पीलीभीत: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत करने के बाद भी विधायक रामसरन वर्मा का डीएम के खिलाफ गुस्सा कम नहीं हुआ है. उन्होंने एक प्रेसवार्ता की और डीएम वैभव श्रीवास्तव पर ब्लैकमेल करने के प्रयास का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि डीएम के ऊपर खनन माफियाओं का साथ देने का आरोप है. वे सीएम से शिकायत के बाद अपने गृह जनपद के बीसलपुर विधानसभा पहुंचे थे.
मुझे जिलाधिकारी ने ब्लैकमेल किया है
प्रेसवार्ता के दौरान बीसलपुर से बीजेपी विधायक रामसरन वर्मा ने कहा कि जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने मुझे कई बार ब्लैकमेल किया है, लेकिन हमारी जंग अपने विधानसभा में हो रहे गलत कामों के खिलाफ हमेशा रहेगी. चाहे उसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े, बल्कि जिलाधिकारी ने मुझ पर डेरी का आरोप लगाकर मुझे ब्लैकमेल और भयभीत करने का प्रयास किया है.
'निजी जमीन पर इंटरलॉकिंग के नाम पर पैसे मांगने का आरोप गलत'
प्रेसवार्ता के दौरान बीसलपुर विधायक रामसरन वर्मा ने कहा कि जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने मुझ पर जो आरोप लगाया है कि मैंने अपनी निजी जमीन पर इंटरलॉकिंग कराने के नाम पर नगर पालिका से पैसे मांगे हैं, यह गलत है. ऐसा कुछ नहीं है, बल्कि प्रशासन द्वारा एक ठेकेदार से जबरन लेटर लिखा कर यह आरोप लिखवाया गया है. इसके खिलाफ मैं जरूर कार्रवाई करवाउंगा.
'खनन माफिया को जिलाधिकारी ने बचाया'
प्रेसवार्ता के दौरान बीसलपुर विधायक रामसरन वर्मा ने कहा कि अवैध खनन के मामले में जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने नाटकीय ढंग से मात्र 17 लाख रुपये का जुर्माना लगाकर खनन माफियाओं को बचाने का काम किया है. इतने बड़े मामले में ज्यादा से ज्यादा जुर्माना लगाकर खनन माफियाओं के खिलाफ एफआईआर करानी चाहिए थी, लेकिन जिलाधिकारी ने ऐसा नहीं कराया.
ये है पूरा मामला
बीसलपुर विधायक और डीएम के बीच लंबे समय से टकराव चल रहा है. विधायक के विधानसभा क्षेत्र में ही कई विकास कार्य होने थे. इसमें गोशाला की जगह पर बारात घर का निर्माण किया जा रहा था. इस शिकायत पर अधिकारियों ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया और अनिमितता बरतने के आरोप में ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था. इसी मामले को लेकर विधायक और डीएम के बीच तनातनी हो गई है. विधायक लगातार डीएम को निशाना बना रहे हैं. उन्होंने डीएम पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया. उन्होंने अवैध खनन माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप भी डीएम पर लगाया.
इन सभी मामलों के बाद डीएम वैभव श्रीवास्तव ने अपना पक्ष रखते हुए सभी कार्रवाई को वैधानिक बताया था. विधायक अपनी शिकायत लेकर सीएम के पास पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने दोबारा डीएम पर आरोप लगाए हैं.
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