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पीलीभीत: लाखों की अनियमितता मामले में ADPRO हटाए गए, DDO पर भी हो सकती है कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत में करोड़ों रुपए की अनियमितताओं में शामिल ADPRO प्रमोद कुमार यादव को शासन स्तर से हटा दिया गया है. एडीपीआरओ प्रमोद कुमार यादव को हटाकर राजकुमार को पीलीभीत का नया DPRO नियुक्त किया गया है.

अनियमितता में शामिल ADPRO हटाए गए.
अनियमितता में शामिल ADPRO हटाए गए.
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Published : Jul 1, 2020, 7:44 AM IST

पीलीभीत: जिले में कोरोना काल में करोड़ों रुपये की अनियमितता को लेकर पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह ने बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने मामले का संज्ञान लेते हुए जिले के ADPRO (अपर जिला पंचायत राज अधिकारी) प्रमोद कुमार यादव को पीलीभीत से हटाकर राजकुमार को पीलीभीत का नया DPRO (जिला पंचायत राज अधिकारी) बनाया है. वहीं लाखों रुपये की अनियमितता में शामिल DDO (जिला विकास अधिकारी) योगेंद्र पाठक अभी कार्रवाई से वंचित हैं, जिन पर भी शासन से बड़ा निर्णय लिया जा सकता है.

पूर्व में चली खबर.
पूर्व में चली खबर.
जानें क्या है पूरा मामला पीलीभीत विकास भवन में कोरोना काल की आड़ में अधिकारियों की ओर से लाखों रुपये की अनियमितता का मामला सामने आया है. यहां पर शासन स्तर से जनपद के घुंघचिआई, मानपुर बीसलपुर, संतोषपुर और बिलगंवा पर अंत्येष्टि स्थल बनाने के लिए 97 लाख 19 हजार 640 रुपये और पंचायत भवन निर्माण को लेकर 17 लाख रुपये, 7 अगस्त 2019 को भेज गए थे, लेकिन विकास भवन के उच्च अधिकारियों ने शासन की मंशा पर पलीता लगाते हुए अंत्येष्टि स्थल का निर्माण नहीं कराया. 31 मार्च को 97 लाख 19 हजार 640 रुपये वापस चले गए. तब अधिकारियों ने मिलीभगत से अपनी लापरवाही को छिपाना चाहा और अन्य मदों से 97 लाख 19 हजार 640 रुपये जारी कर दिए. इस मामले का खुलासा होने पर जिला विकास अधिकारी ने खुद को बचाने के लिए अपने विभाग के दो बाबुओं हरिशंकर अग्रवाल और श्याम बहादुर सक्सेना को सस्पेंड कर दिया. इस सस्पेंशन के लिए उन्होंने तर्क दिया कि इन दोनों बाबुओं ने मामले को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाए बिना ही अन्य मदों से पैसा निकाल लिया.
पंचायती राज निदेशालय से जारी हुआ पत्र
पंचायती राज निदेशालय से जारी हुआ पत्र
मामले की सूचना जब जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव को हुई, तो उन्होंने विकास भवन के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए शासन से शिकायत की. ईटीवी भारत ने विकास के नाम पर की गई करोड़ों रुपये की अनियमितता की खबर को प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद पंचायती राज निदेशालय से डायरेक्टर ने जिला विकास अधिकारी योगेंद्र पाठक और अपर जिला पंचायत राज अधिकारी प्रमोद कुमार यादव से सात दिन के अंदर लिखित स्पष्टीकरण मांगा था. जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने भी कार्रवाई करते हुए जिला पंचायत राज विभाग के वित्तीय अधिकार जिला विकास अधिकारी से छीन लिए. अब इस मामले में ADRPO प्रमोद कुमार यादव को पद से हटा दिया गया है. शासन स्तर से ADPRO पर शासनिक जांच भी चल रही है, जिसमें मुरादाबाद के डिप्टी डायरेक्टर को जांच अधिकारी बनाया गया है.पंचायती राज निदेशालय से जारी हुआ पत्रउत्तर प्रदेश सरकार के पंचायती राज्य निदेशालय के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह के लेटर में बताया गया कि तत्काल प्रभाव से पीलीभीत के एडीपीआरओ प्रमोद कुमार यादव को हटाकर राजकुमार को पीलीभीत का नया डीपीआरओ बनाया जा रहा है.

पीलीभीत: जिले में कोरोना काल में करोड़ों रुपये की अनियमितता को लेकर पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह ने बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने मामले का संज्ञान लेते हुए जिले के ADPRO (अपर जिला पंचायत राज अधिकारी) प्रमोद कुमार यादव को पीलीभीत से हटाकर राजकुमार को पीलीभीत का नया DPRO (जिला पंचायत राज अधिकारी) बनाया है. वहीं लाखों रुपये की अनियमितता में शामिल DDO (जिला विकास अधिकारी) योगेंद्र पाठक अभी कार्रवाई से वंचित हैं, जिन पर भी शासन से बड़ा निर्णय लिया जा सकता है.

पूर्व में चली खबर.
पूर्व में चली खबर.
जानें क्या है पूरा मामला पीलीभीत विकास भवन में कोरोना काल की आड़ में अधिकारियों की ओर से लाखों रुपये की अनियमितता का मामला सामने आया है. यहां पर शासन स्तर से जनपद के घुंघचिआई, मानपुर बीसलपुर, संतोषपुर और बिलगंवा पर अंत्येष्टि स्थल बनाने के लिए 97 लाख 19 हजार 640 रुपये और पंचायत भवन निर्माण को लेकर 17 लाख रुपये, 7 अगस्त 2019 को भेज गए थे, लेकिन विकास भवन के उच्च अधिकारियों ने शासन की मंशा पर पलीता लगाते हुए अंत्येष्टि स्थल का निर्माण नहीं कराया. 31 मार्च को 97 लाख 19 हजार 640 रुपये वापस चले गए. तब अधिकारियों ने मिलीभगत से अपनी लापरवाही को छिपाना चाहा और अन्य मदों से 97 लाख 19 हजार 640 रुपये जारी कर दिए. इस मामले का खुलासा होने पर जिला विकास अधिकारी ने खुद को बचाने के लिए अपने विभाग के दो बाबुओं हरिशंकर अग्रवाल और श्याम बहादुर सक्सेना को सस्पेंड कर दिया. इस सस्पेंशन के लिए उन्होंने तर्क दिया कि इन दोनों बाबुओं ने मामले को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाए बिना ही अन्य मदों से पैसा निकाल लिया.
पंचायती राज निदेशालय से जारी हुआ पत्र
पंचायती राज निदेशालय से जारी हुआ पत्र
मामले की सूचना जब जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव को हुई, तो उन्होंने विकास भवन के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए शासन से शिकायत की. ईटीवी भारत ने विकास के नाम पर की गई करोड़ों रुपये की अनियमितता की खबर को प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद पंचायती राज निदेशालय से डायरेक्टर ने जिला विकास अधिकारी योगेंद्र पाठक और अपर जिला पंचायत राज अधिकारी प्रमोद कुमार यादव से सात दिन के अंदर लिखित स्पष्टीकरण मांगा था. जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने भी कार्रवाई करते हुए जिला पंचायत राज विभाग के वित्तीय अधिकार जिला विकास अधिकारी से छीन लिए. अब इस मामले में ADRPO प्रमोद कुमार यादव को पद से हटा दिया गया है. शासन स्तर से ADPRO पर शासनिक जांच भी चल रही है, जिसमें मुरादाबाद के डिप्टी डायरेक्टर को जांच अधिकारी बनाया गया है.पंचायती राज निदेशालय से जारी हुआ पत्रउत्तर प्रदेश सरकार के पंचायती राज्य निदेशालय के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह के लेटर में बताया गया कि तत्काल प्रभाव से पीलीभीत के एडीपीआरओ प्रमोद कुमार यादव को हटाकर राजकुमार को पीलीभीत का नया डीपीआरओ बनाया जा रहा है.
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