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मुजफ्फरनगर पंचायत चुनावः ग्राम प्रधान से नाखुश गांव वाले, नहीं हुआ विकास

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 का आगाज हो चुका है. मुजफ्फरनगर में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर ETV भारत की टीम गांवों की ग्राउंड रिपोर्ट प्रस्तुत कर रही है. इस दौरान टीम जिले के सुजडू गांव में पहुंची. टीम ने वहां पर पंचायत चुनावों को लेकर ग्रामीणों के साथ बातचीत की. गांव के विकास के बारे में क्या कहते हैं ग्रामीण, रिपोर्ट में देखें...

मुजफ्फरनगर पंचायत चुनाव 2021
मुजफ्फरनगर पंचायत चुनाव 2021
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Published : Mar 9, 2021, 10:28 PM IST

मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 का आगाज हो चुका है. जनपद के ग्रामीण इलाकों में राजनीतिक सरगर्मियां पूरे जोर-शोर से शुरू हो गईं हैं. ग्राम प्रधान और जिला पंचायत सदस्य की दावेदारी कर रहे प्रत्याशियों ने अपना प्रचार-प्रसार अपने-अपने ढंग से शुरू कर दिया है. प्रत्याशी वोटरों को लुभाने के लिए बड़े-बड़े विकास के दावे कर रहे हैं. ऐसे में मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन भी चुनावी तैयारियों में जुट गया है, लेकिन पिछली योजनाओ में कितना विकास कार्य ग्रामीण अंचलों में हुआ, यह जानने के लिए जिला पंचायत वार्ड-8 के गांव सुजडू में लोगों से ETV भारत की टीम ने बातचीत की. ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र की जनता पिछले कई वर्षों से विकास की बाट जोह रही है.

मुजफ्फरनगर पंचायत चुनाव की ग्राउंड रिपोर्ट.
ग्राम सुजडू में नहीं हुआ कोई विकास

गांव सुजडू के निवासियों का कहना कि गांव में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है. चुनाव के समय सभी उम्मीदवार बड़े-बड़े दावे करते हैं. विकास का भरोसा दिलाकर वोट मांगते हैं. लोगों का कहना है कि गांव में न तो कोई सड़क निर्माण हुआ है और न ही गलियों में पानी निकासी के लिए नालियां ही बनाई गई हैं. सड़कें टूटी होने के कारण बरसात के दिनों में पानी भर जाता है. इससे क्षेत्रवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

इसे भी पढ़ें- पंचायत चुनाव 2021: विकास को तरस रहे ग्रमीणों ने चुनावी सरगर्मियों के बीच बताई मन की बात


गंदगी से अटी पड़ी नालियां

जिला पंचायत के वार्ड 10 में आने वाले गांव सुजडू में बनी नालियों और बड़े-बड़े नालों में पानी की निकासी के कोई इंतजाम नहीं किये गए हैं. घरों से निकलने वाला गंदा पानी नाली न होने के कारण सड़कों पर बहता है. क्षेत्र के बड़े नालो में कोई सफाई की व्यवस्था नहीं है. नालों में गन्दगी और पॉलीथिन की वजह से पानी की निकासी बाधित होती दिखाई पड़ रही है. इससे क्षेत्र में गंभीर बीमारियां होने की आशंका निरंतर बनी रहती है.


ग्रामीणों ने गिनाई समस्या

जिला पंचायत के वार्ड-8 ग्राम सुजडू के लोगों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि चुनाव के समय उमीदवार नेताओं की भीड़ वोट मांगने तो आती है, लेकिन चुनाव के बाद कोई भी नेता क्षेत्र में दिखाई नहीं पड़ता. पिछले कई वर्षों से यहां कोई भी विकास कार्य न तो गांव प्रधान द्वारा कराया गया और न ही जिला पंचायत सदस्य द्वारा. इस गांव की गलियों की सड़कें नहीं बनीं और न ही नालियां बनाई गईं. स्थानीय लोगों ने अब उम्मीद छोड़ दी है कि आने वाले चुनाव में कोई प्रत्याशी जीतने के बाद इलाके का विकास करेगा.

इसे भी पढ़ें- कानपुर देहात : चुनावी सरगर्मियों के बीच ग्रामीणों ने गिनाईं समस्याएं

नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

गांव सुजडू के लोगों को कोई भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा. यहां तक कि अभी भी गांव में लोग कच्चे घरों में रहने को मजबूर हैं. गांव में बने तालाब पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है. स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि इस तालाब के चारों ओर बाउंड्री होनी चाहिए, जिससे क्षेत्र के बच्चे सुरक्षित रहे. इसके साथ ही लोगों ने यह भी आरोप लगाए कि क्षेत्रवासियों को राशन भी पूरा नहीं मिल पाता है. लोगों ने कहा, 'भाजपा सरकार में बहुत ही अच्छी कल्याणकारी योजनाएं हैं. सरकार अपना काम बहुत बढ़िया कर रही है, लेकिन जिले में तैनात अधिकारीयों और कर्मचारियों की वजह से क्षेत्र वासियों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता. सभी सरकारी योजनाओं को अधिकरी और कर्मचारी आपस में बंदरबांट करके खा जाते हैं.'

मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 का आगाज हो चुका है. जनपद के ग्रामीण इलाकों में राजनीतिक सरगर्मियां पूरे जोर-शोर से शुरू हो गईं हैं. ग्राम प्रधान और जिला पंचायत सदस्य की दावेदारी कर रहे प्रत्याशियों ने अपना प्रचार-प्रसार अपने-अपने ढंग से शुरू कर दिया है. प्रत्याशी वोटरों को लुभाने के लिए बड़े-बड़े विकास के दावे कर रहे हैं. ऐसे में मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन भी चुनावी तैयारियों में जुट गया है, लेकिन पिछली योजनाओ में कितना विकास कार्य ग्रामीण अंचलों में हुआ, यह जानने के लिए जिला पंचायत वार्ड-8 के गांव सुजडू में लोगों से ETV भारत की टीम ने बातचीत की. ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र की जनता पिछले कई वर्षों से विकास की बाट जोह रही है.

मुजफ्फरनगर पंचायत चुनाव की ग्राउंड रिपोर्ट.
ग्राम सुजडू में नहीं हुआ कोई विकास

गांव सुजडू के निवासियों का कहना कि गांव में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है. चुनाव के समय सभी उम्मीदवार बड़े-बड़े दावे करते हैं. विकास का भरोसा दिलाकर वोट मांगते हैं. लोगों का कहना है कि गांव में न तो कोई सड़क निर्माण हुआ है और न ही गलियों में पानी निकासी के लिए नालियां ही बनाई गई हैं. सड़कें टूटी होने के कारण बरसात के दिनों में पानी भर जाता है. इससे क्षेत्रवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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गंदगी से अटी पड़ी नालियां

जिला पंचायत के वार्ड 10 में आने वाले गांव सुजडू में बनी नालियों और बड़े-बड़े नालों में पानी की निकासी के कोई इंतजाम नहीं किये गए हैं. घरों से निकलने वाला गंदा पानी नाली न होने के कारण सड़कों पर बहता है. क्षेत्र के बड़े नालो में कोई सफाई की व्यवस्था नहीं है. नालों में गन्दगी और पॉलीथिन की वजह से पानी की निकासी बाधित होती दिखाई पड़ रही है. इससे क्षेत्र में गंभीर बीमारियां होने की आशंका निरंतर बनी रहती है.


ग्रामीणों ने गिनाई समस्या

जिला पंचायत के वार्ड-8 ग्राम सुजडू के लोगों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि चुनाव के समय उमीदवार नेताओं की भीड़ वोट मांगने तो आती है, लेकिन चुनाव के बाद कोई भी नेता क्षेत्र में दिखाई नहीं पड़ता. पिछले कई वर्षों से यहां कोई भी विकास कार्य न तो गांव प्रधान द्वारा कराया गया और न ही जिला पंचायत सदस्य द्वारा. इस गांव की गलियों की सड़कें नहीं बनीं और न ही नालियां बनाई गईं. स्थानीय लोगों ने अब उम्मीद छोड़ दी है कि आने वाले चुनाव में कोई प्रत्याशी जीतने के बाद इलाके का विकास करेगा.

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नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

गांव सुजडू के लोगों को कोई भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा. यहां तक कि अभी भी गांव में लोग कच्चे घरों में रहने को मजबूर हैं. गांव में बने तालाब पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है. स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि इस तालाब के चारों ओर बाउंड्री होनी चाहिए, जिससे क्षेत्र के बच्चे सुरक्षित रहे. इसके साथ ही लोगों ने यह भी आरोप लगाए कि क्षेत्रवासियों को राशन भी पूरा नहीं मिल पाता है. लोगों ने कहा, 'भाजपा सरकार में बहुत ही अच्छी कल्याणकारी योजनाएं हैं. सरकार अपना काम बहुत बढ़िया कर रही है, लेकिन जिले में तैनात अधिकारीयों और कर्मचारियों की वजह से क्षेत्र वासियों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता. सभी सरकारी योजनाओं को अधिकरी और कर्मचारी आपस में बंदरबांट करके खा जाते हैं.'

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