पीलीभीत : बाघिन की मौत पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व समेत पूरा वन विभाग हरकत में आ गया है. टाइगर रिजर्व के डीएफओ नवीन खंडेलवाल ने बाघिन की हत्या के मामले में 43 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है, जिनमें 31 लोग नामजद और 12 अज्ञात लोग शामिल हैं. विभाग ने इन ग्रामीणों के खिलाफ वन्य जीव सरंक्षण कानून के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है.
एफआईआर में क्या कहा गया है
बाघिन को मारना एक जघन्य अपराध है. इस आधार पर धारदार हथियार से हमला करने वाले 43 लोग, जिनमें 31 लोग नामजद ओर 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ पूरनपुर कोतवाली में जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है. प्रेस विज्ञप्ति में एफआईआर प्रकाशित की गई है. इसमें मुख्य वन संरक्षक, जिलाधिकारी और मुख्य वनाधिकारी को इसकी प्रतियां भेजी गई हैं. साथ ही वन विभाग ने वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम के अंतर्गत आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.
क्या है पूरा मामला
- बुधवार शाम पूरनपुर निवासी गुड्डू बिना किसी कारण के बाघिन के समीप चला गया था.
- इससे बाघिन गुस्से में आ गई और उस पर हमला कर दिया.
- गुड्डू की आवाज सुनकर खेत पर काम कर रहे किसान गुड्डू को बचाने दौड़ पड़े.
- बाघिन ने इन किसानों पर भी हमला कर दिया था, जिसमें 9 लोग घायल हो गए थे.
- सूचना मिलते ही वन विभाग के कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन पर भी हमला कर दिया.
- वनकर्मी अपनी जान बचाते हुए वहां से चले गए.
- इसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने जंगल के अंदर बैठी बाघिन पर धारदार हथियार और लाठी-डंडों से हमला कर दिया.
- इसके बाद बाघिन ने रात में ही तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया.