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टाइगर रिजर्व मे स्थित मेलें में लोग बना रहे खाना, मेला कमेटी बेखबर

पीलीभीत में सेला बाबा के मेले में दूरदराज से आए लोग जंगल के अंदर भोजन बना रहे हैं. इसके कारण कभी भी कोई दुर्घटना घटित हो सकती है. इस पर वन विभाग कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है.

टाइगर रिजर्व
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Published : Apr 11, 2021, 2:36 PM IST

पीलीभीत: जिले में सेला बाबा के मेले में दूरदराज से आए लोग जंगल के अंदर भोजन बना रहे हैं. इसके कारण कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. लेकिन, टाईगर रिजर्व विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है. पीलीभीत टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र से लगे हुए इलाके में पिछले कई वर्षों से सेला बाबा के नाम से एक मजार पर उर्स का आयोजन किया जाता है. यह लगभग पांच दिन का होता है.

यह भी पढ़ें: गेहूं के खेत में लगी आग, लाखों की फसल जलकर खाक

कभी भी हो सकती है घटना

टाईगर रिजर्व में दूरदराज से आए लोग जंगल के अंदर बैठकर भोजन बना रहे हैं. साथ ही सेल्फी भी खींच रहे हैं. लेकिन, विभाग का इस पर कोई फोकस नहीं है. इसके कारण कोई बड़ी घटना हो सकती है. जिस इलाके में मेला लगाया जाता है, वह इलाका टाइगर रिजर्व का भी है. उसके बाद भी श्रद्धालु जंगल से लकड़ी तोड़कर पकवान बना रहे हैं. इस लापरवाही से कभी भी कोई घटना हो सकती है. वैसे भी यह मौसम जंगल और खड़ी फसल के लिए मुफीद नहीं है. जंगल में आग भी लग सकती है और जंगल के इतने नजदीक खाना बना रहे लोगों के साथ कभी भी मानव संघर्ष की घटना भी हो सकती है.

लोगों पर होगी कार्रवाई

पीलीभीत टाइगर रिजर्व बराही रेंजर डीके गोयल ने बताया की मेला पांच दिवसीय है. जो शुक्रवार से प्रारंभ किया गया है. इसलिए शुक्रवार शाम को लगभग 4 किलोमीटर के दायरे में प्लास्टिक की रबड़ लगा दी गई है. इधर मुख्यालय पर पत्राचार के माध्यम से पीलीभीत टाइगर रिजर्व की ओर रेंज से भी स्टॉप मांगा गया है. शनिवार सुबह से सब की ड्यूटी लगा दी गई है. जंगल के अंदर यह जंगल के आसपास किसी को भी खाना बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. अगर कोई जंगल के अंदर दाखिल होता है या जंगल की किनारे पर बैठकर कच्चे चूल्हे पर खाना बनाते पकड़ा गया तो मेला कमेटी एवं पकड़े गए व्यक्ति के खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

पीलीभीत: जिले में सेला बाबा के मेले में दूरदराज से आए लोग जंगल के अंदर भोजन बना रहे हैं. इसके कारण कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. लेकिन, टाईगर रिजर्व विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है. पीलीभीत टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र से लगे हुए इलाके में पिछले कई वर्षों से सेला बाबा के नाम से एक मजार पर उर्स का आयोजन किया जाता है. यह लगभग पांच दिन का होता है.

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कभी भी हो सकती है घटना

टाईगर रिजर्व में दूरदराज से आए लोग जंगल के अंदर बैठकर भोजन बना रहे हैं. साथ ही सेल्फी भी खींच रहे हैं. लेकिन, विभाग का इस पर कोई फोकस नहीं है. इसके कारण कोई बड़ी घटना हो सकती है. जिस इलाके में मेला लगाया जाता है, वह इलाका टाइगर रिजर्व का भी है. उसके बाद भी श्रद्धालु जंगल से लकड़ी तोड़कर पकवान बना रहे हैं. इस लापरवाही से कभी भी कोई घटना हो सकती है. वैसे भी यह मौसम जंगल और खड़ी फसल के लिए मुफीद नहीं है. जंगल में आग भी लग सकती है और जंगल के इतने नजदीक खाना बना रहे लोगों के साथ कभी भी मानव संघर्ष की घटना भी हो सकती है.

लोगों पर होगी कार्रवाई

पीलीभीत टाइगर रिजर्व बराही रेंजर डीके गोयल ने बताया की मेला पांच दिवसीय है. जो शुक्रवार से प्रारंभ किया गया है. इसलिए शुक्रवार शाम को लगभग 4 किलोमीटर के दायरे में प्लास्टिक की रबड़ लगा दी गई है. इधर मुख्यालय पर पत्राचार के माध्यम से पीलीभीत टाइगर रिजर्व की ओर रेंज से भी स्टॉप मांगा गया है. शनिवार सुबह से सब की ड्यूटी लगा दी गई है. जंगल के अंदर यह जंगल के आसपास किसी को भी खाना बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. अगर कोई जंगल के अंदर दाखिल होता है या जंगल की किनारे पर बैठकर कच्चे चूल्हे पर खाना बनाते पकड़ा गया तो मेला कमेटी एवं पकड़े गए व्यक्ति के खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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