पीलीभीतः अगस्त 2020 में शासन स्तर पर अमरिया के एपीओ (APO) अजय कुमार के खिलाफ शिकायत हुई थी. जिसमें आरोप था कि सहायक अभयोजन अधिकारी ने निजी फर्म बनाकर मनरेगा में करोड़ों रुपये का घोटाला किया है. इस शिकायत पर डीएम के आदेश के बाद जांच हुई. जिसमें निजी फर्म बनाकर, फर्जी मस्टररोल दिखाकर करोड़ों का घोटाला करने की बात की पुष्टि हुई. इस मामले में शासन ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
डीएम ने किया बर्खास्त, दर्ज कराया मुकदमा
डीएम पुलकित खरे ने बर्खास्त करने के बाद एपीओ अजय कुमार समेत तीन रोजगार सेवक सुरेश कुमार, गुरविंदर सिंह और हरीश कुमार को बर्खास्त कर दिया था. 26 अगस्त को डीसी मनरेगा मृणाल सिंह की तहरीर के आधार पर कोतवाली में चारों खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी अभिलेख तैयार कर इस्तेमाल करने समेत कई संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी. जिस पर चारों को जेल भेज दिया गया था.
मामले की विवेचना करने वाले पर लगे थे गंभीर आरोप
मामला दर्ज होने के बाद भेजे जेल भेजे गए चारों के मामले की विवेचना कर रहे मुकेश चंद्र पर कई गंभीर आरोप लगे थे, जिसमें शुरुआत में विवेचक मुकेश चंद्र मामले को दबा रहे थे. उन पर आरोपियों को मदद पहुंचाने का भी आरोप लगा था. हालांकि मामला एसपी के संज्ञान में आने पर सख्ति अपनाई गई थी. जिस पर पुलिस ने विवेचना को पूरा किया कर अब चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी गई है.
जानकारी देते हुए सदर कोतवाली के थाना प्रभारी श्रीकांत द्विवेदी ने बताया कि अगस्त में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. जिस पर चारों लोगों को जेल भेजा गया था. पूरी विवेचना कर ली गई है. चार्जशीट कोर्ट में दाखिल भी कर दी गई है.