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पीलीभीत: अब हांथी बढ़ाएंगे पीलीभीत टाइगर रिजर्व की शान

यूपी के पीलीभीत टाइगर रिजर्व की पहचान बाघों से है लेकिन अब वहां हांथियों की भी इंट्री हो रही है. पीलीभीत टाइगर रिजर्व की पांचों रेंजों के प्रत्येक रेंज में 2 हांथी भेजे जाएंगे.

पीलीभीत टाइगर रिजर्व
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Published : Aug 10, 2019, 5:57 PM IST

पीलीभीत : जनपद की की पहचान उसके वन क्षेत्र के लिए है. पीलीभीत का जंगल करीब 73000 हेक्टेयर में फैला हुआ है. पीलीभीत का जंगल बाघों के संरक्षण के लिए जाना जाता है. अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व में हांथियों की भी इंट्री हो रही है. प्रत्येक रेंज में 2 हांथियों को रखा जाएगा, जिससे बाघ का आसानी से रेस्क्यू किया जा सकेगा.

टाइगर रिजर्व में आएंगे हांथी

बाघों के साथ अब हांथी भी -

  • जनपद में पीलीभीत टाइगर रिजर्व में अब हांथियों को लाया जाएगा.
  • इन हांथियों को कर्नाटक या केरल से लाया जाएगा.
  • पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 30 से बढ़कर 55 हुई है.
  • हांथियों कि सहायता से बाघ का आसानी से रेस्क्यू भी किया जा सकेगा.
  • टाइगर रिजर्व में कुल 10 हांथियों को लाया जाएगा.
  • प्रत्येक रेंज में 2 हांथियों को रखा जाएगा.

इस बार पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 10 हांथियों को लाया जाएगा. प्रत्येक रेंज में 2-2 हांथियों को रखा जाएगा. इन हांथियों को रखने से बाघ का रेस्क्यू बेहद ही आसानी से किया जा सकेगा.

- नवीन खंडेलवाल, डीएफओ

पीलीभीत : जनपद की की पहचान उसके वन क्षेत्र के लिए है. पीलीभीत का जंगल करीब 73000 हेक्टेयर में फैला हुआ है. पीलीभीत का जंगल बाघों के संरक्षण के लिए जाना जाता है. अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व में हांथियों की भी इंट्री हो रही है. प्रत्येक रेंज में 2 हांथियों को रखा जाएगा, जिससे बाघ का आसानी से रेस्क्यू किया जा सकेगा.

टाइगर रिजर्व में आएंगे हांथी

बाघों के साथ अब हांथी भी -

  • जनपद में पीलीभीत टाइगर रिजर्व में अब हांथियों को लाया जाएगा.
  • इन हांथियों को कर्नाटक या केरल से लाया जाएगा.
  • पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 30 से बढ़कर 55 हुई है.
  • हांथियों कि सहायता से बाघ का आसानी से रेस्क्यू भी किया जा सकेगा.
  • टाइगर रिजर्व में कुल 10 हांथियों को लाया जाएगा.
  • प्रत्येक रेंज में 2 हांथियों को रखा जाएगा.

इस बार पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 10 हांथियों को लाया जाएगा. प्रत्येक रेंज में 2-2 हांथियों को रखा जाएगा. इन हांथियों को रखने से बाघ का रेस्क्यू बेहद ही आसानी से किया जा सकेगा.

- नवीन खंडेलवाल, डीएफओ

Intro:पीलीभीत की पहचान टाइगर रिजर्व के चलते बनी हुई है, पिलीभित टाइगर रिजर्व में 55 बाघ आज भी हैं,जो कि पर्यटन का क्षेत्र भी बन चुका है, लेकिन इस बार पीलीभीत टाइगर रिजर्व में टाइगर के अलावा हांथी भी पर्यटन का केंद्र बनेंगे, पीलीभीत टाइगर रिजर्व की पांचों रेंजों के प्रत्येक रेंज में 2 हांथी भेजे जाएंगे, रेंजों में पहुँचाये गए हांथियो से बाघ को रेस्क्यू करने में आसानी रहेगी, इसके साथ हांथी के आ जाने से पर्यटन भी बढ़ेगा।


Body:हिमालय की तलाठी में बसे पीलीभीत की पहचान उसके वन क्षेत्र के लिए है, पीलीभीत का जंगल करीब 73000 हेक्टेयर में फैला हुआ है पीलीभीत का जंगल बाघों के संरक्षण के लिए जाना जाता है, 28 फरवरी 2014 को पीलीभीत जंगल को वन जीव प्रभाग घोषित किया गया था टाइगर रिजर्व घोषित होने के बाद जंगल में हर पुकार के प्रतिबंध लगा दिए गए थे जिसको लेकर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघो की संख्या 30 से बढ़कर 55 हो गई है जिसके चलते जंगल के आसपास रह रहे ग्रामीणों पर बाघ के हमले होते रहते हैं

टाइगर रिजर्व में टाइगर आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं, लेकिन पीलीभीत टाइगर रिजर्व के आलाधिकारी लोगों में पर्यटन का केंद्र बढाने के लिए हांथियो को टाइगर रिजर्व में लाने की योजना बनाई जिससे पर्यटन का केंद्र भी बढ़ेगा और हांथियो कि सहायता से बाघ का आसानी से रेस्क्यू भी किया जा सकेगा।

टाइगर रिजर्व के आलाधिकारियों के अनुसार टाइगर रिजर्व में कुल 10 हांथियो को लाया जाएगा, जिससे प्रत्येक रेंज में 2 हांथियो को रखा जाएगा, जिससे बाघ का आसानी से रेस्क्यू हो सके, इन हांथियो को कर्नाटक या केरल से लाया जाएगा।


Conclusion:डीएफओ नवीन खंडेलवाल ने बताया कि इस बार पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 10 हांथियो को लाया जाएगा, ओर प्रत्येक रेंज में 2-2 हांथियो को रखा जाएगा, इन हांथियो को रखने से बाघ का रेस्क्यू बेहद ही आसानी से किया जा सकेगा।

बाइट- डीएफओ नवीन खंडेलवाल
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