पीलीभीत : अपनी ही पार्टी में रहकर तीखे बयानों के कारण चर्चा में रहने वाले बीजेपी सांसद वरुण गांधी एक बार फिर सुर्खियां बटोर रहे हैं. इस बार वरुण गांधी ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के लिए चिंता जताई है.
वरुण गांधी ने ट्वीट में लिखा 'यूक्रेन विवाद ने हजारों छात्रों को मानसिक रूप से तोड़ दिया है. एक तरफ युद्धभूमि की कड़वी स्मृतियां हैं और दूसरी तरफ अधर में लटका हुआ भविष्य. हमें नियमों को शिथिल कर भारतीय संस्थानों में इन छात्रों का समायोजन करना होगा. उनकी और उनके अभिभावकों की चिंता, हमारी चिंता होनी चाहिए.'
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यूक्रेन विवाद ने हजारों छात्रों को मानसिक रूप से तोड़ दिया है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) March 6, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
एक तरफ युद्धभूमि की कड़वी स्मृतियाँ हैं और दूसरी तरफ अधर में लटका हुआ भविष्य।
हमें नियमों को शिथिल कर भारतीय संस्थानों में इन छात्रों का समायोजन करना होगा।
उनकी और उनके अभिभावकों की चिंता, हमारी चिंता होनी चाहिए।
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— Varun Gandhi (@varungandhi80) March 6, 2022
एक तरफ युद्धभूमि की कड़वी स्मृतियाँ हैं और दूसरी तरफ अधर में लटका हुआ भविष्य।
हमें नियमों को शिथिल कर भारतीय संस्थानों में इन छात्रों का समायोजन करना होगा।
उनकी और उनके अभिभावकों की चिंता, हमारी चिंता होनी चाहिए।यूक्रेन विवाद ने हजारों छात्रों को मानसिक रूप से तोड़ दिया है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) March 6, 2022
एक तरफ युद्धभूमि की कड़वी स्मृतियाँ हैं और दूसरी तरफ अधर में लटका हुआ भविष्य।
हमें नियमों को शिथिल कर भारतीय संस्थानों में इन छात्रों का समायोजन करना होगा।
उनकी और उनके अभिभावकों की चिंता, हमारी चिंता होनी चाहिए।
यह कोई पहला मामला नहीं है वरुण गांधी ने यूक्रेन मुद्दे के मामले पर प्रतक्रिया दी हो, उन्होंने इससे पहले भी ट्वीट के माध्यम से सरकार पर जिम्मेदार बताया था. इससे पहले उन्होंने 28 फरवरी को यूक्रेन के मसले पर ट्वीट किया था. उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि 'सही समय पर सही फैसले न लिए जाने के कारण 15 हजार से अधिक छात्र भारी अव्यवस्था के बीच अभी भी युद्धभूमि में फंसे हुए हैं. ठोस रणनीतिक और कूटनैतिक कार्यवाही कर इनकी सुरक्षित वापसी इन पर कोई उपकार नहीं बल्कि हमारा दायित्व है. हर आपदा में 'अवसर' नहीं खोजना चाहिए.
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सही समय पर सही फैसले न लिए जाने के कारण 15 हजार से अधिक छात्र भारी अव्यवस्था के बीच अभी भी युद्धभूमि में फंसे हुए है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) February 28, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
ठोस रणनीतिक और कूटनैतिक कार्यवाही कर इनकी सुरक्षित वापसी इन पर कोई उपकार नहीं बल्कि हमारा दायित्व है।
हर आपदा में ‘अवसर’ नही खोजना चाहिए। pic.twitter.com/6GIhJpmcDF
">सही समय पर सही फैसले न लिए जाने के कारण 15 हजार से अधिक छात्र भारी अव्यवस्था के बीच अभी भी युद्धभूमि में फंसे हुए है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) February 28, 2022
ठोस रणनीतिक और कूटनैतिक कार्यवाही कर इनकी सुरक्षित वापसी इन पर कोई उपकार नहीं बल्कि हमारा दायित्व है।
हर आपदा में ‘अवसर’ नही खोजना चाहिए। pic.twitter.com/6GIhJpmcDFसही समय पर सही फैसले न लिए जाने के कारण 15 हजार से अधिक छात्र भारी अव्यवस्था के बीच अभी भी युद्धभूमि में फंसे हुए है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) February 28, 2022
ठोस रणनीतिक और कूटनैतिक कार्यवाही कर इनकी सुरक्षित वापसी इन पर कोई उपकार नहीं बल्कि हमारा दायित्व है।
हर आपदा में ‘अवसर’ नही खोजना चाहिए। pic.twitter.com/6GIhJpmcDF
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