पीलीभीत: टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए देश का नाम रोशन करने वाले हॉकी खिलाड़ी सिमरनजीत सिंह का पीलीभीत पहुंचने पर जोरदार स्वागत हुआ. सिमरनजीत महज 8 साल की उम्र में पीलीभीत को छोड़कर हॉकी के खेल में करियर आगे बढ़ाने के लिए पंजाब शिफ्ट हो गए थे. टोक्यो ओलंपिक में शानदार खेल दिखाते हुए सिमरनजीत सिंह ने भारतीय हॉकी टीम को कांस्य पदक जीताने में अहम भूमिका निभाई.
हॉकी खिलाड़ी सिमरनजीत बीते डेढ़ साल से अपने पैतृक गांव मजारा नहीं पहुंचे थे. टोक्यो ओलंपिक में जीत के बाद सिमरनजीत एक लंबे अरसे बाद अपने घर पहुंच रहे हैं. ऐसे में जिले भर में तमाम जगह सिमरनजीत के स्वागत समारोह का आयोजन किया गया. पीलीभीत शहर के व्यापारियों ने सिमरनजीत के स्वागत के लिए सत्कार समारोह का आयोजन किया. जिसमें डीएम पुलकित खरे भी मौजूद रहे.
मीडिया से बातचीत करते हुए हॉकी प्लेयर सिमरनजीत ने कहा कि बचपन में वह हॉकी के खेल में अपना भविष्य सोचते थे. ऐसे में जब वे अपने करियर को बनाने के लिए आगे बढ़े तो जिले में संसाधनों की कमी को महसूस किया और भारत के लिए कुछ करने की चाह के चलते उन्होंने पीलीभीत छोड़ पंजाब जाने का फैसला किया. जहां सिमरनजीत ने अपने ताऊ के घर रहकर हॉकी के गुर सीखे और टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को जीत दिलाई.
जिले में बनेगा सिमरजीत के नाम का स्टेडियम
जिला प्रशासन ने 'खेलो इंडिया खेलो' के तहत मझोला में बन रहे करोड़ों की लागत के स्टेडियम का नाम सिमरन जीत के नाम पर रखने का आश्वासन दिया है. जिला अधिकारी पुलकित खरे ने सिमरनजीत को यह आश्वस्त किया है कि जल्द ही इस क्रम में एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा.
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