ जाते हैं ताकि बाघ उन पर हमला न कर दे. बीते दिनों पिपरिया संतोष गांव के पास दहशत फैलाने वाले बाघ को पकड़ने के लिए शासन से मंजूरी मिली थी लेकिन वन विभाग ढीला डाला रवैया अपनाता रहा. बाघ की निगरानी करने की बात लगातार सामाजिक वानिकी के अधिकारियों द्वारा की जाती है लेकिन कलीनगर तहसील क्षेत्र में बाघ की दहशत बरकरार है.

यह भी पढ़ें : गुटखा खाकर पीक मारती है पत्नी, अब नहीं रहना साथ, खुद खरीद कर लाती है, घर के हर कोने में थूकती है

Last Updated : Dec 26, 2023, 1:52 PM IST
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