पीलीभीत: 1 अक्टूबर से उत्तर प्रदेश में धान खरीद का सीजन शुरू हो चुका है. ऐसे में सरकार द्वारा किसानों की सहूलियत के लिए तमाम कोशिशें की गई हैं. इसके बावजूद अधिकारियों की लापरवाही के चलते लगातार सरकारी नीतियों में सेंध लगाकर धान खरीद के नाम पर सरकारी धन का बंदरबांट करने का काम जोरों पर चल रहा है. गुरुवार देर रात पीलीभीत की नवीन मंडी में लगे खाद्य विभाग के सेंटर पर रात के अंधेरे में धान तौला जा रहा था. अफसरों को जब पूरे मामले की भनक लगी तो तमाम अफसर आनन-फानन में मंडी जा पहुंचे और मामले की जांच पड़ताल की.
मामला पीलीभीत के नवीन मंडी परिसर में लगे खाद्य विभाग के सेंटर का है. जहां रात के अंधेरे में धान खरीद होने की दूसरा प्रशासनिक अधिकारियों को लगी थी. आनन-फानन में पीलीभीत के सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार घटनास्थल पर जा पहुंचे और रंगे हाथों रात के अंधेरे में हो रही धान खरीद को पकड़ लिया.
हैरान कर देने वाली हकीकत यह थी कि इस दौरान न तो मौके पर सेंटर इंचार्ज मौजूद थे और न ही कोई जिम्मेदार अफसर, लेबर ही रात के अंधेरे में धान खरीद कर रही थी. मौके पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट ने पहले तो धान खरीद को बंद कराया और डिप्टी आरएमओ ज्ञान प्रकाश वर्मा समेत तमाम अन्य अधिकारियों को मौके पर बुला लिया. सिटी मजिस्ट्रेट ने सेंटर पर तैनात प्रभारी महिपाल सिंह से भी संपर्क साधने का प्रयास किया, लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ हो गया.
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मंडी में धान खरीद करने वाले लेबर और धान बेचने आए किसानों के बयान सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किए गए. इस मौके पर बड़ी संख्या में राइस मिलर भी मंडी परिषद जा पहुंचे और जोरदार हंगामा किया. राइस मिलों का आरोप था कि रात के अंधेरे में धान खरीद नहीं हो सकती. क्योंकि न तो धान के मानक चेक हो पाएंगे और कहीं न कहीं सेंटर प्रभारी अंधेरे का फायदा उठाकर रिजेक्ट माल को सांठगांठ कर खरीद रहे हैं.
इस पूरे मामले पर जब पीलीभीत के सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने जानकारी दी गई तो सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि धान खरीद होने की सूचना मिली थी. मौके पर पहुंचकर खरीद को बंद करा दिया गया है. मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
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