पीलीभीत. एनजीटी के नियमों का हवाला देकर पीलीभीत (Pilibhit) के जिला प्रशासन ने बीते दिनों पराली जलाने को लेकर किसानों के लिए सख्त चेतावनी जारी की थी. इसके साथ ही जगह-जगह गोष्ठियों का आयोजन कर किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक कर रहा था. इसके बावजूद जिले भर में किसानों द्वारा पराली जलाने के मामले सामने आ रहे थे. जिसके बाद अब जिला प्रशासन ने इन किसानों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है.
जिलेभर में पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं. अब पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई करने के लिए जिला प्रशासन सख्ती का रूख अख्तियार कर चुका है. जिला प्रशासन ने एक दर्जन से अधिक किसानों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के लिए लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई शुरू कर दी है.
इन किसानों पर शस्त्र लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई
जिला प्रशासन द्वारा पराली जलाने को लेकर शस्त्र लाइसेंस धारक किसान रमेश कुमार पुत्र रतन चन्द्र ग्राम थरूआन, रविन्द्र पाल पुत्र अशोक कुमार ग्राम थरूआन, हरप्रीत सिंह पुत्र शेर सिंह ग्राम हरीपुर अजीतपुर बिल्हा, जागीर सिंह पुत्र वन्ता सिंह ग्राम शेरपुर मकरन्दपुर, मनोहर सिंह पुत्र प्यारा सिंह ग्राम गजरौला जप्ती, परमजीत सिंह पुत्र मनोहर सिंह ग्राम जगरौला जप्ती, मस्सा सिंह पुत्र गुरमेज सिंह ग्राम गजरौला जप्ती, वलजिन्दर सिंह पुत्र चंचल सिंह ग्राम मुझा कलां, वीरचन्द्र शर्मा पुत्र ज्ञान चन्द्र शर्मा ग्राम गजरौला जप्ती, फुम्मन सिंह पुत्र अमर सिंह ग्राम पिपरिया करम व दिलीप सिंह पुत्र खजान सिंह ग्राम पिपरिया करम को चिन्हित किया है. इन किसानों के शस्त्र लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई की जा रही है.
पराली जलाने वालों में शामिल पासपोर्ट धारक सतनाम सिंह पुत्र केसर सिंह ग्राम शेरपुर मकरन्दपुर, जजवीर सिंह ग्राम शेरपुर मकरन्दपुर, जागीर सिंह पुत्र वन्ता सिंह ग्राम शेरपुर मकरन्दपुर, परमजीत सिंह पुत्र मनोहर सिंह ग्राम गजरौला जप्ती, वलजीत सिंह पुत्र मस्सा सिंह ग्राम गजरौला जप्ती, अमनदीप सिंह पुत्र महेन्द्र सिंह ग्राम जगरौला जप्ती, मनप्रीत सिंह पुत्र सरजीत सिंह ग्राम मुझा कलां के पासपोर्ट निरास्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है.
तहसीलदारों पर डीएम ने कसा शिकंजा
पराली जलाने के मामलों में अंकुश न लगा पाने के कारण जिलाधिकारी पुलकित खरे ने तहसीलदार पूरनपुर अशोक कुमार गुप्ता व कलीनगर तहसील के तहसीलदार संजय यादव को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदान किए. जिलाधिकारी के निर्देश के बावजूद भी इन दोनों तहसील क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही थी.