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पीलीभीत: डॉक्टर के खिलाफ शिकायत पर हुई कार्रवाई, डिस्पेंसरी सीज

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में फर्जी तरीके से मरीजों को देखने वाले डॉक्टर के खिलाफ शिकायत पर डीएम पुलकित खरे ने कार्रवाई के आदेश दिए. इस पर ड्रग्स इंस्पेक्टर ने कार्रवाई करते हुए डॉक्टर की डिस्पेंसरी को सीज कर दिया है.

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Published : Sep 11, 2020, 2:54 PM IST

pilibhit news
शिकायत पर डिस्पेंसरी को सीज कर दिया गया.

पीलीभीत: जिले के बीसलपुर कोतवाली क्षेत्र में फर्जी तरीके से मरीजों को देखने वाले डॉक्टर के खिलाफ शिकायत पर डीएम पुलकित खरे ने कार्रवाई के आदेश दिए, इस पर डॉक्टर की डिस्पेंसरी को सीज कर दिया गया है. इससे अन्य झोलाछाप डॉक्टरों में हड़कंप मचा हुआ है.

मामला पीलीभीत बीसलपुर कोतवाली के 12 पत्थर चौराहे के पास का है. रमेश चंद्र नाम का एक बंगाली युवक लंबे समय से अपनी डिस्पेंसरी चला रहा था. इसको लेकर नगर के कई लोगों ने डीएम पुलकित खरे और मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीमा अग्रवाल से शिकायत की. लोगों ने आरोप लगाया कि बंगाली डॉक्टर अपनी पद्धति के अनुसार फोड़ा, फुंसी आदि का इलाज न करके वह आधुनिक मेडिकल के हिसाब से आने वाले मरीजों को अंग्रेजी दवाएं देकर और उनको इंजेक्शन, बोतल आदि चढ़ाकर एलोपैथिक प्रैक्टिस कर रहा है.

इसके बाद इस मामले में डीएम पुलकित खरे ने गंभीरता दिखाते हुए ड्रग इंस्पेक्टर बबीता रानी को जांच के निर्देश दिए, डिस्पेंसरी पर छापेमारी की गई. इस दौरान अभिलेख में हेराफेरी के साथ-साथ कई तरह की कमियां पाई गईं. डिस्पेंसरी का रजिस्ट्रेशन भी नहीं मिला. इस पर ड्रग इंस्पेक्टर बबीता रानी ने डिस्पेंसरी को सीज कर दिया.

मामले की जानकारी देते हुए ड्रग इंस्पेक्टर बबीता रानी ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर हमारी पूरी टीम द्वारा छापेमारी की गई. छापेमारी के दौरान बिना किसी रजिस्ट्रेशन और बिना किसी डिग्री के डिस्पेंसरी चलाई जा रही थी. आगे की जांच की जा रही है. फिलहाल अभी डिस्पेंसरी को सीज कर दिया गया है.

पीलीभीत: जिले के बीसलपुर कोतवाली क्षेत्र में फर्जी तरीके से मरीजों को देखने वाले डॉक्टर के खिलाफ शिकायत पर डीएम पुलकित खरे ने कार्रवाई के आदेश दिए, इस पर डॉक्टर की डिस्पेंसरी को सीज कर दिया गया है. इससे अन्य झोलाछाप डॉक्टरों में हड़कंप मचा हुआ है.

मामला पीलीभीत बीसलपुर कोतवाली के 12 पत्थर चौराहे के पास का है. रमेश चंद्र नाम का एक बंगाली युवक लंबे समय से अपनी डिस्पेंसरी चला रहा था. इसको लेकर नगर के कई लोगों ने डीएम पुलकित खरे और मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीमा अग्रवाल से शिकायत की. लोगों ने आरोप लगाया कि बंगाली डॉक्टर अपनी पद्धति के अनुसार फोड़ा, फुंसी आदि का इलाज न करके वह आधुनिक मेडिकल के हिसाब से आने वाले मरीजों को अंग्रेजी दवाएं देकर और उनको इंजेक्शन, बोतल आदि चढ़ाकर एलोपैथिक प्रैक्टिस कर रहा है.

इसके बाद इस मामले में डीएम पुलकित खरे ने गंभीरता दिखाते हुए ड्रग इंस्पेक्टर बबीता रानी को जांच के निर्देश दिए, डिस्पेंसरी पर छापेमारी की गई. इस दौरान अभिलेख में हेराफेरी के साथ-साथ कई तरह की कमियां पाई गईं. डिस्पेंसरी का रजिस्ट्रेशन भी नहीं मिला. इस पर ड्रग इंस्पेक्टर बबीता रानी ने डिस्पेंसरी को सीज कर दिया.

मामले की जानकारी देते हुए ड्रग इंस्पेक्टर बबीता रानी ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर हमारी पूरी टीम द्वारा छापेमारी की गई. छापेमारी के दौरान बिना किसी रजिस्ट्रेशन और बिना किसी डिग्री के डिस्पेंसरी चलाई जा रही थी. आगे की जांच की जा रही है. फिलहाल अभी डिस्पेंसरी को सीज कर दिया गया है.

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